आज के समय में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में विभिन्न प्रकार की संभावनाएं मौजूद हैं। ऑटोमोबाइल सेक्टर द्वारा आप किसी भी देश की तरक्की को माप सकते हैं और साथ-साथ उस देश की अर्थव्यवस्था को भी। इस सेक्टर को चलाने व आगे ले जाने वाले में जिनका अहम् योगदान हैं वो हैं ऑटोमोबाइल इंजीनियर्स जो डिजाइन, कम्फर्ट, इकोनॉमी, पावरफुल इंजन के साथ-साथ अपने इनोवेटिव और क्रिएटिव माइंड से इस इंडस्ट्री को चलाते हैं इसलिए ऑटोमोबाइल इंजीनियर्स की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। आप भी ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग Automobile Engineering के साथ अपने करियर को रफ्तार दे सकते हैं। क्योंकि इस फील्ड में शानदार पे-पैकेज के अलावा, जॉब की भरपूर संभावनाएं हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से आप ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग के बारे में सब कुछ विस्तार से समझ सकते हैं।
आज के समय में शायद ही कोई ऐसा होगा जिसके पास वाहन नहीं होगा। मतलब आज के समय में वाहन का होना एक जरुरत बन चुका है। ट्रैवल करने के लिए बस, ट्रेन, कार या मोटरसाइकिल ये सब हमारे जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं। सोचिये अगर ट्रांसपोर्टेशन न हो तो हमारी जिंदगी कैसी हो जायेगी। इसकी कल्पना भी करना मुश्किल है इसलिए ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री automobile industry का विस्तार आज बहुत बड़े स्तर पर हो रहा है और ऑटोमोबाइल उद्योग तेजी से फल-फूल रहा है और विकसित हो रहा है। आज ऑटोमोबाइल बाजार दुनिया में सबसे बड़ा बाजारों में से एक है। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री इतनी बड़ी है कि आप इस क्षेत्र में योग्यता हासिल करके आसानी से जॉब पा सकते हैं। ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग करके आप ऑटोमोबाइल के सेक्टर में जा सकते हैं, तो चलिए जानते हैं क्या है ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग और कैसे आप ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग करके इस सेक्टर में जा सकते हैं।
ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, वाहन इंजीनियरिंग की एक शाखा है जिसमें सभी वाहन जैसे बस, मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर, ट्रक और कार आदि का डिज़ाइन और निर्माण किया जाता है। मतलब ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग Automobile Engineering का काम किसी भी वाहन का डिज़ाइन, विकास, निर्माण और परीक्षण Vehicle design, development, manufacturing and testing करना होता है। साथ ही आपको ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में रिसर्च भी करना होता है कि आप ऐसे कौन से इंजन और गाड़ी के पार्ट्स बनाए जिससे कि आपको अच्छी ईंधन दक्षता fuel efficiency मिले। ऑटोमोबाइल इंजीनियर का सबसे महत्वपूर्ण काम होता है कि वो गाड़ी में प्रयोग हो रहे सभी पार्ट्स का क्वालिटी चैक करें। ऑटोमोबाइल इंजीनियर Automobile engineer के द्वारा डिज़ाइन करने के बाद मैन्युफैक्चरिंग डिपार्टमेंट डिजाइन के अनुरूप उस गाड़ी को मैन्यूफैक्चर करते हैं और फिर ऑटोमोबाइल इंजीनियर द्वारा मैन्युफैक्चरिंग गाड़ी का क्वालिटी चेक किया जाता है और फिर अंत में बाजार में जाने के लिए गाड़ी को तैयार किया जाता है। ऑटोमोबाइल इंजीनियर्स को सिस्टम और मशीनों से संबंधित रिसर्च और डिजाइनिंग में काफी ध्यान देना पड़ता है। इसके लिए पहले ड्रॉइंग और ब्लूप्रिंट Drawings and Blueprints तैयार किया जाता है। फिर इंजीनियर्स फिजिकल और मैथमेटिकल प्रिंसिपल्स Physical and Mathematical Principles अप्लाई कर उसे डेवलप करते हैं। इसके बाद काफी प्लानिंग और रिसर्च के बाद एक फाइनल प्रोडक्ट तैयार किया जाता है। इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाओं जैसे मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक, सॉफ्टवेयर तथा सेफ्टी इंजीनियरिंग Mechanical, Electrical, Electronic, Software and Safety Engineering की मदद से आप इस काम को करते हैं। एक कुशल ऑटोमोबाइल इंजीनियर बनने के लिए आपको कुछ स्किल में महारत हासिल करने की भी आवश्यकता होती है।
