हर बार जब हम कोई प्राचीन कहानी पढ़ते या सुनते हैं तो मन इस कल्पना में खो जाता है कि यदि वास्तव में वह जगह जो कहानी में या किताबों में बताई गई है, सच में होगी तो कैसी होगी? लोग कैसे होंगे? काश उस स्थल को सच में देख पाएं या उन कहानियों को, सम्बंधित जगह पर जाकर अपनी आँखों से देखें-समझें।
कुछ ऐसी ही कल्पनाओं और विचारों को लेकर अक्सर हम सभी सैर-सपाटे के लिए घूमने के लिए किसी देश के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल का चुनाव करते हैं ताकि घूमना भी हो जाए और कुछ किस्से-कहानियों की वास्तविकता भी देख पाएं।
भारत की ऐतिहासिक जगहों Historical Places of India से तो आप काफी हद तक परिचित होंगे और हो सकता है देश के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों पर आप जा भी चुके हों । पूरे विश्व में ऐसी बहुत सी ऐतिहासिक जगहें हैं, जहाँ से जुड़ें अद्भुद कायाकल्प, कहानियाँ और ऐतिहासिक महत्व जानकर आपको अचरज भी होगा और रोमांच का आभास भी। तो चलिए
पूरे विश्व में ऐसी बहुत सी ऐतिहासिक जगहें हैं जहाँ से जुड़े विशाल कायाकल्प, कहानियाँ और ऐतिहासिक महत्व जानकर आपको अचरज भी होगा और रोमांच का आभास भी। तो चलिए आपको विश्व की ऐसी ही top 10 ऐतिहासिक स्थलों 10 Famous Historical Places of The World के बारे में बताते हैं, जहाँ की सैर आपको ज़रूर करनी चाहिए।
आपको विश्व में टॉप 10 ऐतिहासिक स्थलों 10 famous historical places of the world के बारे में बताते हैं, जहाँ की सैर आपको ज़रूर करनी चाहिए।
स्थान: Phu Langka National Park, Bueng Khong Long ज़िले, Bueng Kan Province, Thailand
विशेषता: विचित्र सर्प-जैसी संरचना, रहस्यमय लोककथाएं, राजा उलु का श्राप
आकर्षण: पर्यटकों के लिए एक अनोखा अनुभव, रहस्य और इतिहास का मिश्रण
यदि आपको रहस्य, मिथक और इतिहास तीनों में दिलचस्पी है तो आप थाईलैंड की इस नाग गुफा का नाम इंटरनेट पर कई जगह ढूँढ सकते हैं। यह गुफा थाईलैंड के Phu Langka National Park में मिलेगी, जोकि Bueng Khong Long ज़िले के Bueng Kan Province, Thailand में स्थित है।
यह गुफा दिखने में विचित्र है क्यूंकि इसकी संरचना किसी सर्प के जैसी है। इसके पीछे एक अद्भुद कहानी है, यहाँ के निवासियों और कुछ लोककथाओं के मुताबिक़ यह कोई पाषाण नहीं स्वयं राजा उलु हैं जो अपने पुत्र और पुत्रवधू की प्रेमकहानी के परिणामस्वरूप श्राप के कारण सर्परूपी पाषाण बने हुए हैं। कारण जो भी हो पर यह विचित्र स्थल पर्यटकों को आकर्षित करता है।
एक अविश्वसनीय कहानी:
यह कहानी, जो पहले अविश्वसनीय लगती थी, अब सच साबित हो रही है। दक्षिण कोरिया का शाही परिवार हर साल भारत में अयोध्या स्थित महारानी Heo Hwang-ok (राजकुमारी सुरीरत्ना) के स्मारक पर श्रद्धांजलि देने आता है।
कहानी का सार:
अयोध्या (उस समय साकेत) की राजकुमारी सुरीरत्ना 2000 साल पहले ईश्वरीय आदेश के कारण कोरिया के राजा किम-सुरो से विवाह करने गईं।
यह स्पष्ट नहीं है कि वे भारत के किसी दक्षिणी राज्य से थीं या अयोध्या से।
वे कोरिया में ही बस गईं और वहां की महारानी बनीं।
महत्व:
दक्षिण कोरिया में आज भी उनका बड़ा सम्मान है।
