शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किया जाता है। कई सालों से इस बात पर चर्चा हो रही थी कि भारत की शिक्षा प्रणाली में बदलाव की आवश्यकता है। देश के भविष्य बच्चों की बुनियाद को और मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बाद बड़ा कदम उठाया है।
इसलिए 5 सितंबर 2022 को शिक्षक दिवस के दिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पीएम श्री योजना का ऐलान किया है। पीएम श्री योजना PM Shri Scheme एक बहुत ही बेहतरीन योजना है जिसमें केंद्र सरकार इस आधुनिक युग के आधार पर स्कूल और शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाना चाहती है। इस योजना के माध्यम से पुराने स्कूलों को एक नया स्वरूप दिया जाएगा एवं बच्चों को स्मार्ट शिक्षा से जोड़ा जाएगा।
यानि पुराने मॉडल के स्कूलों को बदलकर ज्यादा सुंदर, मजबूत और आधुनिक तकनीकों से लैस किया जाएगा ताकि सभी बच्चों को आने वाले आधुनिक भविष्य का ज्ञान मिल सके। इस स्कूल में सारी आधुनिक सुविधाएं होंगी। ये सभी देश के मॉडल स्कूल बनेंगे।
साथ ही पीएम श्री योजना बच्चों को अपनी स्वयं की सीखने की प्रक्रिया में भी भागीदार बनाएगा। वर्तमान समय में सरकार ने 14500 स्कूलों को अपग्रेड करने की इजाजत दी है।
इसके आधार पर अन्य स्कूलों को भी 5 साल के अंतर्गत अपग्रेड किया जाएगा। तो आज इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि पीएम श्री योजना 2022 क्या है और इसका क्या उद्देश्य है ? What is PM Shree Yojana 2022 and what is its purpose?
शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए सरकार विभिन्न प्रकार की योजनाएं Schemes संचालित करती है। हाल ही में केंद्र सरकार Central government द्वारा एक नई योजना लांच की गई है जिसका नाम पीएम श्री योजना PM SHRI Yojana है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Prime Minister Narendra Modi ने हाल ही में घोषणा की कि देश भर में 14,500 स्कूलों को पीएम श्री योजना PM SHRI Yojana के तहत विकसित और अपग्रेड किया जाएगा। इस योजना की घोषणा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान Union Education Minister Dharmendra Pradhan ने जून 2022 में की थी। इस योजना के तहत भारत के सभी स्कूलों को मॉडर्न या आधुनिक शिक्षा प्रणाली Modern Education System से जोड़ा जाएगा।
साथ ही इनमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति National Education Policy (NEP) की पूरी भावना समाहित होगी। इस योजना को प्रधानमंत्री जी द्वारा 5 सितंबर 2022 को टीचर्स डे teachers day के अवसर पर ट्वीट के माध्यम से लांच किया गया है। पीएम श्री एक समान, समावेशी और आनंदमय स्कूल वातावरण में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करेगा, जो बच्चों की विविध पृष्ठभूमि, बहुभाषी जरूरतों और विभिन् शैक्षणिक क्षमताओं का ख्याल रखेगा।
पीएम श्री स्कूल अपने आसपास के अन्य स्कूलों को मार्गदर्शन और नेतृत्व प्रदान करेंगे। तो चलिए इस आर्टिकल में आपको पीएम श्री योजना 2022 के बारे में विस्तार से बताते हैं।
पीएम श्री योजना (PM SHRI Scheme) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 5 सितंबर 2022 को लांच की गई है। इस योजना के तहत 14,500 स्कूलों का विकास और कायाकल्प Development and rejuvenation of schools किया जाएगा। इसे लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने बताया कि इसके तहत केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों सहित इन स्कूलों को पीएम-श्री स्कूलों के रूप में मजबूत किया जाएगा।
इस योजना को लांच करने का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को स्मार्ट शिक्षा से जोड़ने एवं पुराने स्कूलों को एक नया स्वरूप देना Connecting students to smart education है। इस योजना को प्रधानमंत्री जी के द्वारा ट्वीट के माध्यम से लांच किया गया है। इन स्कूलों में आधुनिक माध्यम से शिक्षा प्रदान की जाएगी। जिसमें नवीनतम तकनीक, स्मार्ट क्लास, खेल और आधुनिक अवसंरचना Latest technology, smart classes, sports and modern infrastructure पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
