माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण से पर्यावरण को बड़ा खतरा

1782
11 Sep 2021
5 min read

News Synopsis

ग्लोबल वार्मिंग, महामारी और आपदाओं का खतरा तो दुनिया पर पहले से था ही लेकिन अब माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण से भी पर्यावरण को बड़ा खतरा है। माइक्रोप्लास्टिक के कण पानी और यहाँ तक की मिट्टी में मिल रहे हैं और इनके जरिए ये हमारे ऊपर दुष्प्रभाव डाल रहे हैं। माइक्रोप्लास्टिक के कण शाकाहारी और मांसाहारी दोनों भोजन में उपस्थित हैं। इसके कुप्रभाव से इंसान, पशु और पक्षी सब परेशान हैं, लेकिन अभी भी इसके रोकथाम के लिए लोगों के पास उपाय नहीं हैं। 

माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए दिल्ली के गैर सरकारी संगठन टाक्सिक लिंक और स्वीडिश सोसायटी फार नेचर कंजर्वेशन ने मिलकर ढाई मिनट की एक फिल्म तैयार की है।

फिल्म में दिखाया गया है कि हर साल कम से कम आठ मिलियन के करीब प्लास्टिक समुद्र में जाता है और यही प्लास्टिक टूटकर माइक्रोप्लास्टिक का रूप लेता है। यह मछलियों के शरीर के अंदर जाता है और उन्हीं मछलियों का बाद में हम सेवन करते हैं। यही कारण है कि अच्छा भोजन करने के बावजूद भी लोगों को कई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। समुद्र से प्लास्टिक को हटाना कठिन है और माइक्रोप्लास्टिक के कण तो अब हवा में भी मौजूद हैं।

 

Podcast