अयोध्या में सरयू नदी के किनारे उनका स्मारक बना हुआ है, जिस पर लोग श्रद्धांजलि देते हैं।
यह स्मारक आपके लिए क्यों महत्वपूर्ण है:
यह भारत और दक्षिण कोरिया के बीच ऐतिहासिक संबंधों का प्रतीक है।
यह एक प्रेरणादायक कहानी है जो हमें सिखाती है कि हम अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं, चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न हों।
यह एक खूबसूरत स्मारक है जो आपको भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति से परिचित कराता है।
आप इस स्मारक पर कैसे जा सकते हैं:
अयोध्या भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है।
आप हवाई जहाज, ट्रेन या बस से अयोध्या पहुंच सकते हैं।
स्मारक सरयू नदी के किनारे स्थित है और शहर के केंद्र से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
यह स्मारक भारत और दक्षिण कोरिया के बीच ऐतिहासिक संबंधों का प्रतीक है। यह एक प्रेरणादायक कहानी है जो हमें सिखाती है कि हम अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं, चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न हों। यदि आप अयोध्या जा रहे हैं, तो यह स्मारक निश्चित रूप से आपके लिए एक दर्शनीय स्थल है।
अतिरिक्त जानकारी:
आप https://www.lifestyleasia.com/ind/culture/people/indian-princess-became-korean-queen-who-is-heo-hwang-ok/ पर महारानी Heo Hwang-ok के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
आप https://en.wikipedia.org/wiki/Ayodhya पर अयोध्या के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
माचू-पीचू दक्षिण अमेरिका के पेरू देश में स्थित इंका सभ्यता का एक खूबसूरत ऐतिहासिक स्थल है। 15वीं शताब्दी में निर्मित यह शहर 2,430 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और अपनी अद्भुत वास्तुकला और रहस्यमय इतिहास के लिए जाना जाता है। 1983 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था और 2007 में इसे दुनिया के नए सात अजूबों में से एक भी चुना गया था।
अद्भुत वास्तुकला: माचू-पीचू अपनी भव्य वास्तुकला के लिए जाना जाता है। भारी पत्थरों को बिना किसी मोर्टार के जोड़कर बनाई गई यह संरचना आज भी अपनी मजबूती के लिए प्रसिद्ध है।
पहाड़ी पर स्थित: यह शहर अंडीज पर्वत की ऊँची चोटी पर स्थित है। यहां से पहाड़ों और घाटी का मनोरम दृश्य देखने को मिलता है।
रहस्यमय इतिहास: माचू-पीचू का निर्माण क्यों और कैसे किया गया, यह आज भी एक रहस्य है। कुछ लोगों का मानना है कि यह इंका सम्राट के लिए एक ग्रीष्मकालीन निवास था, तो कुछ इसे धार्मिक स्थल मानते हैं।
प्रसिद्ध नाम: माचू-पीचू को "इंकाओं का खोया हुआ शहर" भी कहा जाता है। यह नाम इस तथ्य से मिलता है कि यह शहर कई सदियों तक जंगलों में छुपा रहा और 1911 में Hiram Bingham नामक एक खोजकर्ता द्वारा इसे खोजा गया था।
माचू-पीचू पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय आकर्षण है। यहां आने वाले लोग इसकी भव्य वास्तुकला, प्राकृतिक सुंदरता और रहस्यमय इतिहास का अनुभव करते हैं।
माचू-पीचू आने का सबसे अच्छा समय:
माचू-पीचू जाने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से अक्टूबर के बीच होता है, जब मौसम शुष्क और सुहावना होता है।
