ई-कॉमर्स कंपनी मीशो Meesho ने बुधवार को अपने FY24 के ऑडिटेड रिजल्ट्स की घोषणा की, जिसमें ऑपरेशन्स से रेवेनुए 33 प्रतिशत बढ़कर 7,615 करोड़ हो गया, जो FY23 में 5,735 करोड़ था, जो 62 करोड़ से 84 करोड़ तक डिलीवर किए गए ऑर्डर में 36 प्रतिशत की वृद्धि के कारण है। टियर II और III शहरों के खरीदारों पर ध्यान केंद्रित करने वाली और फ्लिपकार्ट और अमेज़ॅन के साथ प्रतिस्पर्धा करने वाली कंपनी ने कहा कि इसका ऑपरेटिंग कैश प्रवाह भी FY24 में पॉजिटिव होकर 232 करोड़ हो गया, जो FY23 में माइनस 2,303 करोड़ था, जो ई-कॉमर्स क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां मार्केट में लीडिंग प्लेयर्स के लिए मुनाफा कमाना मुश्किल रहा है।
मीशो ने कहा "रेवेनुए ग्रोथ मुख्य रूप से हमारे एनुअल ट्रांसक्शन करने वाले यूजर्स की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ हमारे मौजूदा लॉयल कस्टमर्स की हायर ऑर्डर फ्रीक्वेंसी से प्रेरित थी।"
इसके अलावा इसका अडजस्टेड लॉसेस भी FY23 में 1,569 करोड़ से 97 प्रतिशत घटकर FY24 में 53 करोड़ हो गया, जिसमें Employee Share Based Compensation एक्सपेंस शामिल नहीं है।
सॉफ्टबैंक और प्रॉसस समर्थित कंपनी के लिए घाटा भी कम हुआ, क्योंकि "ऑपरेशन से रेवेनुए के प्रतिशत के रूप में इसकी सेल्लिंग, जनरल और एडमिनिस्ट्रेटिव एक्सपेंस में तेजी से गिरावट आई, जो मजबूत कंस्यूमर अवेयरनेस और आर्गेनिक ट्रैक्शन के साथ-साथ मार्केट ई-कॉमर्स मॉडल के साथ आने वाले महत्वपूर्ण ऑपरेटिंग लिवरेज से प्रेरित था।"
मीशो ने FY24 में 145 मिलियन यूनिक Annual Transacting Users का दावा किया, "जिसका अर्थ है, कि भारत के लगभग 10 प्रतिशत लोगों ने हमारे प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से खरीदारी की है।" इसने भारत में सबसे अधिक डाउनलोड किया जाने वाला शॉपिंग ऐप होने का भी दावा किया, जिसने FY24 के दौरान कुल 500 मिलियन इंस्टॉल का आंकड़ा पार कर लिया।
कंपनी ने इस साल की शुरुआत में 275 मिलियन डॉलर जुटाए थे।
इस बीच वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट की मार्केटप्लेस शाखा फ्लिपकार्ट इंटरनेट ने भी FY23 से FY24 में रेवेनुए में 21 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 17,907 करोड़ की वृद्धि दर्ज की, जबकि घाटा भी 41 प्रतिशत कम होकर 2,358 करोड़ हो गया, जैसा कि टोफ्लर से प्राप्त रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया गया है।
सरकार के इन्वेस्ट इंडिया पोर्टल के अनुसार 2030 तक इंडियन ई-कॉमर्स मार्केट 325 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। 881 मिलियन यूजर्स के साथ भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट यूजर बेस है, और 2030 तक यह ऑनलाइन रिटेल इंडस्ट्री में तीसरे स्थान पर पहुंचने की उम्मीद है। वर्तमान में भारत में ई-कॉमर्स मार्केट का वैल्यू 70 बिलियन डॉलर है, जो देश के ओवरआल रिटेल मार्केट का लगभग 7 प्रतिशत है।