फूड्स FMCG कंपनी अडानी विल्मर लिमिटेड Adani Wilmar Limited ने हरियाणा स्टेट के सोनीपत जिले के गोहाना में अपने इंटीग्रेटेड फूड प्रोसेसिंग प्लांट में ऑपरेशन शुरू करके एक महत्वपूर्ण कदम स्थापित किया है।
उद्घाटन समारोह में 100 मीट्रिक टन चावल की पहली खेप भेजी गई।
यह फ़ूड काम्प्लेक्स देश के सबसे बड़े परिसरों में से एक है, जिसे IPO आय से प्राप्त ₹1,298 करोड़ की कैपिटल से बनाया गया है। यह प्लांट क्षेत्र के लिए एक प्रमुख आर्थिक उत्प्रेरक बनने के लिए तैयार है, जिसमें डायरेक्ट और इनडायरेक्ट एम्प्लॉयमेंट के माध्यम से 2000 नौकरियां पैदा करने का अनुमान है।
अडानी विल्मर की सबसे बड़ी ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट एक विशाल इंटीग्रेटेड फ़ूड काम्प्लेक्स लगातार प्रगति कर रही है, जो विज़न को लाइफ में ला रही है: आज तक 10,000 मीट्रिक टन स्टील स्ट्रक्चर, 7,500 मीट्रिक टन टोर स्टील और 100,000 सीमेंट बैग का उपयोग किया गया है, जो इस महत्वाकांक्षी प्रयास में महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।
इस प्रोजेक्ट के लिए प्लानिंग, डिजाइन और एक्सेक्यूशन में एक्सटेंसिव इंजीनियरिंग प्रयासों की आवश्यकता थी, जिससे फ़ूड प्रोडक्शन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले ट्रांस्फॉर्मटिव इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव रखी जा सके।
अडानी विल्मर लिमिटेड के एमडी और सीईओ अंगशु मलिक Angshu Mallick ने कहा "हमारे गोहाना प्लांट की शुरुआत भारत की फ़ूड सिक्योरिटी और इकनोमिक ग्रोथ के प्रति हमारी कमिटमेंट में एक महत्वपूर्ण कदम है।
"यह कटिंग-एज फैसिलिटी एडवांस्ड टेक्नोलॉजी और वर्ल्ड-क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर लाकर एक स्वस्थ बढ़ते राष्ट्र का समर्थन करने के हमारे मिशन का उदाहरण है, ताकि नागरिकों को बेस्ट क्वालिटी ब्रांडेड स्टेपल फूड्स तक पहुँच सुनिश्चित हो सके। हमारे पास एक सेंट्रल ऑडिट सिस्टम है, जो क्वालिटी जाँच सुनिश्चित करता है।"
"हम सुनिश्चित करते हैं, कि हमारे सभी विनिर्देश FSSAI आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, और हमारे सभी प्लांट अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ़ बेकर्स स्टैंडर्ड का पालन करते हैं, जिसके 280 से अधिक बिंदु हैं, जिन पर ऑडिट किया जाता है।
"हमारे सभी प्रयास लोगों को बेस्ट क्वालिटी फ़ूड प्रोडक्ट्स प्रदान करने की दिशा में हैं। हमारी प्रोडक्शन क्षमताओं को बढ़ाने के अलावा यह प्लांट पर्याप्त रोजगार के अवसर पैदा करेगा, सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा और समुदायों को फलने-फूलने के लिए सशक्त बनाएगा," अंगशु मलिक ने कहा।