माचू-पीचू पेरू के कुज्को शहर से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए आप बस, ट्रेन या हवाई जहाज से यात्रा कर सकते हैं।
माचू-पीचू का दौरा करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातें:
माचू-पीचू में प्रवेश के लिए टिकट पहले से बुक करना आवश्यक है।
यहां ऊंचाई के कारण सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, इसलिए धीरे-धीरे चलना और पर्याप्त पानी पीना महत्वपूर्ण है।
यहां मौसम तेजी से बदल सकता है, इसलिए गर्म और ठंडे दोनों कपड़े साथ ले जाना उचित है।
माचू-पीचू एक ऐतिहासिक स्थल है, इसलिए यहां कूड़ा न फेंकें और संरचनाओं को नुकसान न पहुंचाएं।
माचू-पीचू दुनिया के सबसे खूबसूरत और रहस्यमय ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यदि आप पेरू जा रहे हैं, तो माचू-पीचू का दौरा जरूर करें। यह एक अविस्मरणीय अनुभव होगा।
माचू-पीचू अतिरिक्त जानकारी:
आप https://whc.unesco.org/en/list/274 पर माचू-पीचू के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
आप https://www.machupicchu.gob.pe/ पर पेरू सरकार की वेबसाइट पर माचू-पीचू के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
पिरामिड के विषय में भला कौन नहीं जानता? त्रिकोण आकृति की यह संरचना जो वास्तव में प्राचीन मानव अवशेषों की कब्रगाह है। इसके विषय में भी कई प्रकार की बातें कही जाती हैं, जैसे यह दूसरी दुनिया के लिए एक चुम्बकीय आकर्षण हैं आदि। यह पिरामिड मिस्र की पहचान है, दूर दराज़ से लोग इस पिरामिड को देखने के लिए आते हैं।
मिस्र के पिरामिड दुनिया के सबसे प्रसिद्ध और रहस्यमय स्मारकों में से एक हैं। इन विशाल त्रिकोणीय संरचनाओं का निर्माण प्राचीन मिस्रवासियों द्वारा अपने फिरौन (राजा) के लिए कब्रों के रूप में किया गया था।
सबसे पहला पिरामिड, जो कि 'जोसर का पिरामिड' कहलाता है, 2630 ईसा पूर्व के आसपास बनाया गया था। यह 60 मीटर ऊंचा है और इसमें 8 स्तर हैं। इसके बाद, कई अन्य पिरामिडों का निर्माण किया गया, जिनमें 'खुफू का पिरामिड', 'खफ्रे का पिरामिड' और 'मेनकाउरे का पिरामिड' सबसे प्रसिद्ध हैं। 'खुफू का पिरामिड', जिसे 'ग्रेट पिरामिड ऑफ गीज़ा' भी कहा जाता है, दुनिया का सबसे बड़ा पिरामिड है। यह 138 मीटर ऊंचा है और इसमें 2.3 मिलियन पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है।
पिरामिडों का निर्माण कैसे किया गया, यह आज भी एक रहस्य है। माना जाता है कि प्राचीन मिस्रवासियों ने पत्थरों को ढोने के लिए रैंप, स्लेज और नावों का इस्तेमाल किया होगा। उन्होंने पत्थरों को काटने और उन्हें सटीक रूप से रखने के लिए तांबे के औजारों का इस्तेमाल किया होगा।
मिस्र में 138 पिरामिड हैं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध गीज़ा के तीन पिरामिड हैं। गीज़ा का सबसे बड़ा पिरामिड, जिसे खुफू का पिरामिड कहा जाता है, दुनिया के सात अजूबों में से एक है।
पिरामिडों के बारे में कई रहस्य हैं, जिनमें शामिल हैं:
पिरामिडों के अंदर क्या है?
पिरामिडों का निर्माण कैसे किया गया था?
क्या पिरामिडों में कोई शक्ति है?
