नई तकनीक का ही नतीजा है कि आज हमारे सामने एक नया शब्द आया है। जिसे कहा जाता है Gig Economy। गिग इकॉनमी आधुनिकतम रोजगार मॉडलों में से एक है जो दुनिया भर में तेजी से प्रभावी हो रहा है। इस मॉडल में, कर्मचारियों को स्वतंत्रता, लचीलापन, और नियंत्रण की अधिकता मिलती है।
इसका आभास भारत में भी हो रहा है, जहां लोग अपनी क्षमताओं और समय को इस मॉडल के माध्यम से व्यक्त कर रहे हैं। गिग इकॉनमी एक आधुनिक रोजगार मॉडल है जो कर्मचारियों को स्वतंत्रता, लचीलापन, और अधिकतम नियंत्रण प्रदान करता है।
इस लेख में, हम गिग इकॉनमी के बारे में विस्तार से जानेंगे और इस मॉडल के फायदे, नुकसान, गिग इकॉनमी का स्थिति भारत में, गिग वर्कर की प्रमाणिकता, और गिग इकॉनमी के लिए नियम और कायदे के बारे में चर्चा करेंगे।
आज हम आपको गिग इकोनामी Gig Economy के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। जिसकी मदद से आप समझ पाएंगे कि, आखिर यह होती क्या है और किस तरह इसमें काम किया जाता है।
डिजिटल युग में काम करने का अंदाज बदलता जा रहा है। जिस तरह तकनीक Technology ने हर क्षेत्र में दबदबा बना लिया है। उसी तरह काम करने के अंदाज में भी कई बदलाव हुए हैं। नई तकनीक का ही नतीजा है कि आज हमारे सामने एक नया शब्द आया है। जिसे कहा जाता है Gig Economy।
यह शब्द आपको शायद थोड़ा नया लग सकता है, लेकिन जिस तरह से इस विधा में काम होता है, वह कोई नई बात नहीं है, ऐसा पहले के ज़माने में भी हुआ करता था। फिलहाल जिसे गिग इकोनॉमी कहा जा रहा है, इसे पहले फ्रीलांस इकोनॉमी, जल्दी खत्म करने वाले काम या फिर अस्थायी काम भी कहा जाता रहा है।
डिजिटल युग में मोबाइल एप्लीकेशन और कई तरह के काम ऑनलाइन माध्यम से होने लगे हैं। इसी के चलते गिग इकोनामी नाम ने भी जोर पकड़ लिया है। आज हम आपको गिग इकोनामी के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। जिसकी मदद से आप समझ पाएंगे कि, आखिर यह होती क्या है और किस तरह इस में काम किया जाता है।
अगर आप भी अपने रोजमर्रा के काम से बोर हो चुके हैं, तो आप भी गिग इकोनामी का हिस्सा बन सकते हैं और अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। ऐसा कई बार देखने को मिला है कि कई लोगों ने अपनी 9 से 5 की सामान्य नौकरी छोड़कर गिग इकोनॉमी को अपनाया और काफी पैसा भी कमाया है।
जिसमें आपको तनाव भी कम रहता है। Gig Economy को कुछ लोग सिर्फ अस्थायी काम On demand work के रूप में देखते हैं, लेकिन इसमें अच्छी संभावनाएं भी है।
सबसे पहले तो आप Gig शब्द का मतलब समझ लीजिए, इस शब्द का अर्थ कुछ अलग तरह से समझाया जाता है। हम इसे आसानी से उदाहरण देकर समझाने की कोशिश करते हैं। जब गाने-बजाने वाले लोग या फिर उनका एक समूह किसी जगह पर कार्यक्रम के लिए जाता है। इस कार्यक्रम के दौरान उन्हें सिर्फ कुछ समय के लिए बुलाया जाता है और पैसा दिया जाता है। इस तरह के एकमुश्त काम के लिए आप Gig शब्द का इस्तेमाल होता है।
