ऑस्कर अवॉर्ड, जिसे एकेडमी अवॉर्ड्स के नाम से भी जाना जाता है, सिनेमा की दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है। यह उन बेहतरीन फिल्मों को सम्मानित करता है जिन्होंने दर्शकों और समीक्षकों को समान रूप से प्रभावित किया है।
सालों से, कई शानदार फिल्मों ने यह प्रतिष्ठित गोल्डन ट्रॉफी जीती है और फिल्म इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
ऑस्कर विजेता फिल्में बेहतरीन कहानी, शानदार निर्देशन और दमदार अभिनय का बेहतरीन उदाहरण होती हैं। इनमें ऐतिहासिक युद्ध पर बनीं फिल्में, प्रेरणादायक जीवन कहानियां, शानदार एनिमेटेड फिल्में और सामाजिक मुद्दों पर आधारित कहानियां शामिल होती हैं।
इस ब्लॉग में, हम उन बेहतरीन ऑस्कर विजेता फिल्मों best oscar winning movies के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको जरूर देखना चाहिए। चाहे वह "ओपेनहाइमर" जैसी ऐतिहासिक कहानी हो, "बार्बी" जैसी रंगीन और रोमांचक फिल्म हो, या "मूनलाइट" जैसी गहरी भावनात्मक कहानी हो, इस सूची में हर किसी के लिए कुछ न कुछ है।
ये फिल्में न केवल ऑस्कर अवॉर्ड जीत चुकी हैं, बल्कि उन्होंने सिनेमा को नया रूप देने के साथ-साथ दर्शकों पर गहरी छाप भी छोड़ी है।
तो, अगर आप बेहतरीन क्लासिक फिल्मों या आधुनिक सिनेमा की उत्कृष्ट कृतियों की तलाश में हैं, तो ये ऑस्कर विजेता फिल्में आपकी वॉचलिस्ट में जरूर होनी चाहिए।
📺 कहाँ देखें:
Peacock (अमेरिका), Amazon Prime Video (रेंटल), Apple TV (रेंटल)। उपलब्धता क्षेत्र के अनुसार भिन्न हो सकती है।
रॉबर्ट डाउनी जूनियर - लुईस स्ट्रॉस
एमिली ब्लंट - कैथरीन "किटी" ओपेनहाइमर
मैट डेमन - जनरल लेस्ली ग्रोव्स
फ्लोरेंस प्यू - जीन टैटलॉक
बेनी सफ्दी - एडवर्ड टेलर
जोश हार्टनेट - अर्नेस्ट लॉरेंस
ओपेनहाइमर ने 96वें अकादमी पुरस्कार (ऑस्कर) में सात अवॉर्ड जीते, जिनमें शामिल हैं:
🏆 बेस्ट पिक्चर (सर्वश्रेष्ठ फिल्म)
🏆 बेस्ट डायरेक्टर (सर्वश्रेष्ठ निर्देशक) – क्रिस्टोफर नोलन
🏆 बेस्ट एक्टर (सर्वश्रेष्ठ अभिनेता) – सिलियन मर्फी
🏆 बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर (सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता) – रॉबर्ट डाउनी जूनियर
🏆 बेस्ट सिनेमेटोग्राफी (सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी) – होयटे वान होयटेमा
🏆 बेस्ट फिल्म एडिटिंग (सर्वश्रेष्ठ फिल्म संपादन) – जेनिफर लेम
🏆 बेस्ट ओरिजिनल स्कोर (सर्वश्रेष्ठ संगीत) – लुडविग गॉरान्सन
यह फिल्म 'अमेरिकन प्रोमेथियस' नामक पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता जीवनी पर आधारित है, जिसे काई बर्ड और मार्टिन जे. शेरविन ने लिखा है। ओपेनहाइमर एक ऐतिहासिक ड्रामा है, जो जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर की जिंदगी को दिखाती है। वह एक महान सैद्धांतिक भौतिकविद् थे, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान परमाणु बम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे ओपेनहाइमर ने लॉस एलामोस में गुप्त "मैनहटन प्रोजेक्ट" का नेतृत्व किया, जिसके अंतर्गत उन परमाणु हथियारों का निर्माण हुआ, जिनका उपयोग हिरोशिमा और नागासाकी पर किया गया।
हालांकि, वैज्ञानिक उपलब्धियों के बाद भी, ओपेनहाइमर के जीवन में संघर्ष कम नहीं हुए। उन्होंने अपनी ही खोज के विनाशकारी परिणामों का सामना किया और सरकार द्वारा गहन जांच-पड़ताल का शिकार हुए। शीत युद्ध के दौरान उन्हें कम्युनिस्ट संबंधों के आरोपों के चलते राजनीतिक विवादों का सामना करना पड़ा, जिससे उनका करियर और प्रतिष्ठा दोनों खतरे में पड़ गए।
