आज हम इस लेख में कम्फर्ट जोन Comfort Zone के बारे में बात करने जा रहे हैं। हम आपको 7 विशेष बातें बताना वाले हैं, जिनका उपयोग करके आप खुद के द्वारा बनाई गई सीमाओं को तोड़ कर आगे बढ़ पाएंगे।
जब आप डर और चिंता को रोकना बंद करते हैं, तभी आप जीवन में सफलताओं को हासिल कर पाएंगे। बहुत से लोगों को अपने कम्फर्ट जोन Comfort Zone से बाहर निकलने में समस्या होती है। वे जीवन में और बहुत कुछ करना चाहते हैं, लेकिन वे खुद को चुनौती देने से डरते हैं और जहां उन्हें सुरक्षित लगता है वही करते हैं। आज हम इस लेख में कम्फर्ट जोन के बारे में बात करने जा रहे हैं। हम आपको 7 विशेष बातें बताना वाले हैं, जिनका उपयोग करके आप खुद के द्वारा बनाई गई सीमाओं को तोड़ कर आगे बढ़ पाएंगे।
इससे पहले कि हम आपके आराम क्षेत्र, यानी कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने के बारे में बताएं। आइए "कम्फर्ट जोन" शब्द की परिभाषा को समझें। कम्फर्ट जोन खुद के द्वारा लगाई गई वह सीमा है जहां एक व्यक्ति फंस जाता है और अतीत को भुलने से इंकार करता है। ऐसा करने से वह अक्सर घबराहट Anxiety और चिंताऔं Worries से भर जाता है। उदाहरण से समझें, मान लें कि आपने अभी एक नया सेल्स कार्य प्रारंभ किया है। इस कार्य के कुछ पहलू ऐसे हैं, जिन्हें करने में आप सही महसूस करते हैं। जैसे व्यक्तिगत सहकर्मियों या ग्राहकों से बात करना।
वहीं दूसरी ओर कोल्ड-कॉलिंग Cold Calling का आइडिया आपको चिंता से भर देता है। आप ऐसा कुछ भी करना सही नहीं समझते। अपने कम्फर्ट जोन के जाल में फंसना आसान है लेकिन निकलना बेहद मुश्किल। इसके साथ समस्या यह है कि यह अक्सर आपको जीवन में सच्ची सफलता और खुशियों नहीं पाने देते।
चिंता आमतौर पर अज्ञात डर से आती है। आमतौर पर हम सबसे खराब स्थिति की कल्पना करते हैं कि क्या होगा? जब हम उन सीमाओं को पार कर जाते हैं तो हमें सुरक्षित महसूस होता है। अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने के लिए आपको पहले खुद को शिक्षित करने की जरूरत है। यहां आपका लक्ष्य यह पता लगाना है कि आप किस कौशल या गतिविधि को कर रहे हैं। आप उन लोगों से बात करेंगे जिन्होंने वही काम किया है। आप इस विषय पर किताबें पढ़ेंगे और आप इस विषय के बारे में इंटरनेट पर लेख भी देख सकते हैं। सूचना बड़ी ताकत है और जितना अधिक आप किसी चीज़ के बारे में जानेंगे, आप उतना ही कम डर महसूस करेंगे साथ ही आपको हिम्मत मिलेगी।
अपने आप को शिक्षित करने के बाद आप जो संभव है उस पर सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए एक कार्य योजना बनाएं। आप अपने कम्फर्ट जोन से कैसे बाहर निकलेगें आप इस बारे में खुद की योजना बना सकते हैं। आप सबसे आसान काम से शुरुआत कर सकते हैं। साथ ही आप हर स्तर तक पहुंचने की योजना बनाएं। इस योजना में आपको बेंचमार्क Benchmark बनाने की जरूरत है। छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं जो आपको अपने कम्फर्ट जोन से बाहर कर सके। इसके अलावा उन प्रमुख चुनौतियों की पहचान करें, जिनका आप सामना कर सकते हैं और उन्हें दूर करने के लिए आप क्या करेंगे इस बारे में सोचें।
भरोसेमंद लोगों से बात करना कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने की एक कुंजी के समान है। आप अपने दोस्तों और परिवार को बताएं कि आप क्या करने की कोशिश कर रहे हैं या आप एक सही साथी चुन सकते है जो आप को सुने और समझे या एक अच्छा समूह बना कर यह किया जा सकता है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि आपके जीवन से जुड़े लोग आपको सही रास्ते पर ला सकते है। आप चाहते होगें कि जब आप अपनी सीमाओं को आगे बढ़ा रहे हों तो वे आपको वह सही राह दिखाएं। वे आपके बारे में गलत सोचेंगे यह विचार दिमाग से निकाल दें।
अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना पहले कदम से शुरू होता है। एक बार जब आप एक योजना बना लेते हैं तो आप बस उस महत्वपूर्ण प्रारंभिक कार्य के साथ शुरुआत करें। चिंता की भावनाओं के प्रति खुद को संवेदनशील बनाने के लिए छोटे कदम लेना एक शानदार तरीका है। आप रातोंरात सफल होने की कोशिश नहीं कर सकते। इसके बजाय आप लगातार अपने आराम के स्तर की सीमाओं को तोेड़े और एक छोटे लक्ष्य की ओर जरूर बढ़े।
अपने कम्फर्ट जोन को आक्रामक चुनौती Aggressive Challenge दें। यह एक तेज़-तर्रार दृष्टिकोण है। जहां आप बहुत कुछ ऐसा करते हैं, जिससे आपको डर लगता है लेकिन ऐसा करके ही आप खुद को सुधार सकते हैं। ऐसा करने से आपके पास अपने डर के बारे में सोचने का समय नहीं होगा। इसके बजाय आप अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाने में इतने व्यस्त होंगे और आप भूल जाएंंगे कि आपको किस चीज से डर लगता था।
आप ऐसा समय अक्सर झेलते होंगे जो आपको नकारात्मक बना कर रख दे, जो आपके आत्मविश्वास को हिला दे और आपको बेहद डरा दे। नकारात्मकता को अपने मन में न आने दें। अपने आप को याद दिलाएं कि यह हो सकता है मेरे अंदर कुछ भी करने की क्षमता है। आपको यह पहचानना होगा कि आपको खुद से फीडबैक मिल रहा है।
कभी भी अपने कम्फर्ट जोन को तोड़ने का विस्तार करना बंद न करें। यहां तक कि अगर आप अपने निर्धारित लक्ष्य पर पहुंच जाते हैं, तो उन सीमाओं को आगे बढ़ाते रहना महत्वपूर्ण है। नई चुनौतियों की तलाश करें। ऐसी चीजें खोजें, जिनकी आपने कभी कल्पना नहीं करते। जैसे किसी क्लास को उस विषय पर पढ़ाना, जिससे आपको डर लगता है या आप किसी भी संबंधित कौशल पर काम कर सकते हैं। अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने से आपको जीवन में ज्यादा अवसर मिलते हैं। चिंता को आपको वह करने से न रोकें जो आप सच में चाहते हैं। अपने डर पर काबू करें और जो सहज महसूस करता है उसकी सीमाओं को तोड़े।
सच्चाई यह है कि आप जो करने से डरते हैं उसे पसंद करना सीख सकते हैं।