जिस कृषि से हमें जीवन मिलता है हर साल उसी कृषि से सैकड़ों टन कचरा निकलता है, जो एक जगह इकठ्ठा ना हो इसलिए किसान इसे जला देते हैं और जो वायु प्रदुषण और भूमि प्रदुषण का एक बड़ा कारण बनता है। हम सब इस बात को बड़े हल्के में ले लेते हैं, पर यह समस्या समय के साथ बढ़ती जा रही जिस पर हम ध्यान नहीं दे रहे। मुंबई के कौशिक वरदान ने इस समस्या को समझा भी और इससे निजात पाने के लिए इस तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित किया जो कई लोगों के लिए प्रेरणा है। अपशिष्टों को केवल खाद के रूप में इस्तेमाल करने वाले लोगों को कौशिक ने बताया कि हम इससे कपड़े बनाने का काम भी कर सकते हैं, जिसमें कपड़े की गारन्टी भी रहती है और व्यवसाय के रूप में भी यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है। अपनी माँ के साथ इस क्षेत्र में काम करके और सफलता हांसिल करके कौशिक वरदान ने यह साबित कर दिया कि हम वातावरण को शुद्ध रखकर भी ऐसे काम कर सकते हैं जो हमें बढ़िया जीवन शैली दे सकती है। प्राकृतिक फाइबर से बन रहे कपड़े आज लोगों की पहली पसंद है, जिसमें कृषि से हो रहे कचरे का सही इस्तेमाल हो रहा है। TWN कौशिक वरदान की इस सोच को सलाम करता हैं।