पढ़ाई को लेकर उत्साह की कमी होना आज एक कॉमन समस्या बन चुकी है। एजुकेशनल एक्सपर्ट्स educational experts इस समस्या को स्टडी बर्नआउट Study Burnout कहते हैं। इस समस्या की वजह से छात्र का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, वह पढ़ाई को बोरिंग समझता है और कुछ छात्र तो पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं। डरने की बात नहीं है क्योंकि ये एक गंभीर समस्या नहीं है और अगर छात्र इसकी पहचान कर ले तो आप भी स्टडी बर्नआउट Study Burnout से हमेशा के लिए बच सकते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि स्टडी बर्नआउट क्या है और इससे कैसे बचें What is Study Burnout and how to prevent it?
हर स्टूडेंट की कॉलेज लाइफ उसकी स्कूल लाइफ से बेहद अलग होती है और ये सिर्फ भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया भर के स्टूडेंट्स की कहानी है। कॉलेज में स्टूडेंट्स का कोई सेट टाइम टेबल नहीं होता है, ना तो कोई स्लीपिंग रूटीन होता है और ना ही कोई स्टडी रूटीन। अब आप सोच रहे होंगे कि हमें तो ये सलाह दी जाती है कि एक रूटीन बनाओ और उसे फॉलो करो पर कॉलेज स्टूडेंट्स college students ऐसा क्यों नहीं कर पाते हैं। दरअसल, कॉलेज में कभी-कभी तो प्रोफेसर्स लगातार लेक्चर देते हैं और कभी-कभी ऐसा होता है कि एक क्लास सुबह 10 बजे रहती है और दूसरी क्लास दोपहर 3 बजे, यही कारण है कि स्टूडेंट्स रूटीन बनाने के बावजूद भी उसे फॉलो नहीं कर पाते हैं।
इसके अलावा कॉलेज में स्टूडेंट्स को असाइनमेंट्स, प्रोजेक्ट्स और एग्जाम भी देने पड़ते हैं। इन सब के साथ-साथ उन्हें इंटर्नशिप भी करना होता है ताकि वे अपने इंट्रेस्ट को अच्छे से जान पाएं और कई स्किल्स सीख पाएं। आप में से ज्यादातर लोग इस बात से अवगत होंगे कि आज-कल एनुअल एग्जाम की जगह सेमेस्टर एग्जाम होते हैं यानी की हर 6 महीने में छात्रों को एग्जाम भी देना पड़ता है। अब ऐसे में लगातार घंटों तक पढ़ाई करना लाज़मी है क्योंकि उन्हें हर काम को बैलेंस करके चलना होता है और अच्छे ग्रेड्स भी लाने होते हैं। इतना ही नहीं एक ब्राइट स्टूडेंट को कॉलेज में होने वाली एक्स्ट्रा करीकुलर एक्टिविटीज़ में भी हिस्सा लेना पड़ता है।
एक स्टूडेंट के ओवरऑल डेवलपमेंट के लिए एकेडमिक स्टडीज़ academic studies, एक्स्ट्रा-करीकुलर एक्टिविटीज़ extra-curricular activities, प्रोजेक्ट projects, असाइनमेंट वर्क assignments work, प्रैक्टिकल्स और इंटर्नशिप practicals and internship सभी ज़रूरी हैं लेकिन हेक्टिक शेड्यूल के चलते कई छात्र कॉलेज लाइफ को बोरिंग समझने लगते हैं और पढ़ने के लिए उनमें उत्साह नहीं बचता है, जो बहुत सामान्य है।
पढ़ाई को लेकर उत्साह की कमी होना आज एक कॉमन समस्या बन चुकी है। एजुकेशनल एक्सपर्ट्स educational experts इस समस्या को स्टडी बर्नआउट Study Burnout कहते हैं। इस समस्या की वजह से छात्र का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, वह पढ़ाई को बोरिंग समझता है और कुछ छात्र तो पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं। डरने की बात नहीं है क्योंकि ये एक गंभीर समस्या नहीं है और अगर छात्र इसकी पहचान कर ले तो आप भी स्टडी बर्नआउट Study Burnout से हमेशा के लिए बच सकते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि स्टडी बर्नआउट क्या है और इससे कैसे बचें What is Study Burnout and how to prevent it?-
यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें कोई व्यक्ति अपने काम पर ध्यान नहीं दे पाता है, उस काम में उसकी दिलचस्पी नहीं रहती है और वह उस काम से हमेशा दूर भागने की कोशिश करता है।
