एक फसल जो स्वदेशी नहीं है पर फिर भी किसानों को मुनाफा दे रही है। वो है कोको की खेती। सबसे पहले कोको लगभग 55 साल पहले केरल में मोंडेलेज इंडिया द्वारा पेश किया गया था। आज लगभग 1,00000 किसान कोको लाइफ का हिस्सा हैं। इस फसल को एक अंतर्फसल के रूप में उगाया जाता है। इससे ये फायदा होता है कि किसान पूरे साल आय प्राप्त कर सकते हैं। मोंडेलेज इंटरनेशनल, कोको समुदाय के लोगों के जीवन को सफल बनाने के लिए उनको प्रशिक्षित करते हैं। कोको की खेती करने वाली महिलाओं ने बताया कि कैसे कोको की खेती ने उनका जीवन आसान बना दिया है। आंध्र प्रदेश की एक किसान ने बताया कि कोको की खेती से पहले हमारी आय कम थी।