इसमें कोई संदेह नहीं है कि लद्दाख भारत के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है, जो ऊंचे पहाड़ों, झीलों, नदीयों, बौद्ध मठों और धार्मिक स्थलों से परिपूर्ण है। आज मैं आपको लद्दाख के 10 ऐसे जगहों के बारे में बताने वाली हूं, जिसे उसके प्राकृतिक सौंदर्य, शांत प्राकृतिक वातावरण और उसके आसपास के खूबसूरत नजारों हेतु लद्दाख के पर्यटन स्थलों की सूची में सबसे ऊपर रखा गया है। भारत के सूबसूरत केंद्र शासित प्रदेश में से एक है। इस वजह से ये भारत के पर्यटन स्थलों में से एक है। लेह लद्दाख की पहाड़ियां, गहरी नीली झीलें और सुंदर सड़कें यात्रियों को आकर्षित करती हैं। अपने कठिन रास्तों, सुंदर मठों और बर्फबारी की वजह से घूमने के लिए ये जगह सबसे बेस्ट मानी जाती है, इन यात्राओं की यही तो खूबसूरती है कि सफर खत्म होने के बाद भी ये हमसे कई दिनों तक हमारे खयालो में रहता है। अगर आप भी ऐसी ही कुछ जगहों पर जाना चाहते हैं, तो आपको लद्दाख (Ladakh) जाना चाहिए।
लद्दाख जैसी आकर्षक भूमि पर छुट्टी पर जाना निश्चित रूप से जीवन भर का अनुभव है। तो, आप वहां कुछ भी सर्वश्रेष्ठ क्यों छोड़ना चाहेंगे? मठ, नदियाँ, घाटियाँ, झीलें, गाँव और संग्रहालय (Monasteries, rivers, valleys, lakes, villages and museums) – यह घूमने के लिए बहुत सारी लोकप्रिय और मज़ेदार चीजों का संगम है। शानदार छुट्टी के लिए लद्दाख में दर्शनीय स्थल Places to Visit in Ladakh (Scenic Spots) की सूची यहां दी गई है।
स्टोक पैलेस सिंधु नदी (Indus River) के करीब स्थित लेह-लद्दाख में देखने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। इस महल को 1825 ईस्वी में राजा त्सेपाल तोंदुप नामग्याल (Rey Tsepal Tondup Namgyal) ने बनाया था। यह आकर्षक महल अपनी वास्तुकला, डिजाइन, सुंदर उद्यानों और अद्भुत दृश्यों (Architecture, design, beautiful gardens and amazing scenery) के लिए मशहूर है। इसके साथ ही यह महल शाही पोशाक, मुकुट और अन्य शाही सामग्रियां भी देखने को मिलेगी। स्टोक पैलेस को देखने के लिए लोग जीपों और टैक्सियों के माध्यम से आसानी से पहुंच सकते हैं।
लद्दाख की जांस्कर घाटी एडवेंचर प्रेमियों (Adventure Lovers) की सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। इसे यहाँ का एडवेंचर हॉटस्पॉट (Adventure Hotspot) भी कहा जाता है। लद्दाख से लगभग 105 किलोमीटर दूर स्थित और बेहद खुबसूरत ज़ंस्कार घाटी है। जन्नत का अहसास करवाती ज़ंस्कार घाटी बर्फ से ढके पहाड़ों और स्वच्छ नदियों से सजी है। 'ज़हर या ज़ंगस्कर' जैसे स्थानीय नामों से जानी जाने वाली ज़ंस्कार घाटी द टेथिस हिमालय (The Tethys Himalaya) का एक हिस्सा है। ज़ंस्कार घाटी समुद्र तल से लगभग 13,154 की ऊंचाई पर बसी है। अगर इस जगह की बात करें तो यह लगभग पांच हजार वर्ग किलोमीटर में फैली है। ऊंचे-ऊंचे बर्फिले पहाड़ों से ढकी यह घाटी अपनी खुबसूरती के लिए फेमस है, जो यहां एक बार घूमने जाता है वह अपना दिल वहीं छोड़ आता है। यह घाटी उन लोगों को ज्यादा आकर्षित करती है, जो 'ट्रेकिंग' और 'रिवर राफ्टिंग (River rafting) ' करना पसंद करते हैं। ज़ंस्कार घाटी उन पर्यटकों का खुले दिल से स्वागत करती है, जो एडवेंचर पसंद करते हैं।
