लोग अपनी मातृभाषा हिंदी से दूर इसीलिए भागते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि भविष्य में उन्हें नौकरी नहीं मिलेगी। अगर हिंदी में अपनी पढ़ाई पूरी करने पर युवाओं को रोजगार मिलेगा तो वे इस भाषा से दूर नही भागेंगे। किसी भी व्यक्ति का बौद्धिक विकास उसकी अपनी मातृभाषा में ही सर्वोत्तम ढंग से हो सकता है। हम जो भी सोचते हैं वह अपनी मातृभाषा में सोचते हैं इसलिए ये जरूरी है कि अध्ययन सामग्री ज्यादा से ज्यादा हिंदी भाषा में उपलब्ध हों।
हिंदी भाषा इतनी सरल और आसानी से समझे जाने वाली भाषा है इसलिए ये जरूरी है कि विज्ञान और इंजीनियरिंग की पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद हो और विद्यार्थियों को ये सारी पुस्तकें आसानी से उपलब्ध हों। हिंदी की प्रसिद्धि सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है इसीलिए ये हमारा कर्तव्य बनता है कि हम अपनी मातृभाषा को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल में लाएं। यहां तक कि इंटरनेट पर अंग्रेजी और चीनी भाषा के बाद हिंदी ही सबसे लोकप्रिय भाषा मानी जा रही है।