प्रतिवर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की स्थापना दिवस के दिन यानी 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस (World Health Day) मनाया जाता है। यह दिन स्वास्थ्य के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाता है। बीते कुछ सालों में महामारी की वजह से दुनिया भर के लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ा है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन हर वक़्त ये प्रयास कर रहा है कि विश्वभर में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हों और संतुलन रहें। आज विश्व स्वास्थ्य दिवस पर, इस आर्टिकल में हम बात करेंगे आपके स्वास्थ्य से जुड़े कुछ अहम पहलुओं के बारे में, तो पड़ते रहिये #TWN
स्वास्थ्य को सबसे बड़ा धन कहा जाता है। लेकिन बदलते समय के साथ बढ़ती बीमारियों के बीच शरीर को स्वस्थ रखना हम सभी के लिए एक बड़ी चुनौती है। मनुष्य के सर्वांगीण विकास एवं राष्ट्र की उन्नति को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य एक अनिवार्य आवश्यकता है। हम कह सकते हैं कि व्यक्तिगत स्वास्थ्य मानव जीवन की नींव है, और राष्ट्रीय स्वास्थ्य एक देश का आधार है। इसके साथ ही, किसी भी राष्ट्र में वहां के लोगों के स्वास्थ्य का स्तर उस राष्ट्र की श्रम शक्ति की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है, क्योंकि मानव का स्वास्थ्य आर्थिक विकास की गति से भी संबंधित है। अगर बात करें कोरोना महामारी (Covid pandemic) के समय की, तो कोरोना ने स्वास्थ्य को पहली प्राथमिकता पर लाकर खड़ा कर दिया। कई देशों को कोरोना की वजह से स्वास्थ्य का स्तर गिरने से आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ा।
7 अप्रैल, 1948 को विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना की गई थी, और विश्व स्वास्थ्य दिवस को मनाने की शुरुआत साल 1950 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा की गई थी। दुनिया भर में बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं लागू करने, मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने एवं स्वास्थ्य संबंधी मामलों से जुड़े सभी मिथकों को दूर करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व स्वास्थ्य दिवस को दुनिया के सामने रखा। विश्व स्वास्थ्य संगठन से जुड़े समस्त देश 1950 से ही इस दिवस को मनाते आ रहे हैं।पिछले 72 वर्षों से विश्व के बेहतर स्वास्थ्य के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन लगातार कार्य कर रहा है। यह संगठन संयुक्त राष्ट्र के साथ विशेष एजेंसियों, सरकारी स्वास्थ्य प्रशासन, स्वास्थ्य समूहों और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले अन्य संगठनों के साथ प्रभावी सहयोग स्थापित करता है।
इस बार विश्व स्वास्थ्य संगठन वैश्विक स्तर पर स्वास्थ के प्रति ध्यान केंद्रित करने एवं मानव और ग्रह दोनों को स्वस्थ रखने की दिशा में कार्य करेगा।
जैसा कि हम जानते हैं कि 2015 में सहस्राब्दि विकास लक्ष्य (Millennium Development Goals) समाप्त हो गए थे, इसलिए इन विकास लक्ष्यों के स्थान पर सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals) को प्राप्त करने का फैसला लिया गया। यह फैसला संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन united nations summit में लिया गया था। जब न्यूयार्क में 25 से 27 सितंबर 2015 में महासभा की बैठक आयोजित की गयी थी। संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में अगले 15 साल के लिए 17 ‘लक्ष्य निर्धारित किये गये थे जिनको 2016 से 2030 की अवधि में हासिल करने का लक्ष्य तय किया गया था। इन सतत विकास लक्ष्यों में से एक है अच्छा स्वास्थ्य और जीवनस्तर। सतत विकास लक्ष्यों से जुड़े सभी देशों को अपने लोगों को स्वस्थ जीवन देना और सभी के जीवनस्तर में सुधार लाने के लिए कार्य करना अनिवार्य है।