✅ इतिहास और विज्ञान प्रेमियों के लिए शानदार फिल्म – यह फिल्म सिर्फ एक जीवनी नहीं है, बल्कि इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में से एक को गहराई से दर्शाती है।
✅ क्रिस्टोफर नोलन की उत्कृष्ट फिल्ममेकिंग – फिल्म में बेहतरीन निर्देशन, शानदार पटकथा और अद्भुत सिनेमैटोग्राफी है, जो इसे देखने लायक बनाती है।
✅ सिलियन मर्फी और रॉबर्ट डाउनी जूनियर का दमदार अभिनय – दोनों अभिनेताओं की परफॉर्मेंस ने फिल्म को जीवंत बना दिया है।
✅ दृश्य और संगीत का अद्भुत संयोजन – लुडविग गॉरान्सन का बैकग्राउंड स्कोर और होयटे वान होयटेमा की सिनेमैटोग्राफी फिल्म को एक खास अनुभव बनाते हैं।
✅ सोचने पर मजबूर करने वाली कहानी – यह फिल्म सिर्फ वैज्ञानिक खोज पर नहीं, बल्कि उसके नैतिक और राजनीतिक प्रभावों पर भी प्रकाश डालती है।
अगर आपको ऐतिहासिक घटनाओं पर बनीं गहरी और दमदार कहानियां पसंद हैं, तो "ओपेनहाइमर" को अपनी वॉचलिस्ट में जरूर शामिल करें! 🎥🔥
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Max (HBO Max)
Amazon Prime Video (खरीदने या किराए पर लेने के लिए उपलब्ध)
Apple TV (खरीदने या किराए पर लेने के लिए उपलब्ध)
👥 मुख्य कलाकार:
मार्गोट रॉबी - बार्बी
रयान गोसलिंग - केन
अमेरिका फेरेरा - ग्लोरिया
केट मैककिनन - वीयर्ड बार्बी
इस्सा रे - प्रेसिडेंट बार्बी
सिमु लियू - केन
विल फैरेल - मैटल सीईओ
माइकल सेरा - एलन
बार्बी ने "बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग" (सर्वश्रेष्ठ मौलिक गीत) का ऑस्कर पुरस्कार जीता।
🎵 "व्हाट वाज़ आई मेड फॉर?" – बिली आयलिश और फिनीस
बार्बी लैंड की रंगीन और परफेक्ट दुनिया में बार्बी (मार्गोट रॉबी) एक बेहतरीन जिंदगी जी रही होती है। वहाँ हर दिन डांस पार्टीज़, खूबसूरत घर और पॉज़िटिव सोच से भरा होता है। लेकिन अचानक, उसे अजीब बदलाव महसूस होने लगते हैं, जैसे मृत्यु के विचार और सपाट पैर।
सच्चाई जानने के लिए वह रियल वर्ल्ड (यथार्थ दुनिया) में जाती है। वहाँ वह समझती है कि इंसानी भावनाएँ, समाज की अपेक्षाएँ और आत्म-समर्पण की भावना कितनी जटिल होती हैं। इसी दौरान, केन (रयान गोसलिंग) भी अपनी पहचान की तलाश में एक अलग सफर पर निकल पड़ता है, जिससे अप्रत्याशित घटनाएँ घटने लगती हैं।
यह फिल्म पहचान, लिंग समानता और समाज में पूर्णता के दबाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों को दर्शाती है।
✅ नॉस्टेल्जिक और नई सोच का मेल – यह फिल्म सिर्फ बार्बी गुड़िया के इतिहास को दिखाने तक सीमित नहीं है, बल्कि एक तेज-तर्रार, मज़ेदार और गहरी सोच वाली कहानी भी पेश करती है।
✅ गहराई से जुड़े सामाजिक मुद्दे – फिल्म पुराने लिंग-भेद विचारों को चुनौती देती है और समानता और आत्म-स्वीकृति पर जोर देती है।
✅ बेहतरीन एक्टिंग और निर्देशन – ग्रेटा गेरविग की अनोखी दृष्टि और रयान गोसलिंग का ज़बरदस्त परफॉर्मेंस (खासकर उनके मज़ेदार अंदाज में) फिल्म को देखने लायक बनाते हैं।
✅ हास्य और मनोरंजन से भरपूर – फिल्म में शानदार कॉमेडी, बेहतरीन दृश्य और दिल छू लेने वाले भावनात्मक पल हैं।
✅ हर आयु वर्ग के लिए खास फिल्म – चाहे आप फिल्म के प्रेरणादायक संदेश के लिए देखें, समाज में पितृसत्ता पर इसकी व्यंग्यात्मक प्रस्तुति के लिए देखें, या सिर्फ मज़े के लिए देखें – यह फिल्म हर लिहाज से खास है।
अगर आप एक मनोरंजक, प्रेरणादायक और अनोखी फिल्म देखना चाहते हैं, तो "बार्बी" को अपनी वॉचलिस्ट में जरूर जोड़ें! 🎀🎥✨
📺 मूनलाइट (2016) कहाँ देखें? Where to watch Moonlight (2016)?
