बजाज ऑटो Bajaj Auto का सीएनजी मोटरसाइकिलों में प्रवेश फ्रीडम 125 के साथ फलदायी साबित हो रहा है।
वाहन के आंकड़ों के अनुसार कंपनी ने अक्टूबर में अब तक फ्रीडम 125 की 8,310 से अधिक यूनिट्स रजिस्टर्ड की हैं, जो सितंबर के पूरे महीने की तुलना में 68 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर है।
यह इस साल जुलाई में लॉन्च होने के बाद से इसकी उच्चतम संख्या है, और महीने के अंत तक इसके 9,000 के करीब पहुंचने की संभावना है।
और कंपनी मजबूत मांग पाइपलाइन के साथ तीसरी तिमाही में 30,000 यूनिट्स और Q4 में 40,000 यूनिट्स के थोक प्रेषण को बढ़ाने की योजना बना रही है, विशेष रूप से हाल ही में बेस मॉडल (95,000 रुपये) की डिलीवरी के साथ जो इसके प्रीमियम मॉडल (1.05 लाख रुपये) के साथ मार्केट में प्रवेश किया था।
दिलचस्प बात यह है, कि कुछ राज्यों में इसे काफी लोकप्रियता मिली है। सितंबर में दिल्ली में रजिस्टर्ड टू-व्हीलर में सीएनजी बाइक की हिस्सेदारी 1.3 प्रतिशत और गुजरात में 1.2 प्रतिशत थी, जबकि एवरेज नेशनल स्तर पर इसकी हिस्सेदारी 0.6 प्रतिशत रही, जो न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में एक नई कैटेगरी है। दिल्ली और महाराष्ट्र के अलावा इसके टॉप फाइव मार्केट्स में मध्य प्रदेश और हरियाणा शामिल हैं।
आनंद राठी के अनलिस्ट्स का अनुमान है, कि बजाज के लिए सीएनजी की सेल महत्वपूर्ण होगी। उन्हें उम्मीद है, कि FY25 में ऐसी सेल 240,000 तक पहुँच जाएगी, जो डोमेस्टिक टू-व्हीलर की सेल का 6 प्रतिशत है। FY26 में यह 21 प्रतिशत तक बढ़ सकता है, क्योंकि कंपनी 700,000 से अधिक सीएनजी बाइक बेच सकती है।
बजाज ऑटो के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राकेश शर्मा Rakesh Sharma Executive Director Bajaj Auto ने कहा कि मार्केट में सीएनजी की हिस्सेदारी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के बराबर होगी। इसलिए अगर 5-7 प्रतिशत मोबाइक इलेक्ट्रिक हो जाती हैं, तो सीएनजी मोबाइक के लिए समान हिस्सेदारी न होने का कोई कारण नहीं है।
इस प्रोडक्ट ने अपने कई फायदों के कारण कंस्यूमर्स को आकर्षित किया है। इसकी फ्यूल कॉस्ट पेट्रोल मोबाइक की तुलना में 50 प्रतिशत है, और रेंज की चिंता इस तथ्य से दूर हो जाती है, कि इसमें सीएनजी खत्म होने की स्थिति में एक छोटा पेट्रोल टैंक भी होता है।
इस कदम को सही ठहराने वाली बात यह है, कि देश भर में सीएनजी-फ्यूल स्टेशनों का तेजी से प्रसार हो रहा है। 365 से अधिक शहरों में 4,650 से अधिक सीएनजी स्टेशन हैं। वे टू-व्हीलर मार्केट के 70 प्रतिशत हिस्से को कवर करते हैं।
बजाज ऑटो की सफलता ने प्रतिद्वंद्वियों को भी इस क्षेत्र में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है। टीवीएस ने कहा कि वह इस सेगमेंट में प्रवेश करेगी। लेकिन अनलिस्ट्स का कहना है, कि प्रोडक्ट की कम्प्लेक्सिटी के कारण प्रतिस्पर्धियों को प्रोडक्ट बनाने में कम से कम दो साल लगेंगे। जबकि ओला इलेक्ट्रिक वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 79,999 की बहुत कम आधार कीमत पर अपनी इलेक्ट्रिक मोबाइक लॉन्च करने वाली है, बजाज ऑटो ने इलेक्ट्रिक मार्केट से दूर रहने और इस क्षेत्र पर कड़ी नजर रखने का फैसला किया है।