Meta Fined: जुर्माने के बाद अब मेटा को देना होगा करोड़ों रुपये का कानूनी शुल्क

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31 Oct 2022
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News Synopsis

Meta Fined:  फेसबुक Facebook के मालिकाना कह वाली मूल कंपनी मेटा Meta पर अभी हाल ही में अमेरिका US के राज्य वाशिंगटन Washington में 25 मिलियन डॉलर यानी 2 अरब रुपए से ज्यादा का जुर्माना fines लगाया गया है। अब कोर्ट ने कंपनी को वाशिंगटन राज्य को कानूनी शुल्क legal fees के लिए 10.5 मिलियन डॉलर यानी करीब 86 करोड़ रुपए का भुगतान करने का भी आदेश दिया है। मेटा पर यह जुर्माना वाशिंगटन राज्य की एक अदालत  court ने अमेरिका में चुनावी विज्ञापनों election ads से जुड़ी गड़बड़ियों के लिए लगाया गया है। गौर करने वाली बात ये है कि हाल ही में मेटा पर तुर्की के प्रतिस्पर्धा कानून competition law of Turkey तोड़ने के लिए 18.63 मिलियन डॉलर यानी करीब 153 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था।

वहीं, द सिएटल टाइम्स The Seattle Times की रिपोर्ट के मुताबिक किंग काउंटी सुपीरियर कोर्ट King County Superior Court के न्यायाधीश डगलस नॉर्थ Judge Douglas North ने शुक्रवार को मेटा कंपनी को कानूनी शुल्क जमा करने का आदेश जारी किया। कोर्ट ने कंपनी को 30 दिनों के भीतर वायर ट्रांसफर, चेक या मनी ऑर्डर  checks or money orders द्वारा भुगतान करने का आदेश दिया है। यह राशि राज्य सार्वजनिक प्रकटीकरण आयोग Public Disclosure Commission को जानी है, जो अभियान वित्त कानूनों को लागू करता है। जबकि कि इस मामले में बताया जा रहा है कि यह अब तक के अमेरिकी इतिहास American history में सबसे बड़ा कैंपेन वित्तीय जुर्माना है, इसे राजनीतिक प्रचार अभियान political propaganda campaigns से जुड़ी गड़बड़ियों के लिए लगाया गया है। कोर्ट ने वाशिंगटन के फेयर कैंपेन प्रैक्टिस एक्ट fair campaign practices act के तहत मेटा को राजनीतिक विज्ञापनदाताओं के नाम-पतों का खुलासा न करने पर यह जुर्माना लगाया है।

इस पूरे मामले पर मेटा ने कोई जवाब नहीं दिया है। वाशिंगटन के पारदर्शिता कानून के तहत मेटा को राजनीतिक विज्ञापनदाताओं के नाम-पते बताने जरूरी हैं। कंपनी को ऐसे किसी भी यूजर को मांगने पर विज्ञापनदाताओं  political advertisers के नाम और पते बताने होंगे। लेकिन मेटा ने अदालत में बार-बार इस पर आपत्ति जाहिर की। फेसबुक ने राजनीतिक विज्ञापनों के आर्काइव रखे हुए हैं, जिसको वह प्रसारित भी करता है, लेकिन इस कानून के तहत सूचना को जरूरी तौर पर सार्वजनिक करने का पालन नहीं किया। 

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