नेटफ्लिक्स
अमेज़न प्राइम वीडियो
एप्पल टीवी+
हुलु (उपलब्धता क्षेत्र के अनुसार भिन्न हो सकती है)
👥 मुख्य कलाकार:
ट्रेवेंटे रोड्स Trevante Rhodes – एडल्ट चिरोन
आंद्रे हॉलैंड – केविन
जारेल जेरोम – टीनएज केविन
एश्टन सैंडर्स – टीनएज चिरोन
एलेक्स आर. हिबर्ट – लिटिल (छोटा चिरोन)
महेरशला अली – जुआन
नाओमी हैरिस – पाउला
जनेले मोने – टेरेसा
✅ बेस्ट पिक्चर (सर्वश्रेष्ठ फिल्म)
✅ बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर (महेरशला अली)
✅ बेस्ट एडाप्टेड स्क्रीनप्ले (बैरी जेंकिंस और टेरेल अल्विन मैकक्रेनी)
"मूनलाइट" एक ऐसी फिल्म है जो गहरी भावनाओं और आत्म-खोज की यात्रा को दिखाती है। यह कहानी तीन हिस्सों में बंटी हुई है, जिसमें मुख्य किरदार चिरोन के बचपन, किशोरावस्था और वयस्कता को दिखाया गया है।
🔹 बचपन (लिटिल - छोटा चिरोन):
चिरोन अपने जीवन की शुरुआत एक मुश्किल माहौल में करता है। उसकी माँ ड्रग्स की लत से जूझ रही होती है, और उसे स्कूल में बदमाशी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में उसे एक अनोखा सहारा जुआन (महेरशला अली) में मिलता है, जो खुद एक ड्रग डीलर होते हुए भी चिरोन को जीवन के गहरे सबक सिखाता है।
🔹 किशोरावस्था (टीनएज चिरोन):
इस उम्र में चिरोन अपनी पहचान और यौनिकता को लेकर संघर्ष करता है। इसी दौरान उसकी दोस्ती केविन से होती है, और वह पहली बार प्यार जैसा अहसास करता है। लेकिन एक दर्दनाक घटना उसकी जिंदगी बदल देती है, और वह खुद को एक नए इंसान के रूप में ढालने की कोशिश करता है।
🔹 वयस्कता (ब्लैक - एडल्ट चिरोन):
अब चिरोन पूरी तरह से बदल चुका है। वह कठोर, गंभीर और बाहरी दुनिया से कटा हुआ व्यक्ति बन चुका है। लेकिन पुराने रिश्ते और अधूरी भावनाएँ उसे फिर से अपने अतीत का सामना करने पर मजबूर कर देती हैं।
बैरी जेंकिंस के शानदार निर्देशन में यह फिल्म एक कवितामयी और गहरी भावनात्मक यात्रा बन जाती है। फिल्म में सुंदर सिनेमेटोग्राफी, गहरे संवाद और बेहतरीन अभिनय इसे और खास बनाते हैं। नाओमी हैरिस ने चिरोन की माँ के रूप में प्रभावशाली प्रदर्शन किया है, जबकि महेरशला अली ने जुआन के किरदार में बेहतरीन गहराई और संवेदनशीलता दिखाई है।
✅ गहरी और भावनात्मक कहानी – यह फिल्म सिर्फ एक किरदार की नहीं, बल्कि पहचान, प्रेम, संघर्ष और स्वीकृति की कहानी है।
✅ सशक्त अभिनय – तीन अलग-अलग कलाकारों द्वारा चिरोन के तीन अलग-अलग चरणों को बेहतरीन तरीके से पेश किया गया है।
✅ शानदार निर्देशन और सिनेमेटोग्राफी – फिल्म के करीबी शॉट्स और खूबसूरत विजुअल्स आपको कहानी से जोड़ते हैं।
✅ यथार्थवादी और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण फिल्म – यह फिल्म नस्ल, लिंग पहचान और सामाजिक दबावों पर आधारित महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाती है।
✅ बेहतरीन म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर – फिल्म का संगीत और कम संवादों के बावजूद गहरी भावनाएँ व्यक्त करने की क्षमता इसे एक अनूठा अनुभव बनाती है।
अगर आपने अभी तक "मूनलाइट" नहीं देखी है, तो तैयार हो जाइए एक दिल छू लेने वाली और यादगार यात्रा के लिए। यह फिल्म न केवल देखने लायक है, बल्कि महसूस करने लायक भी है। 🎥✨💙
Netflix
गिलर्मो डेल टोरो Guillermo del Toro, मार्क गस्टाफसन
मुख्य कलाकार | Main Cast:
ग्रेगरी मान Gregory Mann – पिनोकियो
इवान मैकग्रेगर – सेबस्टियन जे. क्रिकेट
डेविड ब्रैडली – गेपेटो
क्रिस्टोफ़ वाल्ट्ज – काउंट वोल्पे
टिल्डा स्विंटन – वुड स्प्राइट और डेथ
केट ब्लैंचेट – स्पाज़ातूरा
फिन वोल्फहार्ड – कैंडलविक
रॉन पर्लमैन – पोडेस्टा
ऑस्कर जीत | Oscar Winner for:
सर्वश्रेष्ठ एनिमेटेड फीचर फिल्म | Best Animated Feature Film
एक गहरा और खूबसूरत पुनर्कथन | A Dark and Beautiful Retelling of a Classic Tale
गिलर्मो डेल टोरो, जो पैन्स लेबिरिंथ और द शेप ऑफ वाटर जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं, ने पिनोकियो की एक अनोखी और भावनात्मक कहानी प्रस्तुत की है। यह फिल्म डिज्नी की पारंपरिक कहानी से अलग है और इसे कार्लो कोलोडी के 1883 के उपन्यास से प्रेरित किया गया है, जिसमें डेल टोरो के विशेष डार्क फैंटेसी तत्व जोड़े गए हैं।