आज के समय में, ऑफिस, परिवार या अन्य कामों में लोग इतना व्यस्त रहते हैं कि अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत का ख्याल नहीं रख पाते, जबकि लोगों की सेहत या स्वास्थ्य से बड़ी और कोई चीज़ नहीं होती। क्योंकि जब आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा तभी आप अपने सभी काम सुचारू रूप से कर पाएंगे।
आइए जानते हैं कि स्वस्थ शरीर के लिए क्या करना है आवश्यक-
फल, सब्जियां, नट्स और अनाज सहित विभिन्न खाद्य पदार्थों का संयोजन बनाकर ही भोजन करें। वयस्कों को प्रतिदिन अपने भोजन में कम से कम 400 ग्राम फल और सब्जियां खानी चाहिए। इसके साथ ही, अपने सेवन में फलों और सब्जियों को समान रूप से शामिल करना भी अनिवार्य है। मौसमी फलों और सब्जियों को खाना और सुबह का नाश्ता पौष्टिक लेना भी आवश्यक है।
ज्यादा नमक के सेवन से उच्च रक्तचाप का खतरा होता है, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। ज्यादातर लोग अपना सोडियम नमक के माध्यम से प्राप्त करते हैं। नमक का सेवन प्रति दिन 5 ग्राम (लगभग एक चम्मच के बराबर) तक कम करें। इसके साथ ही, भोजन तैयार करते समय नमक, सोया सॉस, या अन्य उच्च सोडियम मसालों की मात्रा को सीमित रखना आपकी सेहत के लिए आवश्यक है। नमक के ज्यादा सेवन को रोकने के लिए अपने खाने की मेज से नमक, मसाले, नमकीन स्नैक्स को हटाकर कम सोडियम वाले उत्पादों का सेवन करना चाहिए।
वहीं, अत्यधिक मात्रा में चीनी का सेवन करने से दांतों में सड़न और वजन बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। वयस्कों और बच्चों दोनों में, चीनी का सेवन कुल भोजन सेवन के 10% से कम होना चाहिए। एक वयस्क के लिए 50 ग्राम चीनी का सेवन का सेवन पर्याप्त है। आप मीठे स्नैक्स, कैंडी और मीठे पेय पदार्थों के सेवन को सीमित करके अपने चीनी का सेवन कम कर सकते हैं।
वसा का सेवन आपके कुल ऊर्जा सेवन का 30% से कम होना चाहिए। यह आपका वजन बढ़ने और एनसीडी को रोकने में मदद करेगा। वसा विभिन्न प्रकार के होते हैं, लेकिन असंतृप्त वसा, संतृप्त वसा और ट्रांस-वसा से बेहतर होते हैं। संतृप्त वसा को कुल ऊर्जा सेवन के 10% से कम लेना चाहिए।
बेहतर असंतृप्त वसा मछली, एवोकैडो और नट्स, और सूरजमुखी, सोयाबीन, कैनोला और जैतून के तेल में पाया जाता हैं। संतृप्त वसा वसायुक्त मांस, मक्खन, नारियल के तेल, क्रीम, पनीर, घी और चरबी में पाया जाता है और ट्रांस-वसा पके हुए और तले हुए खाद्य पदार्थों, और पहले से पैक किए गए स्नैक्स और खाद्य पदार्थ, जैसे कि पिज्जा, कुकीज़, बिस्कुट आदि में पाया जाता है।
शराब के सेवन से मानसिक और व्यवहार संबंधी विकार जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसके सेवन से आपको इसकी लत लग सकती है, या एनसीडी जैसे कि लीवर सिरोसिस, कैंसर और हृदय रोग जैसी बीमारियां भी हो सकती है। एलकोहॉल के सेवन के हिंसा और एक्सीडेंट की संभावना भी बढ़ जाती है।
तंबाकू के सेवन से एनसीडी जैसे फेफड़ों की बीमारी, हृदय रोग और स्ट्रोक आदि होते हैं। तंबाकू न केवल सिर्फ धूम्रपान करने वालों को मारता है बल्कि धूम्रपान न करने वालों को भी सेकेंड हैंड एक्सपोजर से मारता है। यदि आपने हाल ही में धूम्रपान करना शुरू किया है, तो आप इसे आसानी से छोड़ में सकते हैं। एक बार ऐसा करने के बाद, आप कई दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभों का अनुभव करेंगे। और यदि आप धूम्रपान नहीं करते हैं, तो यह बहुत अच्छा है! धूम्रपान शुरू न करें और तंबाकू-धूम्रपान मुक्त हवा में सांस लेने के अपने अधिकार के लिए आवाज जरूर उठायें।
अपने जीवन में आपको हर रोज ज्यादा शारीरिक गतिविधियां शामिल करनी चाहिए, क्योंकि जितना अधिक अपने शरीर में सक्रियता रहेगी आपका स्वास्थ्य उतना बेहतर रहेगा और हर काम को आसानी से कर पाएंगे। आप घर का काम, खेलकूंद, व्यायाम आदि तरीकों से अपने आप को सक्रिय रख सकते हैं। आपको आवश्यक शारीरिक गतिविधि की मात्रा आपके आयु समूह पर निर्भर करती है, लेकिन 18-64 वर्ष की आयु के वयस्कों को सप्ताह भर में कम से कम 150 मिनट की शारीरिक गतिविधि या वर्कआउट करना चाहिए। अतिरिक्त स्वास्थ्य लाभ के लिए आपको अपनी शारीरिक गतिविधि को प्रति सप्ताह 300 मिनट तक बढ़ाना पड़ेगा।
