पृथ्वी का भी तो ह्रदय है और पृथ्वी का हृदय तभी स्वस्थ रह सकता है जब यहां रहने वाला हर व्यक्ति अपनी पृथ्वी रूपी मां को स्वस्थ रखें। आप भी अपने स्वस्थ हृदय की तरफ तभी बढ़ सकते हैं जब आप स्वस्थ पृथ्वी से अपने स्वस्थ हृदय की ओर चलें।
हर इंसान लंबा जीने की कामना करता है और हर वह कोशिश करता है कि वह अपने आपको लंबी उम्र तक स्वस्थ रख सके। उम्र का लंबा सफर तय करना है तो सबसे बेशकीमती है आपका हृदय। स्वास्थ्य विशेषज्ञ हमेशा यह सलाह देते हैं कि अगर आपको लंबा जीना है तो अपने हृदय की रक्षा अवश्य करें। अपने हृदय या दिल की देखभाल के लिए आपको अपने जीवन काल में एक बेहतर जीवन शैली की आदत डालनी पड़ती है जो आसान नहीं होती। इस जीवन शैली को अपनाने के लिए आपको कड़ी मेहनत और आत्मबल की जरूरत होती है।
हर व्यक्ति अपने आप को स्वस्थ रखने और अपने हृदय को स्वस्थ रखने में सफल नहीं हो पाता क्योंकि सबके जीने का तरीका और रहन-सहन भिन्न-भिन्न होता है। कुछ लोग चाह कर भी अपनी जीवनशैली में बदलाव नहीं कर पाते क्योंकि वह अपने जीवन में कुछ ऐसी जिम्मेदारियों के बोझ तले दबे होते हैं, जिनसे उनका निकल पाना उन्हें असंभव लगता है पर ऐसा नहीं है। कोई भी व्यक्ति अगर चाहे तो निरंतर अभ्यास के बाद अपने आप को स्वस्थ रखने के तरीके ईजाद कर सकता है और धीरे-धीरे आदत पड़ने पर स्वस्थ रहने और दिल को मजबूत रखने के लिए मेहनत करना भी आपकी आदत में शामिल हो जाता है।
हम केवल अपने आप को स्वस्थ रखने और अपने दिल को स्वस्थ रखने की बात को हमेशा तवज्जो देते हैं लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया कि अगर आपका स्वस्थ रहना इतना जरूरी है तो पृथ्वी का स्वस्थ रहना कितना जरूरी है? पृथ्वी का भी तो ह्रदय है और पृथ्वी का हृदय तभी स्वस्थ रह सकता है जब यहां रहने वाला हर व्यक्ति अपनी पृथ्वी रूपी मां को स्वस्थ रखें। आप भी अपने स्वस्थ हृदय की तरफ तभी बढ़ सकते हैं, जब आप स्वस्थ पृथ्वी से अपने स्वस्थ हृदय की ओर चलें।
देश को गंदगी में देखकर खून खोलना चाहिए आपका
जिस देश में हम रह रहे हैं वहां हम अक्सर यह देखते हैं कि कई गली मोहल्लों में गंदगी का पिटारा यूँ लगा होता है, जैसे उस गंदगी से किसी का भला हो रहा हो। लेकिन कई ऐसे आंकड़े हैं जो यह बताते हैं कि गली मोहल्ले में पलने वाली छोटी से छोटी गंदगी स्वास्थ्य को कितना नुकसान पहुंचाती है। अक्सर लोगों का ध्यान कचरे के ढेरों पर तो देखा होगा लेकिन उसकी सफाई करवाने के बारे में कोई ध्यान नहीं देता। सब इसका ठीकरा दूसरों पर फोड़ देते हैं कि इसे साफ करवाने का जिम्मा किसी और का है हमारा नहीं। अपने आसपास के गंदे माहौल को साफ करने का जिम्मा लें, तभी आप स्वस्थ पृथ्वी और अपने स्वस्थ हृदय की कामना कर सकते हैं।
घर की साफ सफाई की तरह समझें देश की सफाई
अगर हर व्यक्ति अपने देश की गंदगी को अपने घर की गंदगी समझकर साफ करेगा तो यह देश कितना साफ रह सकता है इसका अंदाजा आप खुद भी लगा सकते हैं। देश में रह रहा नागरिक मतलबी हो गया है वह अपने घर की सफाई में और अपने स्वास्थ्य के लिए तो मेहनत कर रहा है। लेकिन वह अपने आसपास पल रही गंदगी को देखकर मुंह फेर लेता है। इस मानसिकता को बदलना देश के लिए अति आवश्यक है, क्योंकि हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह जहां रह रहा है और उसके आसपास कोई गंदगी उसे दिख रही है तो वह खुद एक कदम बढ़ाए। जब एक एक व्यक्ति इस पर ध्यान देगा, तो जो नहीं करने वाले व्यक्ति हैं वह भी अपने आप को सही दिशा में ले जाने का एक कदम जरूर बढ़ाएंगे और धीरे-धीरे ऐसा करके यह एक आदत में तब्दील हो जाएगा।
अपने दिल की तरह समझें पृथ्वी का दिल
हर व्यक्ति पृथ्वी पर बड़े आराम से विराजमान है लेकिन वह अपने दिल को महत्व देता है पृथ्वी के दिल को नहीं। इस मानसिकता को बदल कर आप पृथ्वी को अच्छा रखने की तरफ बढ़ेंगे तो आपको समझ में आएगा कि अगर पृथ्वी सही रही तो आपके दिल को स्वस्थ रखने में आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।
पृथ्वी ने इस बात का सबूत दिया
अभी साल 2020 में जो कोरोना महामारी ने कहर बरपाया और लॉकडाउन घटा, उस लॉकडाउन में जब लोग घर पर थे तो पृथ्वी भी धीरे-धीरे सुधर रही थी क्योंकि लोगों का घर से निकलना बंद था। पृथ्वी भी अच्छी सांसें लेने लगी थी। उसका हृदय और अच्छी तरह से धड़कने लगा था। पृथ्वी ने इस बात का सबूत दिया कि अगर आप उसके बारे में सोचेंगे तो वह भी आपके बारे में जरूर सोचेगी। प्रकृति को महत्व दें प्रकृति ही आपके जीवन को लंबी उम्र देने का वरदान रखती है।
उम्मीद करते हैं कि अब जब भी आप अपने स्वस्थ हृदय की कामना करेंगे तो पृथ्वी के स्वस्थ हृदय के बारे में भी सोचेंगे और पृथ्वी और प्रकृति की महत्ता को समझते हुए अपने आसपास के माहौल को स्वस्थ रखेंगे।