इस फिल्म की कहानी इटली के तानाशाही शासन (फासिज़्म) के समय में घटित होती है। यह सिर्फ एक बच्चा बनने की यात्रा नहीं है, बल्कि जीवन, मृत्यु, विद्रोह और पहचान जैसे गहरे विषयों को छूती है।
यह कहानी एक बूढ़े लकड़हारे गेपेटो की है, जो अपने बेटे की मृत्यु के बाद गमगीन है। अपनी यादों में डूबे हुए, वह लकड़ी से एक बच्चा बनाते हैं – पिनोकियो। लेकिन, यह पिनोकियो पारंपरिक मासूम और भोले चरित्र से अलग है। वह जिद्दी, जिज्ञासु और विद्रोही है, जिसे अपनी पहचान और दुनिया को समझने की गहरी चाह है।
जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, पिनोकियो जीवन के अलग-अलग पहलुओं का सामना करता है – कुछ लोग उसे अपनाते हैं, तो कुछ उसका फायदा उठाते हैं। वह चालाक काउंट वोल्पे और क्रूर पोडेस्टा से टकराता है, जो इटली के फासिस्ट शासन के उच्च अधिकारी हैं। इस यात्रा में उसका मार्गदर्शन सेबस्टियन जे. क्रिकेट करता है, जो एक समय-समय पर सलाह देने वाला लेकिन अनिच्छुक मार्गदर्शक है।
दृश्य और भावनाओं का जादू | A Visual and Emotional Masterpiece
इस फिल्म की सबसे खास बात इसकी शानदार स्टॉप-मोशन एनीमेशन है। हर दृश्य को बेहद बारीकी से बनाया गया है, जिससे फिल्म की हर फ्रेम एक कला का नमूना लगती है। चरित्रों के डिजाइन से लेकर पृष्ठभूमि तक, हर चीज़ फिल्म को जीवंत बनाती है।
इसके अलावा, फिल्म के डबिंग कलाकार भी कमाल के हैं। ग्रेगरी मान पिनोकियो के किरदार में मासूमियत और चुलबुलेपन को बखूबी निभाते हैं, वहीं डेविड ब्रैडली गेपेटो के रूप में गहरी भावनाओं को व्यक्त करते हैं। क्रिस्टोफ़ वाल्ट्ज अपने चालाक और खतरनाक अंदाज़ से काउंट वोल्पे को प्रभावशाली बनाते हैं।
टिल्डा स्विंटन दोहरी भूमिकाओं में – रहस्यमयी वुड स्प्राइट और डेथ – फिल्म को एक अलौकिक एहसास देती हैं। वहीं, केट ब्लैंचेट बिना बोले भी स्पाज़ातूरा नाम के बंदर के रूप में एक प्रभावशाली प्रदर्शन देती हैं।
अंधेरे और आशा का संतुलन | A Story That Balances Darkness and Hope
यह सिर्फ बच्चों के लिए बनी फिल्म नहीं है, बल्कि इसमें गहरे और गंभीर विषय भी हैं। यह कहानी दुःख, युद्ध, स्वतंत्रता और जीवन की अस्थिरता को बहुत संवेदनशीलता से दर्शाती है।
हालांकि, गिलर्मो डेल टोरो ने इस गंभीरता को संतुलित करने के लिए फिल्म में कई हल्के और भावनात्मक क्षण जोड़े हैं। एलेक्ज़ांडर डेस्प्लाट द्वारा रचित फिल्म के संगीत ने कहानी को और भी खूबसूरत बना दिया है।
यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि गिलर्मो डेल टोरो की पिनोकियो ने 95वें अकादमी पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ एनिमेटेड फीचर फिल्म का अवॉर्ड जीता। डेल टोरो हमेशा से कल्पना और मानवीय भावनाओं का बेहतरीन मिश्रण करने के लिए जाने जाते हैं, और इस फिल्म में भी उन्होंने यही किया है।
इस फिल्म को दर्शकों और आलोचकों दोनों से जबरदस्त सराहना मिली। कई लोगों ने इसे अब तक की सबसे बेहतरीन एनिमेटेड फिल्मों में से एक बताया।
गिलर्मो डेल टोरो ने खुद कहा था,
"एनीमेशन कोई जॉनर नहीं, बल्कि सिनेमा है।"
उनकी पिनोकियो इस विचार को सच कर दिखाती है – यह एक ऐसी फिल्म है, जो देखने वालों को भावनात्मक रूप से गहराई तक छू जाती है, चाहे वे बच्चे हों या बड़े।
2022 में आई यह नई फिल्म भले ही बेस्ट पिक्चर का ऑस्कर नहीं जीत पाई, लेकिन यह 2023 अकादमी पुरस्कारों में सबसे ज्यादा सम्मानित फिल्मों में से एक रही। यह फिल्म विश्व युद्ध I के भयानक अनुभवों को बेहद वास्तविक और प्रभावशाली तरीके से दिखाती है, जिससे यह समझ आता है कि युद्ध का प्रभाव युवा सैनिकों पर कितना विनाशकारी होता है।
यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर दुनियाभर में उपलब्ध है।
निर्देशक और मुख्य कलाकार (Director and Main Cast)
निर्देशक: एडवर्ड बर्गर Edward Berger
मुख्य कलाकार:
फेलिक्स कैमरर – पॉल बॉमर
अल्ब्रेख्त शुच – स्टानिस्लाउस कैट्ज़िन्सकी (कैट)
आरोन हिल्मर – अल्बर्ट क्रोप
