ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट Flipkart की क्विक कॉमर्स शाखा फ्लिपकार्ट मिनट्स Flipkart Minutes का लक्ष्य 2025 के अंत तक 800 डार्क स्टोर खोलना है, कंपनी के ग्रुप सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति Kalyan Krishnamurthy ने कहा।
उन्होंने कहा "हमने इस प्रोडक्ट को लगभग नौ महीने पहले लॉन्च किया था।" "हमने लगभग 100 स्टोर के साथ लॉन्च किया था, और अब हम लगभग 300 स्टोर खोलने वाले हैं।"
देश में क्विक कॉमर्स कंपनियाँ अपने डार्क स्टोर नेटवर्क का तेज़ी से विस्तार कर रही हैं, भले ही इसके लिए उन्हें पहले से ज़्यादा पैसे खर्च करने पड़ें।
दिसंबर 2023 के अंत तक ज़ोमैटो के स्वामित्व वाली ब्लिंकिट के लगभग 1,007 स्टोर थे। स्विगी इंस्टामार्ट के लगभग 705 स्टोर थे।
स्विगी इंस्टामार्ट ने मार्च तक अपने डार्क स्टोर की संख्या 1,000 तक ले जाने का फ़ैसला किया, जबकि ब्लिंकिट का लक्ष्य दिसंबर तक इसे दोगुना करके 2,000 करना है।
टाटा के स्वामित्व वाली बिगबास्केट ने भी क्विक डिलीवरी मॉडल में कदम रखा है, और मार्च तक डार्क स्टोर की संख्या 800 तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। दूसरी सबसे बड़ी कंपनी ज़ेप्टो वर्तमान में लगभग 750 स्टोर संचालित करती है, और जल्द ही इसे 1,200 तक ले जाने का लक्ष्य रखती है। यह अपनी फाइनेंसियल स्थिति को बेहतर बनाने पर भी काम कर रही है, क्योंकि इसका लक्ष्य इस साल आईपीओ के ज़रिए पैसे जुटाना है।
वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट ने इस क्षेत्र में प्रवेश करने में अपेक्षाकृत देर की। इसने पिछले साल अगस्त में बैंगलोर से मिनट्स की शुरुआत की। हालाँकि अब इसने प्रमुख शहरों में तेज़ी से अपना विस्तार किया है। यह मार्केट शेयर हासिल करने के लिए अधिकांश प्रोडक्ट्स पर सबसे ज़्यादा डिस्काउंट भी दे रहा है।
BofA ग्लोबल रिसर्च के अनुसार मिनट्स पर इलेक्ट्रॉनिक्स के प्राइस पॉइंट्स कॉम्पिटिटर्स की तुलना में आकर्षक हैं, संभवतः सोर्सिंग में फ्लिपकार्ट की मुख्य ताकत के कारण।
अनलिस्ट्स के अनुसार फ्लिपकार्ट को चाइना में अपने मूल अनुभव से लाभ होगा, जहाँ यह पहले से ही एक क्विक कॉमर्स बिज़नेस चलाता है। वहाँ यह क्लाउड डिपो ऑपरेट करता है, जो डार्क स्टोर्स के समान है, जो 15 से 60 मिनट में प्रमुख शहरों में डिलीवरी प्रदान करता है।
इसके अलावा कंपनी मैक्सिको में भी इस मॉडल का प्रयोग कर रही है, जहां पहले से ही इसके करीब 4,000 स्टोर का बड़ा नेटवर्क है।
बड़े शहरों में यह 45 मिनट के भीतर प्रोडक्ट्स की डिलीवरी की ऑफरिंग कर रही है। हालांकि जल्द ही यह घटकर 15-30 मिनट रह जाने की उम्मीद है।
एनालिस्ट ने कहा "फ्लिपकार्ट जल्द ही बढ़त हासिल कर सकता है, क्योंकि यह पहले से ही ई-कॉमर्स के लॉजिस्टिक्स और बैक-एंड ऑपरेशन को समझता है।"
कल्याण कृष्णमूर्ति ने कहा कि देश में टॉप 30-40 शहरों के कस्टमर्स स्पीड और कन्वेनैंस को प्राथमिकता देते हैं। हालांकि छोटे शहरों में लगभग 300 मिलियन यूज़र्स के लिए मुख्य मांग प्रोडक्ट्स की विविधता और वैल्यू है।
कंपनी ने अपने प्लेटफॉर्म पर कस्टमर्स के अनुभव को बेहतर बनाने और ज़्यादा पर्सनलाइज़ेशन देने के लिए AI को अपनाने में भी तेज़ी लाई है। उन्होंने कहा कि देश के यंग कस्टमर्स कैटलॉग में सिर्फ़ इमेज और टेक्स्ट के बजाय वीडियो को ज़्यादा पसंद करते हैं।
उन्होंने कहा "इसलिए हम इन सभी कैटलॉग को वीडियो में बदलने के लिए एआई का उपयोग कर रहे हैं, और सेलर्स को कॉस्ट-इफेक्टिव तरीके से ऐसा करने के लिए टूल्स दे रहे हैं।"
फ्लिपकार्ट भी आईपीओ के लिए तैयार है, और उसने अपना आधार वापस भारत में स्थानांतरित कर दिया है। कंपनी अगले कुछ महीनों में अपना डीआरएचपी दाखिल करने की संभावना है, और इसका लक्ष्य 2026-27 में लिस्ट होना है।