G20: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष International Monetary Fund (IMF) ने भारत India को लेकर एक अहम बात कही है। आईएमएफ IMF ने अपने बयान में कहा है कि वह भारत के जी-20 एजेंडे G-20 agenda का पूरा समर्थन करता है, जो मौजूदा वैश्विक संकटों Global crises से संबंधित उन मुद्दों पर आम सहमति बनाने की योजना पर काम कर रहा है। साथ ही जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। गौर करने वाली बात येहै कि भारत ने बृहस्पतिवार को औपचारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता G-20 presidency ग्रहण की थी।
आईएमएफ के नीति समीक्षा विभाग की निदेशक सेला पजारबासियोग्लू Sela Pazarbasioglu ने अगले सप्ताह होने वाली भारत और चीन India and China की अपनी यात्रा से पहले संवाददाताओं से कहा कि भारत अधिक समृद्ध भविष्य के लिए एक सामूहिक एजेंडा Collective agenda एक साथ रख रहे हैं। भारत जारी वैश्विक संकटों से संबंधित उन मुद्दों पर आम सहमति बनाने की की योजना तैयार कर रहे हैं, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। वहीं पज़ारबासियोग्लू जाहिर तौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध Russia-Ukraine war के कारण खाद्य और ऊर्जा संकट Food and energy crisis का जिक्र कर रही थीं। उन्होंने कहा कि भारत के जी-20 एजेंडे का आईएमएफ ‘‘पूरी तरह समर्थन’’ करता है।
जी-20 की भारत की अध्यक्षता की थीम ‘वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ्यूचर One Earth, One Family and One Future’ है। आईएमएफ की अधिकारी ने कहा, "इसका मतलब यह है कि भारत मतभेदों को दूर करने और स्थानीय स्तर, संघीय स्तर, अंतरराष्ट्रीय स्तर International level पर काम करने की आवश्यकता को प्राथमिकता दे रहा है।" उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि इंडोनिशया Indonesia के बाली में जी-20 की घोषणा को अंजाम तक पहुंचाने में भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पज़ारबासियोग्लू ने कहा, “जैसा कि आप जानते हैं, हम पिछली दो मंत्रिस्तरीय बैठकों में कोई घोषणा करने में सफल नहीं रहे। मैं इसके विवरण में नहीं जाऊंगी कि इसमें कितने घंटे लगे। लेकिन इसलिए यह एक बड़ी उपलब्धि थी, जिसमें बहुत कठोर भाषा शामिल थी कि अधिकतर सदस्यों ने यूक्रेन में युद्ध की निंदा की।"
13 Oct 2022
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अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष International Monetary Fund यानी आईएमएफ IMF के एक वरिष्ठ अधिकारी Senior Official ने मंगलवार को कहा कि जब पूरी दुनिया आर्थिक विकास Economic Development के मामले में पिछड़ रही है, तो भारत India भी इससे अप्रभावित नहीं रह सकता, लेकिन दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में भारत का हाल बेहतर है। आईएमएफ IMF के एशिया और प्रशांत विभाग Department of Asia and the Pacific के निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन Krishna Srinivasan ने अपने बयान में कहा है कि अभी वैश्विक स्थिति Global Situation को देखें तो पता चलता है कि दुनिया के कई देशों में विकास धीमी पड़ गई है इसके साथ ही महंगाई बढ़ गई है।
श्रीनिवासन ने समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा कि "हम उम्मीद करते हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था Global Economy के एक तिहाई हिस्से वाले देश इस साल या अगले साल मंदी की चपेट में आ सकते हैं। मुद्रास्फीति Inflation बहुत अधिक है ओर यह व्यापक रूप से बढ़ती जा रही है। श्रीनिवासन ने कहा है कि जब लगभग हर देश की विकास गति धीमी पड़ रही है भारत तुलनात्मक रूप से भारत बेहतर कर रहा है और इस क्षेत्र के अन्य देशों की तुलना में अपेक्षाकृत उज्ज्वल स्थान पर है। गौर करने वाली बात ये है कि आईएमएफ ने मंगलवार को जारी अपने विश्व आर्थिक आउटलुक World Economic Outlook में भारत के लिए चालू वित्त वर्ष में विकास दर के पूर्वानुमान को 8.7 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है।
वहीं वर्ष 2023 के लिए वैश्विक विकास दर का अनुमान 6.1 प्रतिशत किया गया है। 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक तिहाई से अधिक हिससे में मंदी दिख सकती है। इससे दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं- संयुक्त राज्य अमेरिका United States, यूरोपीय संघ और चीन European Union and China भी प्रभावित होगा।