माँ के आँचल में जो जन्नत है वो कहीं और नहीं है। माँ के पैरों में जो सुकून है, वो इस संसार में कहीं नहीं है। माँ अगर सोती भी है, तो भी अपने बच्चों के लिए फिक्रमंद होती है। माँ की तरह बच्चे का ख्याल कोई और नहीं रख सकता। माँ अपने बच्चों के लिए पहाड़ों जैसे सदमे झेल सकती है उम्र भर के लिए, लेकिन एक औलाद की तकलीफ माँ से देखी नहीं जा सकती है। एक माँ ये कभी सहन नहीं कर सकती कि उसका बच्चा परेशानी में हो। एक माँ अपने बच्चे की ख़ुशी के लिए कुछ भी कर गुजरती है। ऐसा ही कुछ हुआ है एक माँ के साथ। दरअसल 10 साल की बच्ची पैरों पर चल-फिर नहीं सकती थी। बच्ची के पैर में इन्फेक्शन हो गया था। वो इन्फेक्शन इतना फ़ैल गया था कि पैर में सूजन भी आने लगी। जांघ की हड्डियां गलने लगी थीं। वो ऑस्टियोमायलिटिस समस्या से पीड़ित हो गयी। ऐसे में डॉक्टर्स ने बोन प्लांट करना उचित समझा। बच्ची की माँ ने खुद की हड्डी का हिस्सा अपनी बेटी को देने का फैसला किया और मां की हड्डी का छोटा हिस्सा बेटी की जांघ में लगाया गया जिससे बच्ची अब डॉक्टर्स की देखरेख में चल रही है।