गिग GIG शब्द का तात्पर्य है कि किसी एक काम के लिए कुछ समय के लिए जुड़ना और उसके लिए पैसा लेना।
इसी तरह से ही gig economy में भी काम होता है। उदाहरण के रूप में समझा जाए तो, किसी संस्था या किसी कंपनी के लिए, किसी ऐसे व्यक्ति का काम करना, जो पूरी तरह से कंपनी से नहीं जुड़ा है, सिर्फ कुछ समय के लिए कंपनी के साथ जुड़कर काम करता है और उस एक काम के लिए उसे पैसा दिया जाता है।
इसे लेकर अमेरिकन स्टाफिंग एसोसिएशन American Staffing Association द्वारा एक अध्ययन भी किया गया है। जिसमें 78% लोग इसे लंबे समय से स्वतंत्र कार्यबल की भागीदारी का वर्णन करने के लिए गिग इकोनामी को एक नए तरीके के रूप में देखते हैं।
Gig economy का उपयोग आजकल हर क्षेत्र में किया जा रहा है, इस तरह के काम में किसी भी व्यक्ति को कुछ छोटे या बड़े कार्य दिए जाते हैं। जिन्हें वह पूरा कर पैसा कमाता है। यह काम संस्था की इच्छा के अनुसार पूर्ण किए जाते हैं। काम करने के घंटे Working Hours भी पहले ही तय कर लिए जाते हैं और एक व्यक्ति जो गिग वर्कर है, वह उस समय सीमा में ही काम करता है।
इसके अलावा गिग वर्किंग Gig Working में व्यक्ति एक से ज्यादा काम भी कर सकता है, लेकिन उसके द्वारा लिए गए सभी कामों को, उसे दी गई समय सीमा के अंदर पूरा करना होगा। अगर आप इस तरह का काम करते हैं, तो आपको सभी प्रोजेक्ट में फ्लैक्सिबिलिटी दी जाती है।
एक गिग वर्कर के पास पूरे दिन का काम भी हो सकता है और कुछ घंटों का काम भी हो सकता है, या फिर वह पूरे दिन की नौकरी की तरह ही इससे जुड़कर काम कर सकता है।
विशेष बात सिर्फ इतनी है कि, यह स्थाई नहीं है, यह कुछ समय की अवधि के लिए रूप में किया जाता है। इसमें कई लंबे प्रोजेक्ट्स पर भी काम लिया जाता है। जिसके चलते इसे अस्थाई तो कहा जाता है, लेकिन फिर भी यह स्थाई की तरह ही काम करता है।
कुछ लोग इसके बारे में सोचते हैं कि, केवल कंपनियां ही लोगों को इस तरह के काम के लिए रखती हैं, लेकिन कुछ ऑनलाइन माध्यम और मोबाइल पर मौजूद ऐप ऐसे भी हैं, जो माध्यम बनने का काम करते हैं। जो कंपनी और ऐसे काम करने वाले को साथ काम करने का प्लेटफार्म देते हैं, जिसकी मदद से यह काम सुचारु रुप से हो पाता है।
इस तरह की कई कंपनियां है जैसे कि, उबेर Uber, इंस्टाकार्ट Instacart, टास्क रेबिट TaskRabbit, मैकेनिकलतुर्क Mechanical Turk, फ्रीलांसर Freelancer, गिग इंडिया Gig India आदि।
क्या होते हैं गिग वर्कर्स? What are gig workers?
गिग इकोनॉमी में वैसे तो लाखों लोग काम करते हैं, लेकिन इसकी सटीक संख्या अभी उजागर करना काफी मुश्किल है। गिग वर्किंग के दौरान लोग फ्रीलांसर के तौर पर, अस्थायी कर्मचारी के तौर पर या फिर अनुबंध के तौर पर काम करते हैं, जिसमें इस बात को समझ पाना मुश्किल होता है कि कौन गिग वर्कर्स हैं और कौन नहीं?
