पूरे देश में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसे आलू के पराठे पसंद नहीं होंगे। व्यक्ति का पसंदीदा भोजन होता है, आलू का पराठा। परन्तु अब आलू के पराठे खाने की चाहत रखने वाले व्यक्तियों के लिए चिंता का विषय बन गया है उस पर लगने वाला 18 प्रतिशत GST, जो पैक किये हुए आलू के पराठों पर लगेगा। गुजरात की बेंच ने अपने फैसले में लिफाफा बंद पराठों को GST के दायरे में रख दिया है। हालाँकि रोटियाँ 5 प्रतिशत GST के दायरे में आती हैं, ऐसे में पराठों पर 18 प्रतिशत GST का कोई मतलब समझ नहीं आता है। यह व्यक्ति के रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा है। कई खाने के सामान को GST के दायरे में नहीं रखा गया है। आलू के पराठे पर 5 प्रतिशत GST पहले लगा था। यदि ज़रूरत थी, तो इस पर 12 प्रतिशत GST लगाया जा सकता था। 18 GST खाने के सामान पर लगना सही नहीं है।