विश्व पर्यटन दिवस

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26 Sep 2023
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पर्यटन के महत्व और वैश्विक अर्थव्यवस्था, संस्कृति और पर्यावरण पर इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है।
पर्यटन एक शक्तिशाली क्षेत्र है जो कई तरीकों से सतत विकास में योगदान दे सकता है। यह नौकरियाँ पैदा कर सकता है, राजस्व उत्पन्न कर सकता है, सांस्कृतिक विरासत की रक्षा कर सकता है और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे सकता है।

हालाँकि, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि पर्यटन को टिकाऊ तरीके से विकसित और प्रबंधित किया जाए, ताकि इससे स्थानीय समुदायों, व्यवसायों और पर्यावरण सहित सभी हितधारकों को लाभ हो सके।
संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) ने विश्व पर्यटन दिवस 2023 world tourism day 2023 के लिए "पर्यटन और हरित निवेश"
"Tourism and Green Investments" विषय को चुना है।

यह विषय सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए स्थायी पर्यटन में बढ़े हुए और लक्षित निवेश की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।

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संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए 27 सितंबर को पर्यटन दिवस घोषित किया। इसलिए विश्व पर्यटन दिवस हर साल पूरे विश्व में 27 सितंबर को मनाया जाता है। क्योंकि यह दिन उत्तरी गोलार्ध में पर्यटन सीजन के अंत और दक्षिणी गोलार्ध में पर्यटन सीजन की शुरुआत के समय आता है।

1980 से इसको मनाने की शुरुआत हुई थी। पर्यटन पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन को मनाने का मुख्य मक्सद पर्यटन के माध्यम से लोगों को रोजगार देना है।

क्योंकि कोई भी देश चाहे वह छोटा हो या बड़ा हो आर्थिक महत्व के लिए पर्यटन पर निर्भर है और सिर्फ आर्थिक ही नहीं सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक मूल्यों के लिए भी पूरी तरह से पर्यटन पर निर्भर है। जिस भी पर्यटन स्थल पर पर्यटक जाते हैं, उस जगह से देश को काफी लाभ होता है यानि इससे देश का आर्थिक विकास होता है।

हम ये भी कह सकते हैं कि पर्यटन दिवस मनाने का मुख्य कारण पर्यटन को विश्व स्तर पर आगे बढ़ाना है। इस दिन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए फोटो प्रतियोगितायें, पर्यटन की प्रस्तुतियां आदि किये जाते हैं। पर्यटन का किसी भी देश की जीडीपी में बहुत बड़ा योगदान है। 2019 का विश्व पर्यटन दिवस का समारोह भारत (दिल्ली) में हुआ था। भारत अपनी सांस्कृतिक और भौगोलिक विशेषताओं के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।

भारत पर्यटकों को अपनी ओर आसानी से आकर्षित कर लेता है। पूरे विश्व में भारत अपनी संस्कृति, इतिहास, संगीत, भाषा, व्यंजन और रोमांच के लिए प्रसिद्ध है। भारत आध्यात्मिक पर्यटन, योग पर्यटन, स्वास्थ्य पर्यटन और रोमांच पर्यटन के आधार पर सबसे ऊपर है।

यह हर साल अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है। हर साल एक नयी थीम रखी जाती है। 2021 की थीम "विकास के लिए पर्यटन" (टूरिज्म फॉर इन्क्लूसिव ग्रोथ) है। इसको पर्यटन उद्योगों द्वारा बड़े हर्षोउल्लास से मनाया जाता है।

इस दिन कई कार्य किये जाते हैं। यूएनडब्ल्यूटीओ ने पर्यटन और प्रौद्योगिकी को काफी महत्व दिया है। पर्यटन से जुड़ी नौकरियां पैदा करने पर जोर दिया जाता है। पर्यटन के द्वारा हम सांस्कृतिक विरासत, शांति और आपसी समझ को बरकरार रख सकते हैं। हमें पर्यटन क्षेत्र की अस्मिता को बरकरार रखने और स्वच्छ रखने का प्रयास करना है, तभी पर्यटन दिवस मनाने का फायदा होगा।

पर्यटन का मतलब होता है यात्रा करना, नयी-नयी जगहों को देखना, सैर करना, वहां के बारे में जानना, वहां की संस्कृति से रूबरू होना और जिन लोगों को ये शौक होता है वही लोग असल मायने में ज़िंदगी जीते हैं। यात्रा करने से ही हमें दुनिया का ज्ञान होता है, जानकारी होती है।

हर साल एक बार ऐसी जगह ज़रूर जाना चाहिए जहां आप पहले कभी न गए हों। फिर देखिये आपका जीने का नज़रिया ही बदल जाएगा। ज़िंदगी में एक अलग ही रोमांच पैदा हो जायेगा। जो व्यक्ति यात्रा नहीं करते हैं वे जीवन की सुंदरता के एक पहलू को खो देते हैं।

किसी भी देश के लिए पर्यटन और पर्यटक दोनों महत्वपूर्ण होते हैं। पर्यटन का प्रभाव समाज पर पड़ता है। क्योंकि पर्यटक जहां जाता है वहां के समाज की सामान्य स्थिति को स्वीकार कर लेता है। ठीक वैसे ही भारत में आने वाले विदेशी पर्यटक भी जिस क्षेत्र में जाते हैं, उस क्षेत्र की वेश-भूषा, खान-पान, सामाजिक क्रियाओं में घुल-मिल जाते हैं।

लेकिन कोरोना महामारी के दौरान इस क्षेत्र को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा। क्योंकि पर्यटक के न आने के कारण कारोबार पूरी तरह तहस-नहस हो गया। कई लोगों का रोजगार चला गया। आज पर्यटन सिर्फ सैर-सपाटे तक ही सीमित नहीं है, उसमें स्वास्थ्य-लाभ, रोमांच, खेलकूद, सांस्कृतिक महत्व और आर्थिक महत्व सब कुछ जुड़ चुका है।

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