यदि मेहनत और लगन से कोई काम किया जाये तो सफलता कदम चूमती ही है। दिल से किये गये काम का फल एक दिन जरूर मिलता है और यदि ज्यादा लगन से काम किया जाये तो सफलता कम समय में ही घर पर दस्तक दे देती है। यही हुआ है महाराष्ट्र की 14 वर्ष की दीक्षा शिंदे के साथ। जिनकी मेहनत और लगन ने साबित कर दिया कि हर मंजिल को आसानी से पाया जा सकता है। दीक्षा को नासा की तरफ से फ़ेलोशिप का प्रस्ताव मिलने से देश का हर व्यक्ति उन्हें बधाई दे रहा है और खुश हो रहा है। खुश हो भी क्यों ना देश की बेटी ने दुनिया में अपने नाम के साथ देश का भी नाम जो रोशन किया है। दीक्षा को पैनेलिस्ट के रूप में फ़ेलोशिप मिलना देश के लिए बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इससे देश के अन्य छात्र भी प्रेरित होंगे और उनके अंदर कुछ कर दिखाने का जूनून पैदा होगा। देश में ऐसी कई प्रतिभाएं हैं जो या तो समय के अभाव के कारण कुछ नहीं कर पातीं या तो संसाधनों की कमी के कारण कुछ नहीं कर पातीं। ऐसे में हम सबका यह दायित्व है कि हम इन प्रतिभाओं को उभरने का अवसर दें।