चाहे भीषण गर्मी हो या कड़ाके की ठंड हो या तेज़ बारिश इन सभी से हमें हमारा घर ही बचाता है। हम चाहे दुनिया के किसी भी कोने में चले जाएं अंत में हमें हमारा घर ही याद आता है, पर क्या आपने कभी सोचा है कि जिनके पास घर नहीं है उन्हें भीषण गर्मी, कड़ाके की ठंड और तेज़ बारिश से कौन बचाता है?
हर व्यक्ति का यह सपना होता है कि उसका एक घर हो, भले ही छोटा हो लेकिन उनका खुद का घर हो। यही कारण है कि हर साल अक्टूबर के पहले सोमवार को दुनिया भर में वर्ल्ड हैबिटेट डे World Habitat Day 2022 यानी विश्व पर्यावास दिवस मनाते हैं। हमारे मूल अधिकार जैसे रोटी, कपड़ा और मकान के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व पर्यावास दिवस को मनाया जाता है।
भले ही कोई अमीर हो या गरीब, दिन भर मेहनत करने के बाद हर किसी को आश्रय के रूप में अपना घर ही नजर आता है। सिर्फ हम इंसानों का ही नहीं बल्कि पशु और पक्षियों का भी यही हाल है। दिन भर खाने और पानी की तलाश में घूमने वाले पशु और पक्षी भी शाम होते-होते अपने घर की तरफ रवाना हो जाते हैं। घर सुकून का दूसरा नाम है, यह हमें सुरक्षित होने का अहसास दिलाता है। व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकताओं में रोटी और कपड़ा के बाद मकान का स्थान है।
हर व्यक्ति का यह सपना होता है कि उसका एक घर हो, भले ही छोटा हो लेकिन उनका खुद का घर हो। यही कारण है कि हर साल अक्टूबर के पहले सोमवार को दुनिया भर में वर्ल्ड हैबिटेट डे World Habitat Day यानी विश्व पर्यावास दिवस मनाते हैं। हमारे मूल अधिकार जैसे रोटी, कपड़ा और मकान Food, Clothes and Shelter के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व पर्यावास दिवस को मनाया जाता है।
पहली बार विश्व पर्यावास दिवस को 1986 में नैरोबी शहर Nairobi (Capital of Kenya) में आयोजित किया गया था और इसे 'आवास मेरा अधिकार है' Shelter Is My Right थीम के साथ मनाया गया था। आपको बता दें कि इस दिवस को हर साल अक्टूबर के पहले सोमवार को अलग-अलग थीम के साथ मनाया जाता है।
1985 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र United Nations महासभा द्वारा इस दिवस को एक संकल्प की तरह घोषित किया गया था। इस दिन संयुक्त राष्ट्र आवासीय व्यवस्था से जुड़ी गतिविधियों, घटनाओं, बेहतर विकास की योजनाएं, और इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के बारे में चर्चा करता है। जैसा कि हमने आपको बताया कि इस दिवस को प्रत्येक साल अलग-अलग थीम से मनाया जाता है और ये थीम बेघरों के लिए आश्रय, बेहतर शहरी जीवन, सुरक्षित और अच्छे शहर, स्लम एरियाज के विकास और सभी के लिए आवास, जैसे विषयों से जुड़ी होती है।
इंसान के मूल अधिकार (जैसे रोटी, कपड़ा और मकान) की पहचान करना और हर व्यक्ति को पर्याप्त आश्रय देना ही इस दिवस को मनाने का खास उद्देश्य है। गरीबी को समाप्त कर और दुनिया के हर कस्बों की स्तिथि में सुधार लाना ही इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है। दुनिया भर में हर साल विकास को बढ़ावा देने के लिए यूएन इस दिवस के लिए नई-नई थीम तय करता है।
जिस तरह तेज़ी से दुनिया की आबादी बढ़ रही है, जलवायु परिवर्तन Climate change, कचरा प्रबंधन Waste management, सभी के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना आज एक चिंता का विषय हो गया है। कई बड़े-बड़े शहरों में कचरा प्रबंधन सही से नहीं हो पा रहा है क्योंकि बड़े शहरों में जो वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम waste management system है वह बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। यही कारण है कि 2018 में विश्व पर्यावास दिवस म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट Municipal Solid Waste Management थीम के साथ मनाया गया था। अगर हम घरों से निकलने वाले कचरे की समस्या और डंप साइट dump site के रख रखाव पर ध्यान नहीं देंगे तो प्रदूषण की समस्या से निपटना भी मुमकिन नहीं होगा इसीलिए वेस्ट मैनेजमेंट पर भी ध्यान देना ज़रूरी है। अगर हर शहर में एक अच्छा वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम होगा तो इसका पर्यावरण, पब्लिक हेल्थ Public health और जलवायु परिवर्तन Climate change पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए 2019 में फ्रंटियर टेक्नोलॉजीज Frontier Technologies as an Innovative Tool to Transform Waste to Wealth की थीम रखी है ताकि कचरे से भी पैसा बनाना मुमकिन हो पाए। इस बात से तो हम सब अवगत हैं ही कि टेक्नोलॉजी में सुधार करने की और चीजों को बेहतर बनाने की क्षमता है इसीलिए सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर विनाशकारी प्रभावों से बचने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना एक अच्छा निर्णय है।