अगर आंकड़ों की बात की जाए तो, ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स Bureau of Labor Statistics BLS के मुताबिक साल 2017 मई के दौरान 10.6 मिलियन स्वतंत्र ठेकेदार इस विधा में काम कर रहे थे।इस सर्वे में यह भी सामने आया कि, आधे लोग कमाई के लिए पूरी तरह से गिग वर्किंग पर ही निर्भर थे।
महिलाओं और पुरुषों की बात की जाए तो दोनों ही इस विधा में समान रूप से हिस्सा लेते हैं, लेकिन महिलाओं और पुरुषों के काम में अंतर जरूर होता है।
जिसमें कई पुरुष पूरी तरह से गिग वर्किंग पर निर्भर हैं, लेकिन महिलाएं इस तरह के काम को पार्ट टाइम Part time के लिए अपनाती हैं। जिस तरह से तकनीक बढ़ रही है और इस तरह के काम को दुनिया के किसी भी कोने से किसी भी वक्त किया जा सकता है, इस काम का चलन काफी जोरों से बढ़ रहा है।
गिग इकॉनमी में काम करने वाले कर्मचारी विभिन्न व्यापारिक और पेशेवर क्षेत्रों से होते हैं। यहां नीचे दिए गए कुछ प्रमुख कार्य विभागों के बारे में विस्तार से बताया गया है:
फ्रीलांसर आपरेटर, लेखक, डिजाइनर, वीडियो एडिटर, प्रोग्रामर, विपणन सलाहकार, और इंटरनेट पर कई अन्य कार्यों के लिए गिग इकॉनमी में शामिल होते हैं। वे अपने खुद के समय के अनुसार काम करते हैं और अपनी सेवाओं के लिए मांग के अनुसार मूल्य निर्धारित करते हैं।
अप्प ड्राइवर गिग इकॉनमी का अहम हिस्सा हैं। वे कैब, ऑटोरिक्शा, और सामान डिलीवरी के लिए ऑन-डिमांड सेवा प्रदान करते हैं। अनुप्रयोगों और वेबसाइटों के माध्यम से वे यात्रियों को उचित कीमत पर सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन सुनिश्चित करते हैं।
गिग इकॉनमी में ग्राहक सेवा एजेंट्स ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर सहायता और समस्या समाधान सेवाएं प्रदान करते हैं। वे चैट, ईमेल, और फ़ोन कॉल के माध्यम से उपभोक्ताओं की मदद करते हैं और अपनी विशेषज्ञता के आधार पर उचित निर्देशन प्रदान करते हैं।
वेब डिज़ाइनर्स गिग इकॉनमी में शामिल होते हैं जो वेबसाइटों और वेब ऐप्स के लिए डिज़ाइन, विकास, और बग निवारण का काम करते हैं। वे यूजर इंटरफेस, लोगो, ग्राफिक्स, और अन्य डिज़ाइन तत्वों को विकसित करते हैं ताकि वेबसाइट या वेब ऐप उपयोगकर्ताओं को अद्यतित, प्रभावी, और आकर्षक दिखे।
गिग इकॉनमी में डिलीवरी एजेंट्स उचित समय पर पैकेज और सामान को उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाते हैं। वे ई-कॉमर्स कंपनियों, रेस्टोरेंट्स, और अन्य व्यापारों के लिए डिलीवरी सेवाएं प्रदान करते हैं।
गिग इकॉनमी में अन्य कई विभिन्न भूमिकाएं हो सकती हैं, जैसे कि लोडर्स, डाटा एंट्री ऑपरेटर्स, सोशल मीडिया प्रबंधक, टेस्टर्स, और लॉगिस्टिक्स वर्कर्स। इन कर्मचारियों का काम इंटरनेट पर स्थानांतरित किया जाता है और अनलाइन प्लेटफॉर्मों के माध्यम से आदेश प्राप्त करते हैं।
गिग इकॉनमी में ये सभी कर्मचारी फ्लेक्सिबल और अस्थायी काम करते हैं, जहां वे अपने काम के लिए समय के अनुसार चुन सकते हैं और आपातकालीन आदेश पर काम कर सकते हैं। गिग इकॉनमी के लाभों और नुकसानों को जानने के लिए इस लेख के आगे के अनुभागों को पढ़ें।
