दुनियाभर में प्रदूषण के कारण जलवायु परिवर्तन का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरुप कार्बन उत्सर्जन के बढ़ते स्तर को लेकर वैज्ञानिक पहले भी कई बार चिंता जाहिर कर चुके हैं। फिर भी विकास की होड़ में अधिकतर देश जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता बढ़ाते जा रहे हैं। इसके बावजूद carbon emissions पर लगाम लगाने के बजाय ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में लगे हुए हैं। जिसके चलते वैज्ञानिकों ने एक स्टडी के जरिये जिसमें 16वीं, 21वीं सदी और 26वीं सदी में पैदा हुए माहौल की तुलना की गई है बताया कि Greenhouse गैसों के बढ़ते खतरे को दर्शाने के लिए अगर कार्बन उत्सर्जन आज के ही स्तर पर जारी रहा, तो 2500 तक आते-आते अमेजन के जंगल बंजर जमीन रह जाएंगे।