लार्सन एंड टुब्रो टेक्नोलॉजी सर्विसेज द्वारा डिजाइन की गई यह सुविधा 85 एकड़ में फैली हुई है, और फ़ूड प्रोडक्ट्स की एक रेंज का प्रोडक्शन करने के लिए एडवांस्ड टेक्नोलॉजी से लैस है। 627,000 मीट्रिक टन की कुल एनुअल प्रोडक्शन क्षमता के साथ यह प्लांट चावल, गेहूं का आटा, सूजी, रवा और मैदा सहित 4,50,000 मीट्रिक टन फ़ूड प्रोडक्ट्स का निर्माण करेगा, साथ ही 2,00,000 मीट्रिक टन एडिबल आयल जैसे सरसों का तेल, चावल की भूसी का तेल और कपास के बीज का तेल, इसके अलावा पशु आहार के लिए सरसों डीओसी और राइसब्रान डीओसी का निर्माण करेगा।
लार्सन एंड टुब्रो टेक्नोलॉजी सर्विसेज के प्लांट इंजीनियरिंग, ग्लोबल डिलीवरी हेड-एफएमसीजी, पवन कुमार जेटली ने कहा "इंटीग्रेटेड फैसिलिटी वर्ल्ड-क्लास फ़ूड प्रोसेसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में एलएंडटी की एक्सपेर्टीज़ को प्रदर्शित करती है। 85 एकड़ का यह प्लांट कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजीज और सस्टेनेबल डिजाइन सिद्धांतों को शामिल करता है, जो इंडस्ट्री में नए बेंचमार्क स्थापित करता है। हमें इस प्रोजेक्ट को पूरा करने पर गर्व है, जो भारत की फ़ूड प्रोसेसिंग क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देगी।"
इंटीग्रेटेड फैसिलिटी ग्लोबल टेक्नोलॉजी लीडर्स द्वारा तैयार की गई विशेष प्रोसेसिंग यूनिट्स से सुसज्जित है। सताके कॉर्पोरेशन ने कटिंग-एज राइस प्रोसेसिंग यूनिट विकसित की, जो हाई क्वालिटी और एफिशिएंसी सुनिश्चित करती है, जबकि बुहलर ग्रुप ने एडवांस्ड 350 टीपीडी व्हीट प्रोसेसिंग यूनिट तैयार की, जिसमें 200 टीपीडी साबुत गेहूं आटा लाइन शामिल है, जो ऑप्टीमल एक्सट्रैक्शन और न्यूट्रिशनल वैल्यू के साथ बेहतर आटा प्रोडक्शन प्रदान करती है।
हमने एडवांस्ड इंजीनियरिंग सिस्टम और सस्टेनेबल स्ट्रक्चरल डिजाइनों में उनकी एक्सपेर्टीज़ के लिए अल्फा लावल इंडिया, मैकटेक सॉल्यूशंस और किर्बी बिल्डिंग सिस्टम्स के साथ भी साझेदारी की है।
प्लांट में पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए कई सस्टेनेबल और एनर्जी-एफ्फिसिएंट टेक्नोलॉजीज को शामिल किया गया है। यह बायोमास फ्यूल का उपयोग करेगा और इसमें Central Ground Water Board मानदंडों के अनुरूप रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है।
5.6 मेगावाट बिजली पैदा करने की क्षमता वाले रूफटॉप सोलर पैनल लगाए जाने की प्रोसेस में हैं, साथ ही स्थानीय क्षेत्र में किसी भी तरह के पानी के रिसाव को रोकने के लिए जीरो-लिक्विड डिस्चार्ज सिस्टम भी लगाया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त प्लांट में एक को-जनरेशन प्लांट है, जो 3.2 मेगावाट बिजली पैदा करने में सक्षम है, जो एनर्जी जनरेशन के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है।
यह रणनीतिक निवेश स्थानीय आर्थिक विकास में योगदान करते हुए भारत की फूड प्रोसेसिंग क्षमताओं को मजबूत करने के अडानी विल्मर के दृष्टिकोण के अनुरूप है। हरियाणा के कृषि क्षेत्र में प्लांट का स्थान कच्चे माल तक आसान पहुँच सुनिश्चित करता है, जबकि किसानों को उनकी उपज के लिए सीधा मार्केट प्रदान करता है।