स्विफ्ट एक नेटवर्क है जिसे पैसों के लेन-देन और अन्य प्रकार के ट्रांजैक्शंस के लिए सुरक्षित तरीके से संदेशों को भेजने के लिए बैंक इस्तेमाल करते हैं। रूस की वित्तीय क्षमता पर जो प्रतिबंध लगाया जायेगा वह है रूस को स्विफ्ट सिस्टम से हटाना या स्विफ्ट सैंक्शन यानी उस पर सीमा लगाना। ऐसा करने से रूस के बैंकों के लिए विदेश में कारोबार करने में बहुत मुश्किलें हो जाएंगी और वह अन्य देशों से लेन-देन नहीं कर सकेगा। इसी SWIFT System या स्विफ्ट सैंक्शन के बारे इस आर्टिकल के माध्यम से विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं।
आजकल रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। रूस और यूक्रेन Russia and Ukraine के बीच इस वक्त हालात बहुत गंभीर है और यूक्रेन बहुत अधिक संकटों से घिरा हुआ है। वहाँ लोगों के बीच दहशत का माहौल है। इसी युद्ध के चलते एक शब्द है जो चर्चा का विषय बना हुआ है वह है SWIFT स्विफ्ट। यूनाइटेड किंगडम बड़े स्तर पर रूस को स्विफ्ट बैंकिंग प्रणाली से बाहर निकालने के बारे में सोच रहे हैं। माना जा रहा है कि रूस को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल ब्रिटिश सरकार रूस को वैश्विक स्विफ्ट नेटवर्क से बाहर करना चाह रही है। यूक्रेन समेत कई पश्चिमी देश इस बात का समर्थन कर रहे हैं कि रूस को स्विफ्ट बैंकिंग प्रणाली से बाहर किया जाना चाहिए। ब्रिटेन समेत कुछ देश स्विफ्ट नेटवर्क से रूस को अलग करने की तैयारी कर रहे हैं। वैसे रूस के कुछ बैंकों को स्विफ्ट बैंकिंग प्रणाली SWIFT Banking System से बाहर निकाल दिया गया है। हालांकि, अभी रूस को पूरी तरह से स्विफ्ट बैंक प्रणाली से बाहर नहीं निकाला गया है लेकिन अगर रूस को स्विफ्ट बैंक से बाहर निकाल दिया जाता है, उसकी अर्थव्यवस्था Economy पूरी तरह चौपट हो सकती है और उसकी अर्थव्यवस्था पर इसका बहुत ही भयानक प्रभाव देखने को मिलेगा। इसी संदर्भ में चलिए जानते हैं कि क्या है यह स्विफ्ट सैंक्शन SWIFT Sanctions (प्रतिबंध) और SWIFT System, यह कैसे काम करता है और इससे कटने पर रूस पर और उसकी अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
स्विफ्ट सिस्टम SWIFT System की शुरुआत साल 1977 में हुई थी। स्विफ्ट का मुख्यालय बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में है। स्विफ्ट (सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्यूनिकेशन) Society for Worldwide Interbank Financial Telecommunication एक नेटवर्क है जिसे पैसों के लेन-देन और अन्य प्रकार के transaction के लिए सुरक्षित तरीके से संदेशों को भेजने के लिए बैंक इस्तेमाल करते हैं। मतलब SWIFT को हम दुनिया भर में पैसों के लेन-देन का नेटवर्क money transfer network कह सकते हैं। इसे इंटरनेशनल पेमेंट international payment के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पूरे विश्व में लगभग 200 के करीब देशों में ऐसी हजारों से भी ज्यादा वित्तीय संस्थाएं हैं जो स्विफ्ट का इस्तेमाल करती हैं और यह उन देशों के कारोबार में बहुत ही फायदेमंद होता है। आज दुनिया भर में लगभग 11 हजार से भी ज्यादा बैंक और संस्थान, स्विफ्ट बैंकिंग प्रणाली से जुड़े हुए हैं। इसका फायदा यह होता है कि उन देशों के बैंकों के लिए विदेश में कारोबार करना बहुत ही आसान हो जाता है। ये कितना महत्वपूर्ण है इस बात से समझा जा सकता है कि इसे इस्तेमाल करने वालों में फेडरल रिजर्व, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ चाइना समेत दुनिया भर के लगभग सारे सेंट्रल बैंक शामिल हैं। यह वैश्विक स्तर पर वित्तीय लेन-देन सिस्टम के लिए बैकबोन का काम करता है यानि स्विफ्ट बैंकिंग प्रणाली ही ग्लोबल ट्रांजैक्शन global transaction को मैनेज करने का काम करती है। यह एक मैसेजिंग नेटवर्क messaging network है, जो कि बैंकों को एक खास तरह के कोड फॉर्म में मैसेज देता है। इससे इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन में होने वाली गलतियाँ काफी कम हो जाती हैं।
