बुधवार को वाशिंगटन राज्य Washington State की एक अदालत Court ने अमेरिका US में चुनावी विज्ञापनों election advertisements से जुड़ी गड़बड़ियों के लिए फेसबुक की मूल कंपनी मेटा Facebook's parent company Meta पर लगभग 2.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर यानी 2 अरब रुपए से ज्यादा का जुर्माना fines लगा दिया है। इसे अमेरिकी इतिहास US history में राजनीतिक प्रचार अभियान से जुड़ी सबसे बड़ी वित्तीय सजा financial punishment के तौर पर देखा जा रहा है। किंग काउंटी सुपीरियर कोर्ट King County Superior Court के न्यायाधीश डगलस नॉर्थ Judge Douglas North ने वाशिंगटन के फेयर कैंपेन प्रैक्टिस एक्ट के तहत मेटा को राजनीतिक विज्ञापनदाताओं के नाम-पतों names and addresses का खुलासा न करने पर यह जुर्माना लगाया।
इस पूरे मामले पर मेटा ने कोई जवाब नहीं दिया है। वाशिंगटन के पारदर्शिता कानून के तहत मेटा को राजनीतिक विज्ञापनदाताओं political advertisements के नाम-पते बताने जरूरी हैं। कंपनी को ऐसे किसी भी यूजर को मांगने पर विज्ञापनदाताओं के नाम और पते बताने होंगे। लेकिन मेटा ने अदालत में बार-बार इस पर आपत्ति की। फेसबुक ने राजनीतिक विज्ञापनों के आर्काइव रखे हुए हैं, जिसको वह प्रसारित भी करता है, लेकिन इस कानून के तहत सूचना को जरूरी तौर पर सार्वजनिक करने का पालन नहीं किया। वहीं मेटा इंडिया Meta India के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक Vice President and Managing Director अजीत मोहन Ajit Mohan ने बृहस्पतिवार को इंटरनेट और इसकी सुरक्षा के संबंध में भारत की नीति की सराहना की।
मोहन ने अपने बयान में कहा कि, हम सरकारी विनियमन का स्वागत करते हैं। भारत में सरकार इंटरनेट सुरक्षा Internet Security के लिए कंपनियों को जवाबदेह ठहराने के बारे में मुखर रही है और हम इस एजेंडे के साथ पूरी तरह से जुड़े हुए हैं। मेटा इंडिया के प्रमुख ने कहा, जिस तरह से भारत सरकार ने देश में इंटरनेट सेवाओं Internet Services और व्यावहारिक रूप से डिजिटल सेवाओं Digital Services को बढ़ावा दिया है। यह एक उल्लेखनीय काम है।