उच्च रक्तचाप को "साइलेंट किलर" कहा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बहुत से लोग जिन्हें उच्च रक्तचाप है, वे इस समस्या से अवगत नहीं होते हैं क्योंकि इसके कोई लक्षण नहीं हैं। यदि इसे अनियंत्रित छोड़ दिया जाए तो उच्च रक्तचाप हृदय, मस्तिष्क, गुर्दे और अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है। अपने रक्तचाप की नियमित रूप से किसी स्वास्थ्य कार्यकर्ता से जांच करवाएं ताकि आप अपने ब्लड प्रेशर के बारे में जान सकें। यदि आपका रक्तचाप उच्च है, तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
असुरक्षित या गंदा पानी पीने से हैजा, डायरिया, टाइफाइड और पोलियो जैसी जलजनित बीमारियां हो सकती हैं। विश्व स्तर पर, कम से कम 2 बिलियन लोग दूषित पेयजल स्रोत का उपयोग करते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप जो पानी पी रहे हैं वह सुरक्षित है, पानी की टंकी में पानी भरने वाले स्टेशन से संपर्क करें। इसके अलावा, पानी पीने से पहले पानी को कम से कम एक मिनट तक उबालें इससे पानी काफी हद तक हानिकारक जीव नष्ट हो जायेंगे।
यदि आप उदास महसूस कर रहे हैं तो किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें जिस पर आप भरोसा करते हैं। दुनिया भर में 260 मिलियन से अधिक लोगों में डिप्रेशन एक आम बीमारी है। डिप्रेशन अलग-अलग तरीकों से प्रतीत हो सकता है। डिप्रेशन आपको निराशाजनक या बुरा महसूस करा सकता है, या नकारात्मक और परेशान करने वाले विचार आपको बार-बार आ सकते हैं। यदि आप इससे गुजर रहे हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें जिस पर आप भरोसा करते हैं जैसे कि परिवार का कोई सदस्य, मित्र, सहकर्मी या मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर आदि।
हाथ की स्वच्छता न केवल स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बल्कि सभी के लिए महत्वपूर्ण है। साफ हाथ संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोक सकते हैं। आपको साबुन और पानी का उपयोग करके हाथ धोना चाहिए और इस महामारी के वक्त में तो हमे सबसे ज्यादा इस बात का ख्याल रखना चाहिए।
नियमित जांच से स्वास्थ्य समस्याओं का पता लगाने में मदद मिल सकती है। स्वास्थ्य पेशेवर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जल्द पता लगाने और उनका निदान करने में मदद कर सकते हैं। अपने सुलभ स्वास्थ्य के बारे में जानकारी के लिए अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और चिकित्सक सलाह लें।
मच्छर दुनिया के सबसे घातक जानवरों में से एक हैं। डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और लसीका फाइलेरिया जैसे रोग मच्छरों द्वारा प्रेषित होते हैं। आप अपने और अपने प्रियजनों को मच्छर जनित बीमारियों से बचाने के लिए सरल उपाय कर सकते हैं कि हल्के रंग की, लंबी बाजू की शर्ट और पैंट पहनें और साथ ही घर में, खिड़की और दरवाजे पर पर्दे का उपयोग करें, मच्छरदानी का उपयोग करें और मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करने के लिए साप्ताहिक रूप से अपने आस-पास की सफाई करें।
जैसा कि हम जानते हैं कि कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। ऐसे में मास्क पहहने, उचित दूरी बनाये रखने एवं WHO की अन्य कोविड गाइडलांइस का पालन करना अनिवार्य है। इसके साथ ही वैक्सीनेशन कराना भी बहुत आवश्यक है तभी बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में देश आगे बढ़ेगा।
अच्छा स्वास्थ्य किसी भी राष्ट्र की समृद्धि का एक एहम पहलु है। किसी भी देश के लिए सस्टेनेबल गोल्स को हासिल करने के लिए गुड हेल्थ को हासिल करना अनिवार्य है। इसलिए अपने और अपनों के स्वास्थ्य का ख्याल रखें।
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