एडिन हसनविक – टजाडेन स्टैकफ्लीट
डेनियल ब्रुहल – माथियास एर्ज़बर्गर
सेबस्टियन हुल्क – मेजर वॉन ब्रिक्सडॉर्फ
डेविड स्ट्राइसो – जनरल फ्रेडरिक्स
इस फिल्म ने 95वें अकादमी पुरस्कारों में 4 ऑस्कर अवॉर्ड्स जीते:
बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म (जर्मनी)
बेस्ट ओरिजिनल स्कोर (वोल्कर बर्टेलमैन)
बेस्ट प्रोडक्शन डिज़ाइन (क्रिश्चियन एम. गोल्डबेक और एर्नेस्टिन हिपर)
बेस्ट सिनेमेटोग्राफी (जेम्स फ्रेंड)
फिल्म के शानदार सिनेमेटोग्राफी, गहरे संगीत और प्रभावशाली सेट डिज़ाइन ने इसे एक अद्भुत सिनेमाई अनुभव बना दिया है, जो युद्ध की भयावहता को और अधिक वास्तविक बनाता है।
यह फिल्म प्रथम विश्व युद्ध के अंतिम वर्षों की कहानी बताती है, जिसमें पॉल बॉमर नामक एक युवा जर्मन सैनिक की यात्रा को दर्शाया गया है।
पॉल और उसके दोस्त देशभक्ति और सम्मान के सपनों के साथ सेना में भर्ती होते हैं, लेकिन जल्द ही उन्हें युद्ध की असली क्रूरता का सामना करना पड़ता है। मौत, दर्द, और असीम पीड़ा देखकर उनका उत्साह केवल जीवित रहने के संघर्ष में बदल जाता है।
पहली फिल्म की तुलना में, इस संस्करण में एक नया राजनीतिक दृष्टिकोण जोड़ा गया है, जहां जर्मन नेता युद्धविराम की बातचीत कर रहे होते हैं, जबकि सैनिक मोर्चे पर अपनी जान गँवा रहे होते हैं।
"ऑल क्वाइट ऑन द वेस्टर्न फ्रंट" इतिहास प्रेमियों, युद्ध फिल्मों के प्रशंसकों और यथार्थवादी सिनेमा को पसंद करने वालों के लिए एक शानदार फिल्म है।
इसकी गहरी भावनात्मक कहानी, प्रभावशाली दृश्य, और शानदार अभिनय इसे यादगार बनाते हैं। यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि युद्ध-विरोधी संदेश देने वाली एक ज़बरदस्त कृति है, जो युद्ध की असली भयावहता को दर्शाती है।
निर्देशक: एस. एस. राजामौली S. S. Rajamouli
मुख्य कलाकार:
एन. टी. रामाराव जूनियर – कोमाराम भीम
राम चरण – अल्लूरी सीताराम राजू
आलिया भट्ट – सीता
अजय देवगन – वेंकट रामा राजू
श्रिया सरन – सरोजिनी
"RRR" को भले ही प्रमुख ऑस्कर श्रेणियों में नामांकन नहीं मिला, लेकिन इसने भारत के लिए इतिहास रच दिया। इस फिल्म का गाना "नाटू नाटू" बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग के लिए ऑस्कर जीतने वाला पहला भारतीय गाना बना।
एम. एम. कीरावानी द्वारा कंपोज़ किए गए और चंद्रबोस द्वारा लिखे गए इस गाने ने दुनियाभर में धूम मचा दी। इसके जबरदस्त बीट्स और एनर्जी से भरपूर डांस मूव्स ने लाखों लोगों को प्रभावित किया, और सोशल मीडिया पर इसकी अनगिनत रिक्रिएशन वीडियो वायरल हुईं।
इस गाने ने रिहाना और लेडी गागा जैसी दिग्गज हस्तियों को टक्कर देकर जीत हासिल की, जिससे यह भारतीय सिनेमा के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि बन गई।
RRR (2022) फिल्म की कहानी RRR (2022) movie story
"RRR (Rise Roar Revolt)" एक भव्य तेलुगु-भाषा की फिल्म है, जो इतिहास, देशभक्ति, एक्शन, ड्रामा और संगीत का बेहतरीन संगम है।
कहानी 1920 के ब्रिटिश शासन के दौर की है, जहां दो क्रांतिकारी – अल्लूरी सीताराम राजू (राम चरण) और कोमाराम भीम (एन. टी. रामाराव जूनियर) अपने-अपने संघर्ष में लगे होते हैं।
राजू एक ब्रिटिश अधिकारी हैं, लेकिन उनके अंदर एक गुप्त मिशन भी छिपा हुआ है।
भीम एक आदिवासी योद्धा है, जो एक मासूम लड़की को बचाने के लिए निकला है।
जब ये दोनों एक-दूसरे से टकराते हैं, तो वे एक मजबूत दोस्ती बनाते हैं, लेकिन हालात उन्हें आमने-सामने खड़ा कर देते हैं। फिल्म में शानदार लड़ाई के दृश्य, जबरदस्त एक्शन और देशभक्ति से भरपूर क्षण देखने को मिलते हैं।
"RRR" सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक ज़बरदस्त सिनेमाई अनुभव है।
इसमें आश्चर्यजनक एक्शन सीक्वेंस,
भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई कहानी,
शानदार वीएफएक्स और बेहतरीन म्यूजिक है।
फिल्म ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की भावना को दमदार तरीके से दिखाती है।
अगर आपको ऐतिहासिक फिल्में, एक्शन, जबरदस्त स्टंट और दमदार देशभक्ति पसंद है, तो RRR जरूर देखें!
