गौरवशाली इतिहास वाले पूर्वोत्तर में बहुत से आधुनिक परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। यह विविधाओं से परिपूर्ण पूर्वोत्तर की जातीय परंपरा, सांस्कृतिक और भाषाई विरासत अतुलनीय है। पूर्वोत्तर पूंजी, प्राकृतिक संसाधनों, जैव विविधता और प्राकृतिक सुंदरता हर प्रकार से समृद्ध है। यही कारण है कि पूर्वोत्तर पर्यटन का केंद्र बनने की भरपूर संभावना है। पूर्वोत्तर में देश के विकास का इंजन बनने की क्षमता है। आठ राज्यों वाले इस पूर्वोत्तर में प्रकृति का वरदान और सबसे सुन्दर रूप देखने को मिलता है। विकास की ओर अग्रसर पूर्वोत्तर में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भी होने की पूरी संभावना है।