अब आप ये तो समझ गए हैं कि स्विफ्ट क्या है लेकिन अब जानते हैं कि स्विफ्ट सैंक्शन क्या है और इससे किसी देश पर क्या असर पड़ सकता है। दरअसल जब भी कोई देश हमले जैसे तेवर अपनाता है या किसी और देश पर कूट नीतियों का इस्तेमाल कर हमला करता है एवं साथ में अंतरराष्ट्रीय कानून International law को तोड़ने की कोशिश करता है, फिर ऐसे समय में प्रतिबंध शब्द का इस्तेमाल होता है। ऐसे ही अमेरिका और सहयोगी देशों के द्वारा रूस के स्विफ्ट सिस्टम पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की जा रही है। इन्हीं प्रतिबंधों में रूस को इंटरनेशनल पेमेंट स्विफ्ट (SWIFT) से अलग करना भी शामिल है। अभी तक लगे सभी प्रतिबंधों में रूस को सबसे ज्यादा नुकसान इसी से होगा। अमेरिका और उसके सहयोगी देश स्विफ्ट से रूस को अलग करने के इस कदम को काफी प्रभावी मान रहे हैं। स्विफ्ट सिस्टम के बिना एक देश से दूसरे देश में पेमेंट कर पाना काफी मुश्किल हो गया है। जिससे रूस के फाइनेंस को नुकसान होगा। स्विफ्ट सैंक्शन से उस देश की अर्थव्यवस्था को हानि पहुंचाना होता है। रसियन नेशनल स्विफ्ट एसोसिएशन के मुताबिक अमेरिका के बाद रूस इसका दूसरा सबसे बड़ा यूजर है और इस सिस्टम से रूस के करीब 300 वित्तीय संस्थान जुड़े हुए हैं। रूस के आधे से अधिक वित्तीय संस्थान स्विफ्ट के सदस्य हैं। स्विफ्ट सैंक्शन का मतलब है कि यदि रूस इस सिस्टम से अलग हुआ तो यह अन्य देशों से लेन-देन नहीं कर सकेगा। अगर रूस को स्विफ्ट बैंक से बाहर निकाला जाता है, तो ये उसके ऊपर एक फाइनेंशियल अटैक financial attack होगा और उसकी वजह से उसकी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बर्बाद हो सकती है। इसके साथ ही रूस को जल्द ही कठोर आर्थिक चोट का सामना करना पड़ सकता है।
स्विफ्ट सिस्टम, यह वैश्विक स्तर पर बैंकों के माध्यम से होने वाले Transaction को आसान तथा सफल बनाने के लिए एक मैसेजिंग सिस्टम है। स्विफ्ट के पास international bank account number इंटरनेशनल बैंक अकाउंट नंबर (IBAN) और बीआईसी (बिजनेस आइडेंटिफायर कोड) business identifier code को रिकॉर्ड करने की अथॉरिटी होती है। आज की बात की जाए तो इसमें लगभग 200 से अधिक देश और उसके 11,000 से अधिक क्षेत्रीय बैंक तथा सिक्योरिटीज आर्गेनाइजेशन जुड़े हैं जो SWIFT का उपयोग करते हैं। जब कोई क्लाइंट ट्रांजैक्शन करता है तो यह बैंकों को आपस में जोड़ती है। यह एक प्लेटफार्म है जो बैंकों को सुरक्षित वित्तीय संदेश सेवाएँ प्रदान कराता है और लेन-देन की जानकारी को सत्यापित करने के लिये एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है। स्विफ्ट सिस्टम के तहत इसका इस्तेमाल करने वाले संस्थानों और कंपनियों को 8 से 11 अंकों का एक कोड दिया जाता है, जिसे स्विफ्ट कोड SWIFT Code के नाम से भी जाना जाता है। जिस तरह से आप भारत में बैंकिंग ट्रांजैक्शन करते है तो IFSC कोड जरूर भरते हैं, ठीक उसी प्रकार अगर आप विदेश से पैसा भेजते या मंगाते हैं तो आपको SWIFT कोड का इस्तेमाल करना पड़ता है। SWIFT CODE पैसों इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन में किसी बैंक और ब्रांच की पहचान के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हर वित्तीय संस्थान को बैंक आइडेंटिफिकेशन कोड दिया जाता है, जिसमें AAAA-BB-CC-DDD यानि 4 अंकों का बैंक कोड, दो अंकों का देश का कोड, दो अंकों का लोकेशन कोड और तीन अंकों का ब्रांच कोड होता है। 8 Digit SWIFT Code के केस में नहीं होता है क्योंकि 8 Digit का SWIFT Code केवल हेड ब्रांच का होता है। स्विफ्ट सिस्टम एक मैसेजिंग सिस्टम है। यह केवल एक Transaction Verifier की तरह कार्य करता है। जैसे हम बैंकों में लेनदेन के लिए आईएफएससी कोड को इस्तेमाल करते हैं। वैसे ही स्विफ्ट का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है।
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