मिस्र के पिरामिड का आकर्षण:
पिरामिड मिस्र के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक हैं। हर साल लाखों लोग इन रहस्यमय स्मारकों को देखने के लिए आते हैं।
पिरामिड मिस्र की राजधानी काहिरा से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित हैं। आप टैक्सी, बस या ट्रेन से यहां पहुंच सकते हैं।
मिस्र जाने का सबसे अच्छा समय:
पिरामिडों का दौरा करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से अप्रैल के बीच होता है, जब मौसम सुहावना होता है।
यहां जाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें:
पिरामिडों के अंदर जाने के लिए टिकट पहले से बुक करना आवश्यक है।
यहां गर्मी और धूप बहुत तेज हो सकती है, इसलिए सनस्क्रीन, टोपी और पानी साथ ले जाना महत्वपूर्ण है।
पिरामिडों पर चढ़ना मना है।
मिस्र के पिरामिड प्राचीन काल के रहस्यमय स्मारक हैं जो दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करते हैं। यदि आप मिस्र जा रहे हैं, तो पिरामिडों का दौरा जरूर करें। यह एक अविस्मरणीय अनुभव होगा।
अतिरिक्त जानकारी:
आप https://whc.unesco.org/en/list/86 पर मिस्र के पिरामिडों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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(Angkor) अंकोरवाट का अर्थ है -''मंदिरों का शहर'' यह मंदिर 12 वीं शताब्दी में बने थे। यह बहुत प्राचीन धार्मिक शहर है और यहाँ कई सारे पुरास्थल हैं, लेकिन अब यहाँ अधिकतर पुराने अवशेषों के खण्डहर ही बचें हैं जो अब भी दिव्य लगते हैं और खमेर साम्राज्य से जुड़े हुए हैं।
दीवारों पर भारतीय हिन्दू धर्म ग्रन्थों के प्रसंगों का चित्रण है। इन प्रसंगों में अप्सराएँ बहुत सुन्दर चित्रित की गई हैं, असुरों और देवताओं के बीच समुद्र मन्थन का दृश्य भी दिखाया गया है। विश्व के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक होने के साथ ही यह मन्दिर Unesco के विश्व धरोहर स्थलों में से एक है। पर्यटक यहाँ केवल वास्तुशास्त्र का अनुपम सौंदर्य देखने ही नहीं आते बल्कि यहाँ का सूर्योदय और सूर्यास्त देखने भी आते हैं।
पेट्रा या रक्मू लाल सागर और मृत सागर के बीच स्थित है। यह Jordan का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। पेट्रा एक बहुत ही खास ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल है, जिसको Unesco द्वारा विश्व विरासत स्थलों की सूची में शामिल किया गया है। पेट्रा में फ़िल्मों की शूटिंग भी हुई है - The mummy returns और Indiana Jones, पहली बार यह स्थल Indiana Jones फिल्म के बाद ही अधिक नज़र में आया।
काशी/वाराणसी या बनारस कई कारणों से एक बहुत बड़ा धार्मिक और ऐतिहासिक शहर है। महात्मा बुद्ध का धर्मचक्र प्रवर्तन हो या काशी विश्वनाथ मंदिर। काशी की प्राचीनता का वर्णन तो Mahabharata और Ramayana में भी है, काशी का इतिहास तो स्वयं काशी से भी पुराना है। जीवन और मृत्यु दोनों की ही आध्यात्मिकता समझाती है -काशी।
इंडोनेशिया द्वीपों का एक समूह है और बाली उन्हीं द्वीपों में से एक द्वीप है। प्राचीन काल में यह कई नामों से जाना जाता है पर इस द्वीप के विषय में एक सच यह है कि प्रकृति ने इसे अपनी खूबसूरती से नवाज़ा है। जल और हरियाली से भरा यह द्वीप पहले भी सुंदर था और आज भी प्रकृति प्रेमियों के बिच लोकप्रिय है। तानाह लॉट मंदिर, बेसाकिह मंदिर, उबुद मंकी फॉरेस्ट, किन्तामनी माउंट बतूर, बाली सफारी और मरीन पार्क जैसी जगहें आपका मनोरंजन करेंगी, तो क्यों न बाली जाएँ और प्रकृति से भरा कुछ नया देखें।
इतनी सारी ऐतिहासिक जगहों के बारे में बातें हों और ताजमहल की बात न हो, यह कैसे हो सकता है? ताजमहल भारत के उत्तर प्रदेश ज़िले के आगरा शहर में स्थित है, कहा जाता है कि यह स्मारक मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी बेग़म मुमताज महल की याद में बनवाया था, यहाँ उनदोनो का मकबरा भी है। खूबसूरत सफ़ेद संगमरमर का बना प्रेम का प्रतीक यह स्मारक पहले भी लोगों के बीच लोकप्रिय था और आज भी है।