निर्देशक: कैथरीन बिगेलो Kathryn Bigelow (ऑस्कर जीतने वाली पहली महिला निर्देशक)
मुख्य कलाकार:
जेरेमी रेनर – सार्जेंट फर्स्ट क्लास विलियम जेम्स
एंथनी मैकी – सार्जेंट जे. टी. सैनबॉर्न
ब्रायन गेराघटी – स्पेशलिस्ट ओवेन एल्ड्रिज
राल्फ फिएन्स – कॉन्ट्रैक्टर टीम लीडर
डेविड मोर्स – कर्नल रीड
गाय पीयर्स – सार्जेंट मैट थॉम्पसन
82वें अकादमी अवॉर्ड्स (ऑस्कर) में "द हर्ट लॉकर" सबसे बड़ी विजेता बनी, जिसमें इसे 6 ऑस्कर पुरस्कार मिले:
बेस्ट पिक्चर (सर्वश्रेष्ठ फिल्म)
बेस्ट डायरेक्टर – कैथरीन बिगेलो (ऑस्कर इतिहास में पहली महिला विजेता)
बेस्ट ओरिजिनल स्क्रीनप्ले – मार्क बोल
बेस्ट फिल्म एडिटिंग – बॉब मुरावस्की और क्रिस इनिस
बेस्ट साउंड एडिटिंग – पॉल एन. जे. ओट्टोसन
बेस्ट साउंड मिक्सिंग – पॉल एन. जे. ओट्टोसन और रे बेकट
द हर्ट लॉकर फिल्म की कहानी (Synopsis of The Hurt Locker)
"द हर्ट लॉकर" की कहानी इराक युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना की बम निष्क्रिय करने वाली (EOD) यूनिट के इर्द-गिर्द घूमती है। यह यूनिट युद्धग्रस्त बगदाद में खतरनाक रोडसाइड बमों को डिफ्यूज़ करने का काम करती है।
सार्जेंट विलियम जेम्स (जेरेमी रेनर) इस टीम का नया लीडर बनता है। वह बेहद निडर और कुशल है, लेकिन उसकी लापरवाही और नियमों की अनदेखी उसके साथियों को खतरे में डाल देती है।
फिल्म में दिखाया गया है कि जेम्स का युद्ध के प्रति जुनून उसे बार-बार जोखिम उठाने पर मजबूर करता है, जिससे उसकी मानसिक स्थिति और साथी सैनिकों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जब एक छोटे इराकी लड़के की मौत होती है, जिससे जेम्स का भावनात्मक लगाव था, तो वह उसे न्याय दिलाने के लिए एक व्यक्तिगत मिशन पर निकल पड़ता है।
फिल्म न सिर्फ युद्ध की वास्तविकता को दिखाती है, बल्कि यह भी बताती है कि युद्ध के बाद सैनिकों के मनोवैज्ञानिक प्रभाव कितने गहरे होते हैं।
"द हर्ट लॉकर" सिर्फ एक साधारण युद्ध फिल्म नहीं है, बल्कि यह सैनिकों की मानसिक स्थिति और युद्ध के प्रभावों का गहराई से अध्ययन करती है।
जेरेमी रेनर का बेहतरीन अभिनय
हाई-टेंशन एक्शन सीक्वेंस और डॉक्यूमेंट्री-स्टाइल सिनेमेटोग्राफी
कैथरीन बिगेलो की शानदार निर्देशन शैली
युद्ध की भयावहता और सैनिकों के मानसिक संघर्ष को बारीकी से दिखाना
इस फिल्म ने इतिहास रचते हुए ऑस्कर में बड़ी जीत दर्ज की, और इसे अब तक की सबसे बेहतरीन युद्ध फिल्मों में से एक माना जाता है। यदि आपको युद्ध, एक्शन और सस्पेंस से भरपूर दमदार कहानियां पसंद हैं, तो "द हर्ट लॉकर" जरूर देखें!
कहां देखें? (Where to Watch?)