भारत में गिग इकॉनमी का विकास तेजी से हो रहा है और इसका महत्व भी बढ़ता जा रहा है। गिग इकॉनमी भारत में नौकरी और आय के साधन के रूप में अनुकरणीय विकल्प प्रदान कर रही है। इसकी मुख्य वजह है व्यक्ति नियोजन की बढ़ती मांग और तकनीकी प्रगति जो लोगों को अपने आप को नौकरी और कार्य के लिए स्वतंत्रता प्राप्त करने की सुविधा देती है।
भारतीय गिग इकॉनमी के विकास के लिए कई प्रमुख कारक हैं।
पहला कारक है बढ़ती इंटरनेट पहुंच, जिसने लोगों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों और ऐप्स का उपयोग करके काम करने का अवसर प्रदान किया है।
दूसरा कारक है स्मार्टफोन की व्यापकता, जो लोगों को गिग इकॉनमी में भाग लेने के लिए उपयोगी उपकरण प्रदान करता है।
तीसरा कारक है वित्तीय समावेश, जो गिग इकॉनमी कार्यकर्ताओं को भुगतान प्राप्त करने और अपनी आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करने की सुविधा प्रदान करता है।
भारतीय गिग इकॉनमी के कुछ प्रमुख क्षेत्रों में इसकी गतिविधियां पाई जाती हैं। ऑनलाइन विपणन, डिलीवरी सेवाएं, कंटेंट लिखने और संपादन, वेब डिज़ाइन और विकास, संगठनात्मक सहयोग, आपसी सहायता और प्रशिक्षण, और सामग्री निर्माण जैसे क्षेत्रों में गिग इकॉनमी के कर्मचारी सक्रिय रहते हैं।
भारतीय गिग इकॉनमी की विकास में अभी भी कई चुनौतियां हैं, जैसे कि कानूनी सुरक्षा, मजदूरों के अधिकारों का संरक्षण, न्यायपालिका के आदेशों का पालन, और न्यूनतम मानकों की अनुपालन।
यहां तक कि अभी तक गिग इकॉनमी के लिए संबंधित कानून और नियमों की एक समान और सुविधाजनक नीति का अभाव है। इन चुनौतियों को हल करने के लिए सरकार, निगम, और संबंधित स्थानीय निकायों को सही नीतियों और कानूनों को अंमल में लाने की जरूरत है।
गिग इकॉनमी के विकास के बावजूद, भारत में इसका स्थानांतरण अभी न्यून है और अभी भी इसकी विस्तारशीलता की आवश्यकता है। इसे बढ़ावा देने के लिए सामरिक और नीतिगत प्रयासों की आवश्यकता है ताकि यह समाज में समावेशी और न्यायसंगत रूप से विकसित हो सके।
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गिग इकॉनमी के फायदों का अध्ययन करने से हमें कई महत्वपूर्ण तत्वों की पहचान होती है। यहां हम गिग इकॉनमी के कुछ मुख्य फायदों पर विचार करेंगे:
स्वतंत्रता और स्वाधीनता: गिग इकॉनमी में काम करने वाले कर्मचारियों को स्वतंत्रता का आनंद मिलता है। वे अपने काम के लिए खुद निर्धारित कर सकते हैं, अपने समय को संघटित कर सकते हैं, और वांछित ग्राहकों के साथ काम कर सकते हैं। इसके साथ ही, इसे स्वाधीनता के रूप में भी देखा जा सकता है क्योंकि गिग इकॉनमी में कर्मचारियों को एकलता और निर्भरता की स्थिति से बचाया जाता है।
वृद्धि के अवसर: गिग इकॉनमी नई और अनुप्रयोगित रोजगार के अवसर प्रदान करती है। यह लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में अपने कौशल और निपुणता के आधार पर काम करने की संभावना देती है। इसके लिए उन्हें एकल या विभिन्न ग्राहकों के साथ सहजता से साझा कर सकते हैं।
टेक्नोलॉजी का उपयोग: गिग इकॉनमी का अभिनव और मुख्य तत्व टेक्नोलॉजी है। इंटरनेट, मोबाइल एप्लिकेशन, और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म कर्मचारियों को कार्य प्राप्त करने, संगठित रूप से काम करने, और भुगतान प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करते हैं। यह कामगारों के लिए सुविधाजनक होता है और कार्य संगठनों को भी अलग-थलग संरचना प्रदान करता है।
