भारत India में टेलीकॉम दिग्गज रिलायंस जियो इंफोकॉम और भारती एयरटेल Reliance Jio Infocomm and Bharti Airtel 26 जुलाई से शुरू होने वाले 5G स्पेक्ट्रम 5G spectrum के लिए पहले से ही सबसे बड़े सौदे largest deals के लिए तैयारी कर चुके हैं। दूरसंचार उद्योग Telecom Industry के विशेषज्ञों की मानें तो, नीलामी क्रमशः 55,000 से 60,000 करोड़ रुपए और 45,000 से 50,000 करोड़ रुपए के बीच होने का अनुमान है। अडाणी समूह Adani Group की यूनिट अडाणी डेटा नेटवर्क्स और कैश स्ट्रैप्ड वीआई Adani Data Networks and Cash Strapped Vi के माध्यम से क्रमशः 13,000-15,000 करोड़ रुपए या 5,000-6,000 मिलियन रुपए की राशि में स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगा सकते हैं।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी जियो, दूसरे स्थान पर रहीं एयरटेल के नए प्रवेशकों अडाणी फॉर 5जी एयरवेव्स Adani for 5G Airwaves के बीच तीन-तरफा लड़ाई होगी, खासकर अत्यधिक प्रतिष्ठित लेकिन महंगे 3.3-3.67GHz बैंड में, जिसे सी-बैंड या मध्य के नाम से भी जाना जाता है। -बैंड। बैंड की कीमत 317.5 करोड़ रुपए प्रति यूनिट के बेस रेट से 10 फीसदी ज्यादा हो सकती है। वीआई और अन्य कंपनियों से भी 26 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने की उम्मीद है, जो बहुत अधिक किफायती है लेकिन फिर भी बहुत उपयोगी है।
बोली लगाने की रणनीतियों से परिचित एक उद्योग के वरिष्ठ ने भविष्यवाणी की है कि Jio 800, 1800 और 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम भी बढ़ाएगा। यह, मेनलाइन 5G बैंड (3.3GHz और 26GHz पढ़ें) के साथ मिलकर Jio को कवरेज और क्षमता Coverage and Capacity का मिश्रण हासिल करने की अनुमति देगा।
वहीं, सुनील मित्तल Sunil Mittal की एयरटेल नेटवर्क क्षमता Airtel Network Capacity बढ़ाने के लिए 900/1800/2300 मेगाहर्ट्ज बैंड पर रणनीतिक स्पेक्ट्रम टॉप-अप भी करेगी। 5G रोलआउट संभावित रूप से डेटा की खपत को बढ़ाएगा और नेटवर्क क्षमता को बढ़ाएगा।