यह फिल्म नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम वीडियो और एप्पल टीवी पर उपलब्ध है (क्षेत्र के अनुसार उपलब्धता अलग हो सकती है)।
निर्देशक: जोएल कोएन और एथन कोएन
मुख्य कलाकार:
जोश ब्रोलिन – लूवेलिन मॉस
जेवियर बार्डेम – एंटोन शिगुर
टॉमी ली जोन्स – शेरिफ एड टॉम बेल
वुडी हैरेलसन – कार्सन वेल्स
केली मैकडोनाल्ड – कार्ला जीन मॉस
80वें अकादमी अवॉर्ड्स (2008) में "नो कंट्री फॉर ओल्ड मेन" ने 4 ऑस्कर जीते:
बेस्ट पिक्चर (सर्वश्रेष्ठ फिल्म)
बेस्ट डायरेक्टर – जोएल कोएन और एथन कोएन
बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर – जेवियर बार्डेम
बेस्ट अडैप्टेड स्क्रीनप्ले – जोएल कोएन और एथन कोएन
यह फिल्म लेखक कॉर्मैक मैकार्थी के उपन्यास पर आधारित है और नैतिकता, किस्मत और लालच की गहरी कहानी को दर्शाती है।
फिल्म की कहानी 1980 के टेक्सास की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जहां लूवेलिन मॉस (जोश ब्रोलिन), एक वियतनाम युद्ध का पूर्व सैनिक, रेगिस्तान में एक ड्रग डील को असफल हालत में पड़ा हुआ पाता है।
मौके पर उसे 2 मिलियन डॉलर से भरा एक सूटकेस मिलता है। वह इस पैसे को लेकर भागने का फैसला करता है, लेकिन उसे अंदाजा नहीं होता कि यह उसके लिए कितनी बड़ी मुसीबत बन सकती है।
उसके पीछे लग जाता है एंटोन शिगुर (जेवियर बार्डेम), एक खतरनाक हिटमैन, जो सिक्का उछालकर लोगों की किस्मत तय करता है। उसकी क्रूरता और अजीब तरह की नैतिकता उसे और भी डरावना बनाती है।
इसी बीच, शेरिफ एड टॉम बेल (टॉमी ली जोन्स) इस बढ़ती हिंसा से परेशान है और इसे रोकने की कोशिश करता है।
जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, लूवेलिन समझ जाता है कि वह चाहे जितना भी भागे, एंटोन शिगुर से बचना असंभव है। फिल्म न्याय, भाग्य और जीवन की अनिश्चितता जैसे गहरे विषयों को बहुत प्रभावशाली तरीके से दिखाती है।
"नो कंट्री फॉर ओल्ड मेन" सिर्फ एक क्राइम थ्रिलर नहीं है, बल्कि यह एक गहरी और सोचने पर मजबूर कर देने वाली फिल्म है।
बेहतरीन कहानी और दमदार निर्देशन
जेवियर बार्डेम का खौफनाक और यादगार अभिनय
तेज़ रफ्तार और सस्पेंस से भरपूर पीछा करने वाले सीन
सुंदर सिनेमेटोग्राफी और गहरी सोच पैदा करने वाले विषय
यह फिल्म 21वीं सदी की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक मानी जाती है। अगर आपको थ्रिलर, एक्शन और मनोरंजक कहानियां पसंद हैं, तो "नो कंट्री फॉर ओल्ड मेन" जरूर देखें!
कहां देखें? (Where to Watch?)
यह फिल्म नेटफ्लिक्स (जापान), अमेज़न प्राइम वीडियो (कुछ क्षेत्रों में), और एप्पल टीवी व गूगल प्ले जैसी रेंटल प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है। (उपलब्धता देश के अनुसार बदल सकती है।)
निर्देशक: ताकाशी यामाजाकी Takashi Yamazaki
मुख्य कलाकार:
रयूनोसुके कामिकी – कोइची शिकिशिमा
मिनामी हमाबे – नोरिको ओइशी
युकी यामादा – शिरो मिजुशिमा
मुनेटाका आओकी – सोसाकु ताचिबाना
हिडेटाका योशिओका – केंजी नोदा
गॉडजिला माइनस वन ने बेस्ट विजुअल इफेक्ट्स का ऑस्कर जीता, जिसे ताकाशी यामाजाकी, कियोको शिबुया, मासाकी ताकाहाशी, और तत्सुजी नोजिमा ने हासिल किया।
"गॉडजिला माइनस वन" जापान की प्रसिद्ध गॉडजिला फ्रेंचाइज़ी की 33वीं फिल्म है। यह फिल्म द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के जापान में सेट की गई है और पहले की गॉडजिला फिल्मों की तुलना में अधिक गंभीर और भावनात्मक रूप से गहरी है।
कहानी कोइची शिकिशिमा (रयूनोसुके कामिकी) नाम के एक पूर्व कामिकाज़े पायलट की है, जो युद्ध में मरने से बच जाता है, लेकिन जब वह घर लौटता है तो उसे बर्बाद हो चुके जापान की सच्चाई का सामना करना पड़ता है।
जब जापान पहले से ही युद्ध के खतरों से जूझ रहा होता है, तभी एक नया और विनाशकारी खतरा सामने आता है – गॉडजिला। यह विशाल दानव शहरों को नष्ट करने लगता है और जापान को एक और तबाही का सामना करना पड़ता है।