आपने शायद हिमाचल (Himachal) के मलाना गाँव (Malana Village) का नाम तो सुना होगा। अगर नहीं सुना तो बता दें कि मलाना भारत की सीमा (Indian border) का आखिरी गाँव है। ऐसा ही कुछ तुरतुक के साथ भी है। तुरतुक लद्दाख (Turtuk Ladakh) में भारत की सीमा में आखिरी गाँव है। तुरतुक भारत की लक्ष्मण रेखा के समान है। पाकिस्तान की सीमा से 12 किलोमीटर दूरी पर बसा ये गाँव यहाँ के लोगों की वजह से जाना जाता है। पुराणों के मुताबिक यहाँ के लोग बेहद खूबसूरत होते थे। यहाँ के लोग दिखने में जितने सुंदर हैं, उससे सुंदर उनके मन होते है। तुरतुक लद्दाख के बल्ती क्षेत्र में बसा हुआ है। बल्ती का अधिकतर हिस्सा पाकिस्तान में आता है। ये जगह दुनिया भर में अपने खास किस्म की खुमानी के लिए भी फेमस है।
ब्लू पैंगोंग झील हिमालय में लेह-लद्दाख के पास स्थित प्रसिद्ध झील है, जो 12 किलोमीटर लंबी है। और भारत से तिब्बत तक फैली हुई है। यह झील करीब 43,000 मीटर की ऊंचाई पर है, जिसकी वजह से इसका तापमान -5 डिग्री सेल्सियस से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, यह अपने खारेपन के बावजूद भी सर्दियों के मौसम में पूरी तरह से जम जाती है। इस झील को पैंगॉन्ग त्सो (Pangong tso) के नाम से भी जाना जाता है। और यह लम्बे समय से लेह लाद्द्ख का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। लेह लद्दाख की एक खूबसूरत जगह होने के साथ यह कई फिल्मों की शूटिंग का हॉट-स्पॉट होने की वजह से इस झील को काफी लोकप्रियता मिली है। पैंगोंग झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता, क्रिस्टल जल और कोमल पहाड़ियाँ की वजह से एक लेह-लद्दाख का एक प्रमुख पर्यटन स्थल (Major tourist destination) है।
जमी हुई झील पर चलने के बारे में आपका क्या ख्याल है ? चादर ट्रेक लद्दाख में घूमने के लिए खूबसूरत जगहों में से एक है, क्योंकि सर्दियों में लेह लद्दाख में ज़ांस्कर नदी बर्फ के एक कंबल में जम जाती है। जब आप इस पर ट्रैकिंग करते हैं तो इस जमी हुई नदी के रंगों के परिवर्तन देखने को मिलता है। हल्का नीला रंग हल्के पीले रंग में बदल जाता है, जब दिन में कुछ घंटों के लिए सूर्य सीधे उस पर चमकता है। यह चांदनी रात में बिलकुल सफेद दिखता है। चादर ट्रेक यात्रा को सबसे साहसिक और कठिन ट्रेक यात्राओं में से एक कहा जाता है।