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ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग कोर्स को करके आप ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में जा सकते हैं। गणित, भौतिकी, रसायन शास्त्र, जैव प्रौद्योगिकी और कम्प्यूटर साइंस Mathematics, Physics, Chemistry, Biotechnology and Computer Science में अच्छी जानकारी रखने वाले छात्र ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जा सकते हैं। इसके लिए आप इन कोर्सेज को करके इंजीनियरिंग कर सकते हैं जैसे -बीई ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग BE Automobile Engineering, बीटेक ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग B Tech Automobile Engineering, सर्टिफिकेट प्रोग्राम इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, डिप्लोमा इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग Diploma in Automobile Engineering, पीजी डिप्लोमा इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग PG Diploma in Automobile Engineering आदि। बी टेक इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग के लिए आपको किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं की परीक्षा मैथ्स और साइंस सब्जेक्ट से पास करनी होती है। इसके बाद एमटेक इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग M.Tech in Automobile Engineering के लिए आपको किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी या कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग या ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में बीटेक करनी होती है। मतलब आप ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में स्नातक के बाद ऑटोमोटिव्स या ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग में एमई या एमटेक भी कर सकते हैं। इसके अलावा ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग बनने के लिए कुछ बेसिक स्किल्स की भी जरुरत होती है। आपके पास कम्युनिकेशन स्किल, कंप्यूटर स्किल, एनालिटिकल व प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल Communication Skills, Computer Skills, Analytical and Problem Solving Skills होनी चाहिए। इनोवेटिव डिजाइनिंग स्किल और लंबे और ऑड आवर्स के लिए काम करने की इच्छा Willingness to work for long and odd hours, रिसर्च स्किल एवं इसके अलावा मल्टी टास्किंग स्किल Multi-tasking skills का होना भी जरुरी है।
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में करियर की संभावनाएं बहुत अधिक हैं। क्योंकि वाहनों की मांग में दिन प्रतिदिन बढ़ोत्तरी हो रही है इसलिए इसके निर्माण में, मेंटेनेंस एवं सर्विस के लिए लोगों की जरूरतें बढ़ रही हैं। कार बनाने वाली कंपनी से लेकर सर्विस स्टेशन, इंश्योरेंस कंपनीज, ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन में ऑटोमोबाइल इंजीनियर्स Automobile Engineers के लिए बहुत सारे मौके हैं। ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग Automobile Engineering की बहुत शाखाएं हैं, उनमें से यदि आपको डिजाइन पसंद है, तो आप उसे चुन सकते हैं या फिर मैन्युफैक्चरिंग में भी जा सकते हैं। इसके अलावा सेल्स मैनेजर, ऑटोमोबाइल डिजाइंस पेन्ट स्पेशलिस्ट भी बन सकते हैं। इसके अलावा अपना गैरेज, वर्कशॉप या सर्विस सेंटर खोल सकते हैं या पीएचडी करके रिसर्च में भी जा सकते हैं। मतलब ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग ग्रेजुएट के लिए मैकेनिकल और ऑटोमोटिव इंडस्ट्रीज में कैरियर के कई अवसर हैं। इसके अलावा क्वालिटी इंजीनियर, मैकेनिकल डिजाइन इंजीनियर, ऑटोमोबाइल टेक्नीशियन, सीनियर प्रोडक्शन इंजीनियर, ड्राइवर इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियर आदि में भी जॉब के अवसर हैं। आप टॉप ऑटोमोबाइल निर्माण कंपनियों के साथ काम करके उच्च वेतन वाले पैकेज प्राप्त कर सकते हैं और जैसे-जैसे अनुभव बढ़ता जाता है, आपके वेतन में भी बढ़ोतरी होती रहती है।
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अब बात करते हैं ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग के प्रकार की। ऑटोमोबाइल इंजीनियर्स को मुख्यत: तीन पदों में विभाजित किया गया है जिससे पूरा काम अच्छे तरीके से हो सके।
ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग का पहला भाग यहीं से शुरू होता है। प्रोडक्ट या डिजाइन इंजीनियर्स वे होते हैं, जो ऑटोमोबाइल्स के कम्पोनेंट और सिस्टम्स की डिजाइनिंग व टेस्टिंग करते हैं और उस डिजाइन के आधार पर ही वाहन बनाया जाता है। वे हर पुर्जे को डिजाइन व अच्छे से चैक करते हैं, ताकि कोई भी कमी न रहे।
डेवलपमेंट इंजीनियर्स का काम होता है डिजाइन के आधार पर उस वाहन के पुर्जे बनाना। क्योंकि डिजाइन तैयार होने के बाद डिजाइन के अनुसार ही पुर्जे बनाये जाते हैं।
मैन्युफैक्चरिंग इंजीनियर्स ऑटोमोबाइल्स के प्रत्येक पार्ट्स को जोड़ने का काम करते हैं और फिर हर हिस्से को जोड़कर वाहन तैयार करते हैं। मतलब वाहन के सभी पुर्जों को जोड़कर एक पूरा वाहन तैयार करने का काम मैन्युफैक्चरिंग इंजीनियर्स द्वारा किया जाता है।