फिल्म सिर्फ एक काइजू एक्शन मूवी नहीं है, बल्कि यह युद्ध के बाद के जापान, वहां के लोगों के संघर्ष, उनके डर और जिजीविषा (Survival Instinct) की गहरी कहानी भी बताती है।
गॉडजिला को केवल एक राक्षस के रूप में नहीं, बल्कि युद्ध के दर्द और इसके द्वारा छोड़ी गई गहरी चोटों के प्रतीक (Metaphor) के रूप में दर्शाया गया है।
"गॉडजिला माइनस वन" को हॉलीवुड ब्लॉकबस्टर फिल्मों की तुलना में बहुत कम बजट में बनाया गया था, फिर भी इसकी कहानी, भावनात्मक गहराई और शानदार विजुअल इफेक्ट्स ने इसे एक बेहतरीन फिल्म बना दिया।
अविश्वसनीय विजुअल इफेक्ट्स और एक्शन सीन – फिल्म में गॉडजिला का खौफनाक और रियलिस्टिक रूप दर्शाया गया है।
भावनात्मक रूप से जुड़ने वाली कहानी – यह फिल्म सिर्फ विनाश नहीं, बल्कि मानव संघर्ष, अपराधबोध और मोक्ष (Redemption) की यात्रा भी दिखाती है।
ऑस्कर जीतने वाली ऐतिहासिक फिल्म – जापानी सिनेमा के लिए यह बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इसने बेस्ट विजुअल इफेक्ट्स का ऑस्कर जीता।
टाकाशी यामाजाकी का बेहतरीन निर्देशन – वे न सिर्फ इस फिल्म के निर्देशक थे, बल्कि उन्होंने इसके VFX (दृश्य प्रभाव) पर भी काम किया, जिससे फिल्म का हर सीन बेहद प्रभावशाली बना।
अगर आप गॉडजिला फ्रेंचाइज़ी के पुराने फैन हैं या पहली बार इसे देख रहे हैं, तो गॉडजिला माइनस वन आपके लिए एक बेहतरीन अनुभव साबित होगी।
निर्देशक और मुख्य कलाकार (Director and Main Cast)
निर्देशक: पिपा एर्लिच Pippa Ehrlich, जेम्स रीड
मुख्य कलाकार:
क्रेग फोस्टर (स्वयं के रूप में)
ऑस्कर जीतने वाली उपलब्धि (Oscar Winner For)
माई ऑक्टोपस टीचर ने 2021 में "सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री फीचर" (Best Documentary Feature) का ऑस्कर पुरस्कार जीता।
"माई ऑक्टोपस टीचर" एक अद्भुत डॉक्यूमेंट्री है, जो फिल्ममेकर क्रेग फोस्टर और एक जंगली ऑक्टोपस के बीच अनोखे रिश्ते को दर्शाती है। यह कहानी दक्षिण अफ्रीका के केल्प जंगलों में सेट है, जहां फोस्टर एक साल तक हर दिन ऑक्टोपस से मिलने जाते हैं।
क्रेग फोस्टर, जो लंबे समय तक कड़ी मेहनत के कारण मानसिक तनाव महसूस कर रहे थे, राहत पाने के लिए अटलांटिक महासागर के ठंडे पानी में फ्री-डाइविंग करने लगते हैं। वहीं उनकी मुलाकात एक जिज्ञासु ऑक्टोपस से होती है।
धीरे-धीरे, उन दोनों के बीच एक अनोखी दोस्ती बन जाती है। फोस्टर ऑक्टोपस के जीवन, उसकी बुद्धिमानी, बचाव तकनीकों और संघर्षों को नजदीक से देखने लगते हैं। खासकर, वे कैसे पजामा शार्क जैसे शिकारी से बचती है, यह बहुत ही रोमांचक तरीके से दिखाया गया है।
इस डॉक्यूमेंट्री में न केवल समुद्री जीवन की सुंदरता और संतुलन को दर्शाया गया है, बल्कि यह मनुष्यों और प्रकृति के बीच गहरे रिश्ते को भी दिखाती है। फोस्टर, ऑक्टोपस से सीखकर अपने बेटे के साथ संबंध सुधारने और जीवन को नई दृष्टि से देखने में सक्षम होते हैं।
"माई ऑक्टोपस टीचर" सिर्फ एक प्रकृति पर आधारित डॉक्यूमेंट्री नहीं, बल्कि यह जीवन, सीखने और भावनात्मक जुड़ाव की एक प्रेरणादायक कहानी है।
अनोखी दोस्ती और भावनात्मक जुड़ाव – फिल्म यह दिखाती है कि कैसे मनुष्यों और जानवरों के बीच भी गहरे रिश्ते बन सकते हैं।
प्राकृतिक दुनिया की खूबसूरती – फिल्म में समुद्र के जीवन की शानदार और मनमोहक झलकियां देखने को मिलती हैं।
प्रेरणादायक संदेश – यह डॉक्यूमेंट्री हमें धैर्य, अनुकूलन (Adaptation) और जिज्ञासा (Curiosity) के महत्व को समझने में मदद करती है।
शानदार सिनेमैटोग्राफी – पानी के नीचे फिल्माए गए दृश्य बेहद खूबसूरत हैं, जो आपको समुद्री दुनिया से जोड़ते हैं।
अगर आप प्रकृति और जीवन के गहरे अर्थों को समझना चाहते हैं, तो माई ऑक्टोपस टीचर आपके लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होगा।