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अल हम्रा SPAIN के GRANADA शहर में स्थित एक ऐतिहासिक महल और दुर्ग है। यह पश्चिमी इस्लामी स्थापत्य और वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना है। हर साल न जाने कितने पर्यटक यहाँ घूमने और अलहम्रा देखने आते हैं। इनकी अपनी Website भी है- https://www.alhambradegranada.org/ जिस पर जाकर आप इसके इतिहास, संग्रहालय और यहाँ होने वाले सभी कार्यक्रमों की जानकारी timing के साथ देख सकते हैं। इससे आपको अलहम्रा घुमने में आसानी होगी।
सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्त्व के स्थलों को हम विश्व धरोहर या विरासत कहते हैं। ये स्थल ऐतिहासिक और पर्यावरण के लिहाज़ से भी महत्त्वपूर्ण होते हैं। इनका अंतरराष्ट्रीय महत्त्व होता है और इनके सरंक्षण हेतु विशेष प्रयास किये जाते हैं।
युनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है। इन स्थलों को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को United Nations organization UNESCO, विश्व धरोहर की मान्यता प्रदान करती है।
कोई भी स्थल जो मानवता के लिये ज़रूरी है, जिसका कि सांस्कृतिक और भौतिक महत्त्व है, उसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के तौर पर मान्यता दी जाती है। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में 32 सांस्कृतिक स्थल, 7 प्राकृतिक व 2 मिश्रित स्थल शामिल हैं। इतिहास ने दुनिया को राजसी महलों, भव्य किलों और प्राचीन स्मारकों से सजाया है।
अविश्वसनीय ऐतिहासिक स्थल बहादुरी, रोमांस और लड़ाई की कहानियों को दर्शाते हैं। आपको लुभावनी और अद्भुत ऐतिहासिक स्मारकों और किलों से प्राचीन सभ्यताओं का सार मिलेगा। हजारों साल पहले निर्मित अद्भुत सामग्री को देखने के लिए एक इतिहास प्रेमी खुद को रोक नहीं सकता।
दुनिया में ऐसे कई स्थल हैं जिसका इतिहास विविधता से भरा हुआ है। विश्व में हजारों ऐसे विरासत स्थल हैं, जिनकी सरंचना बहुत ही मज़बूत है। भारत की बात करें तो इतिहासकारों का मानना है कि बहुत से भारतीय राजाओं ने अपने किले और स्मारकों का निर्माण तब कराया जब उनके क्षेत्र में अकाल पड़ा हुआ था, जिससे इमारतों के निर्माण के साथ-साथ उन्हें रोज़गार भी दिया जा सके।
हमारे आज के नीति-निर्माता भी इससे सबक ले सकते हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51ए (एफ) में स्पष्ट कहा गया है कि अपनी समग्र संस्कृति की समृद्ध धरोहर का सम्मान करना और इसे संरक्षित रखना प्रत्येक भारतीय नागरिक का कर्तव्य है। ऐतिहासिक धरोहरों के मामले में भारत अत्यंत ही समृद्ध है। उपमहाद्वीप के प्रत्येक क्षेत्र में बड़ी संख्या में स्मारकीय भवन हैं।
हमारे विरासत स्थलों की एक प्रमुख विशेषता यह है कि उनके निर्माण में स्थानीय संसाधनों और स्थानीय कला विशेषताओं का जमकर उपयोग हुआ है। ज़ाहिर है यह कौशल आज भी वहाँ के स्थानीय समुदायों में विद्यमान है, अतः इनको संरक्षण प्रदान कर स्थानीय स्तर पर रोज़गार-सृजन किया जा सकता है। हम सबको मिलकर इन ऐतिहासिक स्थलों को बचाने की जरुरत है। हमारे विरासत स्थलों की दयनीय स्थिति के जिम्मेदार वे संस्थाएँ और निकाय हैं जिन्हें इनके सरंक्षण का दायित्व दिया गया है।
ये संस्थाएँ असफल इसलिये हैं क्योंकि वे इनके आर्थिक संभावनाओं से अनजान हैं। ये स्थल ऐतिहासिक और पर्यावरण के लिहाज़ से भी महत्त्वपूर्ण होते हैं। इनका अंतरराष्ट्रीय महत्त्व होता है और इनके सरंक्षण हेतु विशेष प्रयास किये जाते हैं। क्योंकि विश्व के इन स्थलों का संरक्षण करना है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। हमारी विरासतें हमें विज्ञान और तकनीक से भी रूबरू कराती हैं, ये मनुष्यों तथा प्रकृति के मध्य जटिल सबंधों को दर्शाती हैं और मानव सभ्यता की विकास गाथा की कहानी भी बयां करती हैं।
इन स्थलों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाएं ?