इस योजना के अंतर्गत संपूर्ण देश में 14500 स्कूलों का विकास एवं उन्नयन किया जाएगा। सभी स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाया जाएगा एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति की पूरी भावना समाहित की जाएगी। पीएम श्री योजना की फुल फॉर्म Prime Minister School For Rising India है। इस योजना के माध्यम से सभी पुराने स्कूल अपग्रेड हो सकेंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 27,360 करोड़ की लागत से 2022 से 2027 तक 146,00 स्कूलों की गुणवत्ता को बढ़ाया जाएगा।
स्कूलों का चयन राज्य सरकारों से बातचीत करने के बाद किया जाएगा। इसके तहत हर ब्लॉक में दो स्कूलों को अपग्रेड किया जाएगा। मतलब इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि स्कूलों में गुणात्मक वृद्धि Qualitative growth in schools हो। जिससे 12वीं पास करते-करते बच्चों का पूरी तरह विकास हो।
इसके अंतर्गत स्कूलों के ढांचे को भी इस योजना के अंतर्गत सुंदर एवं आकर्षक बनाया जाएगा। प्रत्येक ब्लॉक में एक पीएम श्री स्कूल की स्थापना की जाएगी और प्रत्येक जिले में इस योजना के अंतर्गत एक माध्यमिक एवं वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल स्थापित किया जाएगा।
इस योजना में किसी भी मौजूदा सरकारी स्कूल को अपग्रेड करने की योजना है, चाहे वह केंद्रीय विद्यालयों और जवाहर नवोदय विद्यालयों सहित केंद्र, राज्य या नगरपालिका सरकारों के अधीन हो। सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत लगभग 14500 स्कूल विकसित किए जाएंगे। देशभर के सभी वर्गों के छात्रों को आधुनिक माध्यम से शिक्षा की प्राप्ति होगी। ये स्कूल देश के मॉडल स्कूल बनेंगे, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मूल भावना के अनुरूप होंगे और शिक्षण के नवीन तरीकों पर फोकस करेंगे।
देश के हर प्रखंड में कम से कम एक पीएम श्री स्कूल की स्थापना की जाएगी। ताकि आम लोगों के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा का अवसर मिल सके और उन्हें पढ़ाई के लिए दूर न जाना पड़े।
पीएम श्री योजना के लिए स्कूलों को आधिकारिक पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन Online application on official portal करना होगा। राज्य सरकारें योजना के मानदंडों के तहत स्कूलों की पहचान करेंगी। इन मानदंडों में 55 से अधिक पैरामीटर शामिल होंगे, जैसे एनईपी को लागू करने के लिए स्कूल की सहमति और बिजली, पानी, सीवेज आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं। इसके बाद सरकारी अधिकारियों की टीम स्कूल का निरीक्षण करेगी।
अधिकतम दो विद्यालयों (एक प्राथमिक और एक माध्यमिक या वरिष्ठ माध्यमिक) का चयन प्रति ब्लॉक योजना के अनुसार किया जाएगा। इन विद्यालयों की स्थापना केन्द्रीय विद्यालय की तर्ज पर की जाएगी। वहीं, जरूरत के हिसाब से सरकारी स्कूलों के परिसर और ढांचे को सुंदर, मजबूत, आकर्षक बनाया जाएगा। इस योजना के संचालन पर आने वाला खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। राज्य सरकारों द्वारा इस योजना की निगरानी की जाएगी।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्कूलों का अपग्रेडेशन करना है।
इस योजना के माध्यम से विद्यार्थियों को स्मार्ट शिक्षा से जोड़ा जाएगा एवं पुराने स्कूलों को एक नया स्वरूप दिया जाएगा।
इन सभी स्कूलों को नई शिक्षा नीति से भी जोड़ा जाएगा। ये स्कूल देश के मॉडल स्कूल बनेंगे, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मूल भावना के अनुरूप होंगे और शिक्षण के नवीन तरीकों पर फोकस करेंगे।
इन स्कूलों में अपनायी जाने वाली शिक्षा व्यवस्था अधिक प्रायोगिक, समग्र, एकीकृत, वास्तविक जीवन की स्थितियों पर आधारित एवं शिक्षार्थी केंद्रित होगी।
