किसी को कुछ करना हो तो उम्र मायने नहीं रखती । यह बात 12 साल के नगुरंग ताया पर सिद्ध होती है। जी हां इन्होंने कक्षा सातवीं में ही एलईडी बनाने का कारोबार शुरू कर दिया है। इसी के साथ वह अपने पिता के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। उन्होंने यह हुनर अपने पिताजी से सीखा है। दरअसल एक बार छोटे से नगुरंग ताया अपने पिताजी राजेश के पीछे पड़ गए कि वह उन्हें एलईडी बल्ब खोलकर दिखाएं और इसे बनाने से लेकर प्रश्न भी करने लगे, पिताजी ने बच्चे की जिज्ञासा को अच्छा मानते हुए उसे पूरी प्रक्रिया समझाई। सब कुछ समझने के बाद 12 साल के नगुरंग ने इसका निर्माण शुरू कर दिया। नगुरंग ने अपने चचेरे भाई को भी यह सब सिखाया और अब यह दोनों यह व्यापार कर रहे हैं। वह इस व्यापार को पूरे भारत में फैलाना चाहते हैं।
उनका व्यापार धीरे-धीरे अपने क्षेत्र में बढ़ रहा है। यह बच्चे चाहते हैं कि वह इस काम में पारंगत हासिल कर अपने व्यवसाय को पूरे भारत में जमा लेंगे। वहां के विक्रेताओं ने भी उनके एलईडी बल्ब की तारीफ की है। जो 1 साल की गारंटी के साथ दिया जाता है। इसकी कीमत भी आम एलईडी से थोड़ी कम है।