आज एक तरफ एक ही व्यक्ति के पास कई घर है वहीं दूसरी तरफ हजारों लोग बस इस कारण की वजह से मर जाते हैं क्योंकि उनके पास एक घर नहीं है। आपने भी ऐसी कई न्यूज पढ़ी होगी जिसमें ये बताया गया होगा कि सर्दियों के मौसम में कड़ाके की ठंड के कारण कई बेघर लोगों की मृत्यु हो गई है और अब तो ये एक नियमित कहानी बन गई है इसीलिए हर व्यक्ति के पास सुरक्षित आवास होना चाहिए। एक सस्टेनेबल लाइफस्टाइल Sustainable lifestyle के लिए मानव आबादी के सामने आने वाली हर चुनौतियों का समाधान करना आज बेहद ज़रूरी हो गया है।
आपको बता दें कि विश्व पर्यावास दिवस World Habitat Day का उद्देश्य बेघर को घर उपलब्ध कराना भर नहीं है। इस दिवस का ये भी उद्देश्य है कि एक बेहतर सामाजिक व्यवस्था की स्थापना हो। अगर लोग बस्ती में भी रह रहे हैं तो वह हर सुविधाओं से सुसज्जित हो और वहां लोगों को सुरक्षित महसूस हो।
हर साल विश्व पर्यावास दिवस को एक थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल 3 अक्टूबर, 2022 को दुनिया भर में विश्व पर्यावास दिवस मनाया जाएगा। 2021 में वर्ल्ड हैबिटेट डे की थीम थी- "Accelerating Urban Action for a Carbon Free World" यानी कार्बन मुक्त दुनिया के लिए शहरी कार्रवाई में तेजी लाना और 2022 की थीम है- Mind the Gap. Leave no one and place behind. इस वर्ष के लिए तय की गयी इस थीम का मुख्य उद्देश्य लोगों को शहरों और मानव बस्तियों में बढ़ती असमानता inequalities को लेकर जागरूक करना है। हम सब जानते हैं कि कैसे बस्तियों में लोगों को अनगिनत समस्याओं का सामना करना पड़ता है और संयुक्त राष्ट्र ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस साल ये थीम तय की है।
आइए विश्व पर्यावास दिवस की कुछ अन्य थीम के बारे में जानते हैं-
विश्व पर्यावास दिवस का आयोजन दुनिया भर के कई देशों जैसे भारत, युगांडा, चीन, पोलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका, मेक्सिको, अंगोला आदि में किया जाता है। दुनिया भर में इसका आयोजन किया जाता है, ताकि विश्व भर में नगरीकरण urbanization के बढ़ते हुए कारण, नगरीकरण का वातावरण पर प्रभाव और गरीवी निवारण में इसकी भूमिका का पता लगाया जा सके। विश्व पर्यावास दिवस के दिन आवास स्क्रॉल ऑफ ऑनर अवार्ड UN-Habitat Scroll of Honour Award पुरस्कार समारोह का आयोजन भी किया जाता है। आपको बता दें कि यह पुरस्कार बेहद ही महत्वपूर्ण पुरस्कारों की सूची में शामिल है। UN-Habitat Scroll of Honour Award संयुक्त राष्ट्र के मानव बस्ती कार्यक्रम द्वारा वर्ष 1989 से शुरू किया गया था।
इस पुरस्कार का मूल उद्देश्य है ऐसे कार्यों की शुरुआत करना जिससे ना सिर्फ बेघर लोगों की पीड़ा को समझा जा सके बल्कि उन्हें दूर भी किया जा सके। मानव बस्तियों के पुनर्निर्माण में सहयोग करना और शहरी जीवन की गुणवत्ता के विकास में सहयोग देना इसके अन्य उद्देश्य हैं।
अगर भारत की बात करें तो हमारे देश में इंदिरा आवास Pradhan Mantri Gramin Awas Yojana, (previously Indira Awas Yojana), राजीव गांधी आवास जैसी तमाम योजनाएं अतीत में चलती रही हैं और इन योजनाओं की मदद से जरूरतमंदों और बेघर लोगों को मकान उपलब्ध कराया गया है। 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आवास योजना Pradhan Mantri Awas Yojana शुरू की थी और इस योजना का लक्ष्य था- देश के सभी नागरिकों के लिए 2022 तक पक्का घर प्रदान करना। इस योजना के तहत निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोग बेहद कम ब्याज दर पर लोन लेकर खुद के घर का सपना पूरा कर सकते हैं।
निष्कर्ष
विश्व पर्यावास दिवस का उद्देश्य सिर्फ सबके लिए घर उपलब्ध कराना भर नहीं है, बल्कि एक बेहतर सामाजिक व्यवस्था की स्थापना करना भी है। इस दिवस को प्रत्येक साल अलग-अलग थीम से मनाया जाता है और ये थीम बेघरों के लिए आश्रय, बेहतर शहरी जीवन, सुरक्षित और अच्छे शहर, स्लम एरियाज के विकास और सभी के लिए आवास, जैसे विषयों से जुड़ी होती है। विश्व पर्यावास दिवस के दिन आवास स्क्रॉल ऑफ ऑनर अवार्ड UN-Habitat Scroll of Honour Award पुरस्कार समारोह का आयोजन भी किया जाता है।
चाहे भीषण गर्मी हो या कड़ाके की ठंड हो या तेज़ बारिश इन सभी से हमें हमारा घर ही बचाता है। हम चाहे दुनिया के किसी भी कोने में चले जाएं अंत में हमें हमारा घर ही याद आता है, पर क्या आपने कभी सोचा है कि जिनके पास घर नहीं है उन्हें भीषण गर्मी, कड़ाके की ठंड और तेज़ बारिश से कौन बचाता है?