PM SHRI Yojana के माध्यम से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सकेगी एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चे भी आधुनिक स्कूलों से जुड़ सकेंगे।
स्कूलों को सौर पैनलों, स्मार्ट अपशिष्ट निपटान और प्रबंधन प्रणाली, प्राकृतिक रूप से खेती किए गए पोषण उद्यान, जल संरक्षण और संचयन प्रणाली, आदि के साथ "ग्रीन स्कूल" Green School के रूप में भी विकसित किया जाएगा।
इसका उद्देश्य स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणालियों में सुधार करना है जिससे बच्चों को ज्यादा सुविधा मिल सके।
इस योजना के तहत पुराने मॉडल के स्कूलों को बदलकर ज्यादा सुंदर, मजबूत और आधुनिक तकनीकों से लैस equipped with modern technologies किया जाएगा ताकि सभी बच्चों को आने वाले आधुनिक भविष्य का ज्ञान मिल सके।
यह योजना शिक्षा के स्तर को सुधारने में कारगर साबित होगी।
इस योजना के तहत देश के प्रत्येक जिले में एक माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को भी जोड़ा जाएगा।
इसके अलावा प्रत्येक वर्ग के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का प्रयास भी इस योजना के माध्यम से किया जाएगा।
स्कूली शिक्षा में एनईपी की प्रमुख विशेषताओं के बारे में जानते हैं। दरअसल एनईपी अलग-अलग चरणों में विभाजित एक शिक्षण शैली की परिकल्पना करता है जैसे - मूलभूत, प्रारंभिक, मध्य और माध्यमिक। मूलभूत वर्षों (पूर्व-विद्यालय और ग्रेड I, II) में खेल-आधारित शिक्षा play-based learning शामिल होगी।
प्रारंभिक स्तर (III-V) पर, कुछ औपचारिक कक्षा शिक्षण के साथ कुछ पाठ्यपुस्तकों को पेश किया जाना है। विषय शिक्षकों को मध्य स्तर (VI-VIII) पर पेश किया जाना है। माध्यमिक चरण (IX-XII) प्रकृति में बहु-विषयक होगा जिसमें कला और विज्ञान या अन्य विषयों को शामिल किया जाएगा। पीएम-श्री स्कूलों में शिक्षा प्रदान करने का एक आधुनिक, परिवर्तनकारी और समग्र तरीका होगा। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि एनईपी की भावना से पीएम-श्री स्कूल पूरे भारत में लाखों छात्रों को लाभान्वित करेंगे। इस योजना के अंतर्गत लांच किए गए स्कूलों के माध्यम से देश के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा quality education प्राप्त हो सकेगी। जिससे कि उनको आने वाले समय में नौकरी प्राप्त करने में भी आसानी होगी।
पीएम श्री स्कूलों को समग्र शिक्षा, केवीएस और एनवीएस की मौजूदा प्रशासनिक संरचनाओं के माध्यम से लागू किया जाएगा। अन्य स्वायत्त निकायों को आवश्यकतानुसार परियोजना-विशिष्ट आधार पर शामिल किया जाएगा।
इन स्कूलों की प्रगति का मूल्यांकन करने और एनईपी 2020 NEP 2020 के कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों को समझने के लिए सख्त निगरानी की जाएगी।
पीएम श्री स्कूलों का चयन चैलेंज मोड के माध्यम से किया जाएगा, जहां स्कूल उदाहरणात्मक संस्थान बनने के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। स्कूल पहले दो वर्षों के लिए साल में चार बार ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से स्व-आवेदन करेंगे।
चरण 1: राज्य/केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) को पूरी तरह से लागू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेंगे, जो इन स्कूलों को पीएम श्री स्कूलों के रूप में निर्दिष्ट गुणवत्ता आश्वासन प्राप्त करने में सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है।
चरण 2: निर्धारित न्यूनतम मानकों के आधार पर UDISE+ डेटा का उपयोग करके पात्र स्कूलों का एक समूह पहचाना जाएगा।
चरण 3: पात्र स्कूलों के समूह से स्कूल विशिष्ट चैलेंज शर्तों को पूरा करने के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। इन शर्तों की पूर्ति राज्यों/केवीएस/जेएनवी द्वारा भौतिक निरीक्षणों के माध्यम से प्रमाणित की जाएगी। सत्यापित दावों को अंतिम चयन के लिए मंत्रालय को अनुशंसा की जाएगी।
