अमेरिका में कोरोना काल में भर्ती 150 मरीज़ों के ऊपर एक अध्ययन में पाया गया कि 73 प्रतिशत मरीजों को डिलीरियम या चित्तविभ्रम नामक बीमारी थी। दरअसल चित्तविभ्रम एक गंभीर स्थिति है, जिसमें दिमाग के ठीक तरह से काम न करने के कारण व्यक्ति भ्रम, उत्तेजना में रहता है और स्पष्ट रूप से सोच-समझ नहीं पाता। डिलीरियम से ही दिमाग में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है और साथ ही खून के थक्के जम सकते हैं , जिससे सोचने-समझने की क्षमता खो सकती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक चित्तविभ्रम के मरीजों में दिमाग में सूजन बढ़ गयी। दिमाग में सूजन से भ्रम और बेचैनी बढ़ सकती है, जिसके कारण दिमाग ठीक तरह से काम करना बंद हो जाता है।