भारतीय रुपया Indian Rupee डॉलर के मुकाबले टूटकर 80 के करीब पहुंच गया है। रुपए की कीमत में लगातार गिरावट से न सिर्फ महंगाई Inflation और बढ़ेगी बल्कि कच्चे तेल Crude oil से लेकर इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का आयात Import of electronic products महंगा हो जाएगा। साथ ही विदेश में पढ़ाई Study abroad और विदेशी यात्रा Foreign travel पर पहले से अधिक खर्च करना होगा। अगर बात करें रुपए में गिरावट की तो इसका प्राथमिक और तात्कालिक प्रभाव Primary and immediate effect आयातकों पर पड़ता है, जिन्हें समान मात्रा के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ती है।
जबकि, शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 8 पैसे मजबूत होकर 79.91 पर बंद हुआ। इंडियन करेंसी रुपए में गिरावट से आयात महंगा हो जाएगा क्योंकि आयातित वस्तुओं के भुगतान के लिए आयातकों को डॉलर खरीदने की जरूरत पड़ती है। भारत कच्चा तेल, कोयला, प्लास्टिक उत्पाद Plastic products, रसायन Chemicals, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद Electronic products, वनस्पति तेल Vegetable oil, उर्वरक Fertilisers, मशीनरी Machinery, सोना Gold, मोती Pearls, कीमती पत्थर Precious Stone, लोहा और इस्पात Iron and Steel का आयात करता है।
वहीं देश में पेट्रोल Petrol, डीजल और विमान ईंधन Diesel and Aircraft Fuel की जरूरतों का 85 फीसदी आयात किया जाता है। फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने बताया है कि, घरेलू मुद्रा का मूल्य घटने से भारत का आयात बिल Import Bill बढ़ेगा। महंगाई को संभालना और मुश्किल हो जाएगा।