प्रत्येक ब्लॉक/शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) से अधिकतम दो स्कूल (एक प्राथमिक और एक माध्यमिक/वरिष्ठ माध्यमिक) का चयन किया जाएगा, जिसमें पूरे भारत में स्कूलों की कुल संख्या पर एक ऊपरी सीमा होगी। चयन और निगरानी के लिए स्कूलों का जियो-टैगिंग किया जाएगा, जिसके लिए भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और जियो-इन्फोर्मेटिक्स संस्थान (BISAG-N) की सेवाएं ली जाएंगी। अंतिम चयन के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा।
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स्कूलों का चयन निश्चित समय सीमा के अंदर तीन चरणों वाली प्रक्रिया three step process के द्वारा किया जाएगा। जिसमें प्रथम चरण के तहत राज्य/केंद्र शासित प्रदेश समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे जिसमें वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति को संपूर्ण रूप से लागू करने पर सहमति जताएंगे और केंद्र इन स्कूलों को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्धताओं को तय करेगा।
दूसरे चरण में निर्धारित मानकों के आधार पर उन स्कूलों की पहचान होगी। इस चरण में, यूडीआईएसई+ डेटा के माध्यम से निर्धारित न्यूनतम बेंचमार्क के आधार पर पीएम श्री स्कूलों के रूप में चुने जाने के योग्य स्कूलों की पहचान की जाएगी।
तीसरा चरण कुछ मानदंडों को पूरा करने के लिए चुनौती पद्धति पर आधारित है। इसमें स्कूल चुनौती की शर्तों को पूरा करने की कोशिश करेंगे। केवल चुनौती की शर्तों को पूरा करने वाले स्कूल ही प्रतिस्पर्धा करेंगे। शर्तों की पूर्ति राज्यों/केवीएस/जेएनवी द्वारा भौतिक निरीक्षण के माध्यम से प्रमाणित की जाएगी।
पीएम श्री योजना के तहत सरकारी स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर बदेलगा। यानि स्कूलों को पूरी तरह से मॉर्डन बनाया जाएगा। बिल्डिंग अपग्रेड की जाएगी, क्लॉसरूम स्मॉर्ट होंगे, कंप्यूटर लैब से लेकर लैबोरेटरी और लाइब्रेरी को टेक फ्रेंडली बनाया जाएगा। NEP के तहत प्ले स्कूल तैयार किए जाएंगे। इन स्कूलों में क्लास 3 से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई कराई जाएगी।
पीएम श्री योजना के तहत स्कूल के साथ पढ़ने-पढ़ाने के तरीकों में बदलाव किया जाएगा। एक्सपेरिमेंटल, ट्रांसफॉर्मेशनल और होलिस्टिक यानी ऑलराउंड डेवलपमेंट/ इंटीग्रेटेड मेथड पर ध्यान दिया जाएगा। मतलब स्कूलों में बच्चों को इस तरह पढ़ाया जाएगा जिससे उन्हें नई-नई चीजें सीखने को मिले और छात्रों में रिसर्च करने की क्षमता विकसित की जा सके। स्कूलों में डिस्कवरी ओरिएंटेड और लर्निंग सेंट्रिक टीचिंग मेथड Discovery Oriented and Learning Centric Teaching Method लागू की जाएगी। खेल-खेल में सीखने वाली टॉय बेस्ड टीचिंग toy based teaching होगी जिससे बच्चों को याद रखने के लिए रटना ना पड़े और उनमें ज्ञान का संचार हो।
पीएम श्री योजना 2022 के तहत स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ शिक्षा की आधुनिकता पर भी उतना ही ध्यान दिया जाएगा। जिसके लिए छात्र को किताबी ज्ञान के साथ-साथ प्रेक्टिकल ज्ञान उपलब्ध कराने के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं की सुविधा भी प्रदान की जायेगी। इसका ये फायदा होगा कि छात्रों का संपूर्ण विकास होगा जिससे उनका आत्मविश्वास और भी मजबूत होगा। क्लास रूम में पढ़ाई होने के बाद बच्चों के लिए अलग लैब होंगे जिसमें सभी बच्चों को अलग से प्रैक्टिकल भी कराया जाएगा ताकि बच्चे उन सभी टॉपिक्स को समझ सके और उसे कर सके इससे बच्चों में भी उत्साह आएगा और बच्चे प्रतिदिन स्कूल जाएंगे।
