अच्छी खबर ये है कि दुनिया world में भारत सस्ती दवाओं cheap drugs का केंद्र बनता जा रहा है। इसका सीधा फायदा देश के फार्मा निर्यात pharma export को मिलेगा। वर्ष 2030 तक फार्मा निर्यात में हर साल कम से कम पांच अरब डॉलर की बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। फार्मा एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल pharma export promotion council की माने तो गत वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का फार्मा निर्यात 24.47 अरब डॉलर का रहा जो वर्ष 2030 तक 70 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
दूसरी तरफ दवा के कच्चे माल raw material के उत्पादन production के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम production linked scheme (पीएलआई) की घोषणा के बाद 35 एक्टिव फार्मास्युटिकल्स इंग्रिडिएंट्स active pharmaceuticals ingredients का उत्पादन शुरू कर दिया गया है। जिनका अब तक भारत आयात करता था। मौजूदा समय में भारत का फार्मा बाजार करीब 47 अरब डॉलर का है। इनमें 22 अरब डॉलर का कारोबार घरेलू स्तर domestic level पर किया जाता है। दवा निर्यातकों drug exporters ने बताया कि सबसे बड़ी बात है कि भारत सस्ती दवा बनाता है और विश्व की 20 फीसद जेनेरिक दवा का सप्लायर भारत है। दुनिया में लगने वाली 60 फीसद वैक्सीन का सप्लायर supplier of vaccine भी भारत ही है।