भारतीय बाजारों Indian markets से एफपीआई FPI का लगातार निकासी का सिलसिला अप्रैल April में भी जारी रहा। इंडियन मार्केट में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों foreign portfolio investors (एफपीआई) की निकासी लगातार सातवें महीने भी जारी रही है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक American Central Bank द्वारा आक्रामक तरीके से ब्याज दरों Interest rates में वृद्धि की आशंका के बीच एफपीआई (FPI) ने अप्रैल में भारतीय शेयर बाजारों Indian stock markets से 17,144 करोड़ रुपए निकाल लिए हैं। विशेषज्ञों की माने, तो निकट भविष्य में धारणा में उतार-चढ़ाव कायम रहेगा।
वैश्विक स्तर global level पर आक्रामक दरों से ब्याज दरों में बढ़ोतरी तथा कच्चे तेल Crude Oil की ऊंची कीमतों की वजह से धारणा प्रभावित रहेगी। यही वजह है कि शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक foreign portfolio investors 7 महीनों यानी अप्रैल तक बिकवाली करते रहे हैं और उन्होंने शेयरों से 1.65 लाख करोड़ रुपए की भारी राशि निकाली है। इसकी प्रमुख वजह अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक तरीके से वृद्धि की आशंका और यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पैदा हुआ भू-राजनीतिक संकट geopolitical crisis को माना जा रहा है।