भारत के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जी Union Education Minister Dharmendra Pradhan द्वारा पीएम श्री योजना 2022 को शुरू करने की घोषणा जून 2022 में की गई थी। इस योजना के तहत पूरे देश भर में नई शिक्षा प्रणाली को जारी किया जाएगा, जिससे सभी बच्चों को बेहतर एवं आधुनिक शिक्षा का लाभ प्रदान किया जा सके। छात्रों को ज्ञान एवं कौशल के साथ जोड़ने के साथ साथ सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाकर एक फ्यूचरिस्टिक बेंचमार्क मॉडल futuristic benchmark model स्थापित करना है।
स्मार्ट स्कूल के अंतर्गत बच्चों को कई सारे नये फीचर्स मिलेंगे जिससे बच्चों को टॉपिक समझने में किसी भी प्रकार की समस्या ना हो और वह सभी टॉपिक्स को अच्छी तरह से समझ सके इसके लिए 3D फ्यूचर की सहायता ली जायेगी।
नई स्कूल अपग्रेड योजना new school upgrade plan के अंतर्गत बच्चों को बहुत सारी सुविधा मिलेगी जैसे कि स्मार्ट क्लास, स्मार्ट लैब, स्मार्ट प्लेग्राउंड, तथा अन्य बहुत सी चीजें इन स्कूलों में बच्चों को प्राथमिक से लेकर 12वीं तक की शिक्षा दी जाएगी।
पहले स्कूलों में जो भी बच्चे पढ़ने जाते थे उन सभी को समय-समय पर अन्य अन्य स्कूलों में अपना नामांकन करवाना होता था जिसमें खर्चा भी बहुत आता था और बच्चे को परेशानी भी बहुत होती थी। लेकिन अब इन सभी समस्याओं को दूर कर दिया गया है। इसमें प्राथमिक स्कूल से लेकर 12वीं कॉलेज तक की पढ़ाई होगी जिससे छात्रों को यह फायदा होगा कि एक ही स्कूल में नामांकन कराने के उपरांत सभी छात्र एवं छात्राएं कॉलेज तक की पढ़ाई एक ही स्कूल में कर सकते हैं जिससे उन्हें बार-बार किसी भी स्कूल में अपना नामांकन नहीं करवाना पड़ेगा और माता पिता को भी कोई परेशानी नहीं होगी।
पीएम श्री योजना का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है एक समान, समावेशी, और आनंदमय विद्यालय परिवेश में। यह योजना बच्चों के विविध पृष्ठभूमि, बहुभाषीय आवश्यकताओं, और विभिन्न शैक्षिक क्षमताओं को पता करने का उद्देश्य रखती है, सुनिश्चित करती है कि वे अपनी शिक्षा प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनें, जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने विचार किया है।
पीएम श्री स्कूल अपने संबंधित क्षेत्रों में नेतृत्व देंगे और अन्य विद्यालयों को मेंटरशिप प्रदान करेंगे। यह पहल शिक्षा के समग्र गुणवत्ता को उच्च करने का उद्देश्य रखती है द्वारा बेहतर प्रथाओं और नवाचारी शिक्षण विधियों को साझा करके।
योजना का जोर है पीएम श्री स्कूलों को हरित विद्यालय के रूप में विकसित करने पर, जो निम्नलिखित पर्यावरण-मित्री पहलुओं को शामिल करती है:
- सौर पैनल और एलईडी लाइट्स
- प्राकृतिक खेती के साथ पोषण बागवानी
- कुशल कचरा प्रबंधन प्रथाएं
- प्लास्टिक-मुक्त वातावरण
- जल संरक्षण और संग्रहण तकनीकें
- पर्यावरण संरक्षण से संबंधित पारंपरिक प्रथाओं का अध्ययन
- हवाई वायु परिवर्तन जागरूकता गतिविधियाँ, जिनमें हैकथॉन भी शामिल हैं
पीएम श्री स्कूलों में अनुभवात्मक, समग्र, एकीकृत, और आनंदमय शिक्षण विधि का अनुपालन किया जाएगा। इसमें खेल/खिलौने पर आधारित होगा (विशेष रूप से मौलिक वर्षों में), प्रश्नात्मक, खोज-प्रवृत्त, छात्र-केंद्रित, और वार्ता-आधारित होगा।
योजना के अनुसार प्रत्येक छात्र के प्रत्येक ग्रेड स्तर पर अध्ययन के परिणाम पर जोर दिया जाएगा। मूल्यांकन संदर्भमयी समझ और ज्ञान के अनुप्रयोग पर आधारित होगा, जो क्षमता-आधारित मूल्यांकन की दिशा में अग्रसर होगा।
उपलब्ध संसाधनों की संपूर्ण मूल्यांकन किया जाएगा और उनके प्रभावकारिता की जांच की जाएगी। यदि उपलब्धता, उपयुक्तता, उचितता, और उपयोग में कोई कमी पाई जाती है, तो उसे योजनाबद्ध और योजनात्मक ढंग से पूरा किया जाएगा।
रोजगारी को बढ़ाने और बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए, योजना कौ
शल परिषदों और स्थानीय उद्योगों के साथ संबंधों का पता लगाएगी।
विद्यालय गुणवत्ता मूल्यांकन ढांचा (SQAF) विकसित किया जाएगा, जिसमें परिणामों को मापने के लिए मुख्य प्रदर्शन सूचकांक निर्दिष्ट किए जाएंगे। इसके माध्यम से नियमित गुणवत्ता मूल्यांकन की जाएगी ताकि अनुमोदित मानकों को पाने की सुनिश्चित की जा सके।