बर्नआउट की स्तिथि को अच्छे से समझाने के लिए रिसर्चर्स ने इसे तीन भागों में बांटा है-
इसके लक्षण की बात करें तो प्रत्येक छात्र में आपको इसके अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं। कई लोगों को यह गलत अवधारणा है कि अगर वे लगातार घंटों तक पढ़ाई करते हैं तो वे स्टडी बर्नआउट Study Burnout का शिकार बन जाते हैं। दरअसल, एक छात्र प्रेशर और डेडलाइन को कैसे हैंडल करता है, ये तय करता है कि वह स्टडी बर्नआउट का शिकार है या नहीं। आपको बता दें कि आप जितनी जल्दी स्टडी बर्नआउट के लक्षण Signs of Study Burnout को पहचान लेंगे उतनी जल्दी आप इस समस्या से निजात पा लेंगे। स्टडी बर्नआउट के लक्षण को जानिए-
स्टडी बर्नआउट Study Burnout से निपटना आसान है और इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है, ब्रेक लेना। हम सभी को हमेशा से ही यह सलाह दी जाती है कि क्वालिटी स्टडी quality study करने के लिए ब्रेक लेना ज़रूरी है लेकिन कई छात्रों को पढ़ाई के बीच ब्रेक लेने से डर लगता है। इस डर के दो कारण हैं।
इन्हीं कारणों की वजह से स्टूडेंट्स को स्टडी बर्नआउट होता है इसीलिए एक्सपर्ट्स की ये सलाह है कि लॉन्ग हॉर्स तक पढ़ने से अच्छा है कि आप ब्रेक लेकर पढ़ाई करें। लॉन्ग हॉर्स तक बैठकर किताबों को घूरने से कुछ नहीं होगा अगर आप फोकस्ड नहीं हैं। अच्छा होगा अगर आप ब्रेक लें और फिर से एक नई एनर्जी के साथ पढ़ाई शुरू करें। ब्रेक्स के वक्त क्या करें-
ब्रेक लेना इस समस्या का तत्काल इलाज है लेकिन अगर आपको बार-बार स्टडी बर्नआउट की समस्या हो रही है तो आपको कुछ अन्य तरीके अपनाने होंगे। कई स्टूडेंट्स को आज के काम को कल पर टालने की आदत procrastination होती है, कहीं ना कहीं उन्हें खुद इस बात का अनुभव होता है कि कल नहीं आएगा फिर भी वे काम को कल पर टालते हैं और जैसे-जैसे एग्जाम पास आते हैं, तब उनके पास इतना समय भी नहीं बचता है कि वे सारे टॉपिक्स को अच्छे से पढ़ पाएं और यही प्रेशर, डर और स्ट्रेस बाद में स्टडी बर्नआउट का रूप ले लेते हैं।
1. एक स्टडी शेड्यूल तैयार करें। ऐसा हो सकता है कि कभी-कभी आप शेड्यूल फॉलो नहीं कर पाएंगे लेकिन ये कोशिश करिए कि आप ज्यादा से ज्यादा उस शेड्यूल को फॉलो कर पाएं। अगर आप अनुशासित हैं तो आपको स्टडी बर्नआउट महसूस नहीं होगा।
2. अपने रूम में अपना फेवरेट कॉर्नर चुनें और वहीं पढ़ाई करें। जब आप पढ़ाई करने बैठे तो यह सुनश्चित कर लें कि आपके पास वो सारी सामन हों जो पढ़ाई करते वक्त काम में आएंगी। वाटर बॉटल अपने पास रखें ताकि आपको बार-बार उठना ना पड़े और स्टडी एरिया को साफ सुथरा रखें।
3. नियमित तौर पर नोट्स बनाएं ताकि एग्जाम के नजदीक आने पर आपको स्ट्रेस ना हो और आप समय रहते सारे टॉपिक्स रिवाइज कर पाएं।
4. हेल्थी खाना खाएं, अच्छी नींद लें और व्यायाम करें।
निष्कर्ष
पढ़ाई को लेकर उत्साह की कमी होना आज एक कॉमन समस्या बन चुकी है। एजुकेशनल एक्सपर्ट्स इस समस्या को स्टडी बर्नआउट कहते हैं। इस समस्या की वजह से छात्र का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, वह पढ़ाई को बोरिंग समझता है।
कभी ना कभी आपको भी स्टडी बर्नआउट ज़रूर महसूस हुआ होगा। स्टडी बर्नआउट से बचने के लिए लॉन्ग हॉर्स तक स्टडी करने के बजाय बीच-बीच में शॉर्ट ब्रेक्स लें और इन ब्रेक्स के बीच में म्यूजिक या पॉडकास्ट सुनें। अगर आपको कुछ पढ़ने का मन है तो नॉन-फिक्शन किताब या मोटिवेशनल कोट्स पढ़ें। आप पावर नैप भी लें सकते हैं, एक्सरसाइज कर सकते हैं और अगर आपको किसी से बात करना है तो आप पेरेंट्स या दोस्त से बात कर सकते हैं।