आय वृद्धि: गिग इकॉनमी में काम करने से कर्मचारियों को आय में वृद्धि की संभावना होती है। वे अपने काम के लिए मूल्यांकन और नेगोशिएशन कर सकते हैं और अधिक काम करके अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, गिग इकॉनमी में कर्मचारी अपने साथी ग्राहकों के संपर्क में रहते हैं और नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए अपनी प्रोफ़ाइल और व्यक्तिगत ब्रांडिंग का ध्यान रख सकते हैं।
समय की नियोजन: गिग इकॉनमी कार्यकर्ताओं को समय के प्रबंधन की आदत देती है। वे अपनी आवश्यकताओं और सार्वजनिक जीवन के साथ अनुरूप काम करने की क्षमता रखते हैं। यहां कार्यकर्ताओं को स्वतंत्रता होती है कि वे कितने काम करना चाहते हैं और किस समय तक वे काम करना चाहते हैं।
ये थे कुछ मुख्य गिग इकॉनमी के फायदे जिन्हें कामगार अनुभव कर सकते हैं। यह मॉडल न केवल एकल कामगारों के लिए बल्कि संगठनों और अर्थव्यवस्थाओं के लिए भी उपयोगी है। इसे समझने और समर्थन करने के लिए विभिन्न पक्षों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।
गिग इकोनॉमी के साथ आने वाले नए कामकाजी प्रणाली के संचालन के लिए नियम और कायदे अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि सभी संबंधित पक्ष और हितधारकों के लिए न्यायसंगत और सुरक्षित मार्गदर्शन प्रदान किया जाए। कुछ महत्वपूर्ण नियम और कायदे निम्नलिखित हैं:
कामकर्ता सुरक्षा Worker Safety: गिग इकोनॉमी के कामकर्ताओं की सुरक्षा और अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संबंधित कानूनों और नियमों को बनाए रखना आवश्यक है। इसमें कामकर्ताओं के लिए मिनिमम वेतन, कार्यकाल के निर्धारण, कामकर्ता सुरक्षा योजनाएं और अन्य संबंधित मुद्दों पर विचार किया जाता है।
परिश्रमिक और भुगतान के नियम Wage and payment norms: गिग इकोनॉमी में काम करने वाले कामकर्ताओं के लिए उचित परिश्रमिक और भुगतान के नियम बनाए जाने चाहिए। यह समान काम के लिए समान भुगतान और निर्धारित अवधि के साथ अनुकूल भुगतान की सुनिश्चिति करता है।
कार्यालयिक नियम Business rules: गिग इकोनॉमी में सक्रिय होने वाले संगठनों और कंपनियों के लिए समान नियम और कायदे लागू होने चाहिए। इसमें व्यावसायिक निबंधन, कार्यस्थल मानकों का पालन, कार्यकारी अनुबंध, समान अवसरों की प्रदाता और अन्य संबंधित मामले शामिल होते हैं।
न्यायिक संरचना Judicial Structure: गिग इकोनॉमी के नियमों और कानूनों को पालन करने और उनके उल्लंघन के मामलों के लिए एक न्यायिक संरचना होना चाहिए। यह कामकर्ताओं और संगठनों के बीच विवादों को संघर्षमुक्त और न्यायसंगत ढंग से हल करने की सुनिश्चिति करता है।
प्रशिक्षण और कौशल विकास Training and skill development: गिग इकोनॉमी में काम करने वाले लोगों के लिए उचित प्रशिक्षण और कौशल विकास के नियम और योजनाएं होनी चाहिए। इससे कामकर्ताओं की योग्यता और प्रदर्शन में सुधार होता है और उनकी संघर्षों को समय के साथ कम करने में मदद मिलती है।