भारत India की केंद्र सरकार Central Government ने पिछले महीने ही विवादों में उलझा पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल Personal Data Protection Bill वापस लिया था। इसको लेकर सरकार ने कहा था कि वह एक नए कानून New Laws पर कार्य कर रही है। लगभग तीन वर्ष पहले लाए गए इस बिल में विदेश में डेटा भेजने को लेकर कड़े रेगुलेशंस Stringent Regulations का प्रस्ताव दिया गया था। इसके साथ ही कंपनियों से यूजर्स का डेटा मांगने की सरकार को शक्ति देने का भी सुझाव था। सीतारमण ने US-India Business Council की ओर से आयोजित समिट में बताया, "हम जल्द ही एक नया डेटा प्राइवेसी बिल New Data Privacy Bill लाएंगे।
यह विचार-विमर्श के बाद तैयार किया जाएगा और इससे प्राइवेसी बिल को लेकर लोगों की आशंकाओं का समाधान होगा।" संसद के एक पैनल की ओर से पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल में कई संशोधनों का सुझाव देने के बाद सरकार ने पिछले महीने इस बिल को वापस ले लिया था। सरकार ने इससे पहले बताया था कि पैनल ने 99 सेक्शंस के बिल में 81 संशोधन करने का सुझाव दिया है। इस बिल से गूगल और फेसबुक Google and Facebook जैसी बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों Technology Companies की चिंता बढ़ गई थी। इन कंपनियों का कहना था कि इससे उन पर कम्प्लायंस का बोझ और डेटा स्टोरेज की जरूरतें बढ़ जाएंगी। पिछले कुछ वर्षों में देश में इंटरनेट के जरिए अपराध के मामलों में तेजी आई है।
पिछले वर्ष देश में इस तरह के मामलों की संख्या लगभग 5 प्रतिशत बढ़ी है। जबकि, इनमें से केवल एक-तिहाई मामलों में ही चार्जशीट दाखिल की गई है। सायबर क्राइम के अधिकतर मामले फ्रॉड से जुड़े थे। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो National Crime Records Bureau (NCRB) के डेटा से पता चलता है कि पिछले वर्ष सायबरक्राइम के 52,974 मामलों की रिपोर्ट मिली थी। इनमें से 70 प्रतिशत से अधिक असम Assam, कर्नाटक, तेलंगाना Karnataka, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश Maharashtra and Uttar Pradesh जैसे राज्यों से थे।