किसी व्यक्ति का अपनी धरोहर से संबंध उसी प्रकार का है, जैसे एक बच्चे का अपनी माँ से संबंध होता है। हमारी धरोहर हमारा गौरव है और ये हमारे इतिहास-बोध को मज़बूत करते हैं। हमारी कला और संस्कृति की आधार शिला भी हमारे विरासत स्थल ही हैं। इन स्थलों की सुरक्षा के लिए पहला कदम यह सुनिश्चित करना होगा कि स्मारकों और पुरातात्त्विक स्थलों का दौरा आगंतुकों के लिये रोमांचक अनुभव साबित हों।
इन स्थलों के बारे में कई लोगों को पता तक नहीं होता है, इसलिए पर्यटन विभाग द्वारा भी इन स्थलों के ऐतिहासिक महत्त्व का प्रचार-प्रसार करना जरुरी है। यदि हम सब अपनी विरासत को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो इसको आर्थिक लाभ से जोड़ना होगा और इसके लिये तो सांस्कृतिक क्षेत्र को उदारीकरण की परिधि में लाया जाना चाहिये, जब ये स्थल आर्थिक महत्त्व वाले बन जाएंगे और इनके रख-रखाव के लिये निजी और सार्वजानिक क्षेत्रों के बीच प्रतिस्पर्द्धा देखने को मिलेगी।
ये जरुरी है कि इन स्थलों के साथ जुड़े संगीत, भोजन, अनुष्ठान, पोशाक, व्यक्तित्व, खेल, त्योहारों आदि के बारे में जानकारी इकठ्ठा करें जिससे आने वाले पर्यटकों को को ये जानकारी देकर आर्थिक लाभ भी कमाया जा सके। दुनिया में ऐसे कई ऐतिहासिक स्थल हैं जो बेहद ही खूबसूरत और घूमने के लिहाज से बहुत ही अच्छे हैं। इन ऐतिहासिक स्थलों की खूबसूरती लोगों का मन मोह लेती है।
अगर आप घूमने के शौकीन हैं, तो आपको इन खूबसूरत जगहों पर एक बार तो जरूर जाना चाहिए और इसके बारे में और इसके महत्व के बारे अन्य लोगों को भी जागरूक करना चाहिए।
दुनिया में ऐसे कई पर्यटन स्थल हैं जो बेहद ही खूबसूरत और घूमने के लिहाज से बहुत ही अच्छे हैं। इन खूबसूरत पर्यटन स्थलों की खूबसूरती आपका मन मोह लेगी। दुनिया भर में ऐसी कई प्रसिद्ध आकर्षण स्थल मौजूद हैं जहाँ हर साल लाखो की संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं।
ये दुनिया बहुत बड़ी और विशाल है, यहाँ विश्व भर में देखने और करने के लिए बहुत कुछ है, जीवन में कभी मौका मिले तो इन जगहों पर एक बार जरूर घूम कर आइये। नीचे विश्व के 10 प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों के अलावा विश्व के कुछ प्रसिद्ध पर्यटन और दर्शनीय स्थल के बारे में बताया गया है।