प्रत्येक व्यक्ति यह सपना देखता है कि वह किसी अच्छी कंपनी में अच्छी नौकरी करे। ऐसे बहुत कम व्यक्ति मिलते हैं, जो पिता के द्वारा विरासत में मिली कृषि को अपने व्यवसाय का जरिया बनाये और उस क्षेत्र में कार्य करे। यदि ऐसे कुछ लोग मिल भी गए तो उनके लिए यह काम बोझ लगता है। परन्तु इस मिथ्या को तोड़ा है गुजरात के रहने वाले आनंद ने जिन्होंने अपने पिता के द्वारा की जा रही कृषि को अपने व्यवसाय के रूप में चुना। अपने दृढ लगन और कड़े संघर्ष के दम पर आनंद ने अपने पिता के घाटे का सौदा साबित हो रहे कृषि को सफल व्यवसाय के रूप में स्थापित किया। साथ ही उन्होंने केवल ऑर्गेनिक विधि को ही अपने कृषि क्षेत्र में उपयोग किया जिससे जमीन और फसल की गुणवत्ता को भी उन्होंने अच्छा बनाया। आनंद ने किसानों की मेहनत को सीधे बाजार से जोड़ा जिसके कारण उन्होंने किसानों को उनके मेहनत के आधार पर उत्पादों का मूल्य मिलने में समर्थ बनाया। गुजरात के आनंद आज हज़ारों किसानों के लिए प्रेरणा हैं, जो अन्य किसानों को ऑर्गेनिक खेती के माध्यम से खेती करने के तरीके सिखा रहे हैं।