फुकताल या फुगताल मठ एक अलग मठ है जो लद्दाख में जांस्कर क्षेत्र के दक्षिणी और पूर्वी भाग में स्थित है। यह उन उपदेशकों और विद्वानों की जगह है जो प्राचीन काल में यहां रहते थे। यह जगह ध्यान करने, शिक्षा, सीखने और एन्जॉय करने की जगह थी। झुकरी बोली में फुक का अर्थ है “गुफा”, और ताल का अर्थ “आराम ” होता है। यह 2250 साल पुराना मठ एकमात्र ऐसा मठ है, जहाँ पर पैदल चलकर पहुंचा जा सकता है। फुगताल मठ लद्दाख के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, और ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए एक बहुत खास जगह है। अगर आप लेह लद्दाख घूमने के लिए जा रहे हैं। तो इस पर्यटन स्थल की सैर करना न भूलें। यहां मंदिर में लोगों द्वारा अच्छे जीवन और कामों के लिए हर दिन प्रार्थना की जाती है। यहां के त्यौहारों बहुत ही उत्साह और मनोरंजन के साथ मनाया जाता है।
पनामिक नुब्रा घाटी (Panamik Nubra Valley) का सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली जगह है। यदि आप दिस्कित के रास्ते पनामिक जा रहें हैं आपको वहाँ से 55 किलोमीटर का रास्ता तय करना होगा। पनामिक की सबसे खास बात जो इसे दूसरों से अलग करती है वो है यहाँ मिलने वाले मिलने वाले सल्फर (Sulphur) के झरने। यहाँ के झरने पूरी तरह से औषधीय हैं। यदि आपको ऊँचाई की वजह से परेशानी हो रही है, तो ये झरने आपकी थकान मिटाने के लिए कारगर साबित होंगे।
यहाँ से सियाचन ग्लेशियर (Siachen Glacier) की दूरी ज्यादा नहीं है। ग्लेशियर से कुछ किलोमीटर पहले गर्म झरने मिलता है जो अपने आप में ही कुदरत का करिश्मा है। पनामिक नुब्रा घाटी की वो आखरी जगह है, जहाँ तक लोगों के जाने की अनुमति की बात है। इसके आगे सिर्फ इंडियन आर्मी (Indian army) ही जा सकती है, इसलिए आप आगे जाने की कोशिश न करें।
लद्दाख के खूबसूरत पहाड़ों में बसी नुब्रा वैली यहां की सबसे खूबसूरत जगह है। नुब्रा का मतलब "फूलों की घाटी" इस वजह से इसे लद्दाख के बाग के नाम से भी जाना जाता है। चारों ओर ऊंचे-ऊंचे रंग-बिरंगे पहाड़, ग्लेशियर, नदियां यहां की सुंदरता में चार चांद लगाने का काम करते हैं। नुब्रा घाटी ऊंट की सवारी के लिए मशहूर है। लेह-लद्दाख की यह जगह पैसा वसूल है। जो आपके ट्रिप को यादगार और शानदार बना देगी ।
रूमत्से लेह-मनाली हाईवे (Rumtse Leh-Manali Highway) पर पड़ने वाला काम आबादी वाली छोटी-सी जगह है। छोटी होने की वजह से लोग अक्सर इस जगह को पहचानने और खोजने में धोखा खा जाते हैं। मोरिरी झील (Moriri Lake) से रूमत्से गाँव की दूरी करीब 165 किलोमीटर है। झील तक पहुँचने के लिए आपको 9 दिन की लंबी ट्रेकिंग करनी होगी। इसके अलावा यहाँ पहुँचने का दूसरा कोई रास्ता नहीं है। झील के चारो तरफ हरा-भरा मैदान दिखाई देता है। ये कहना गलत नहीं होगा कि समूचे लद्दाख में सबसे ज्यादा हरियाली आपको यहीं देखने को मिलेगी। लद्दाख का ज्यादातर हिस्सा बंजर है। इसलिए यहाँ मिट्टी के संरक्षण (soil conservation) पर भी खास ध्यान दिया जाता है। और पहाड़ों को भी नुकसान न हो, इस बात का खास ध्यान रखा जाता है।
लेह पैलेस जिसे ‘Lhachen Palkhar’ के नाम से भी जाना जाता है जो लेह लद्दाख का एक ऐतिहासिक स्थल है। और देश की एक ऐतिहासिक समृद्ध सम्पदाओं में से एक है। इस भव्य और आकर्षक संरचना को 17 वीं शताब्दी में राजा सेंगगे नामग्याल (Raja Sengge Namgyal) ने एक शाही महल के रूप में बनवाया था। और इस हवेली में राजा और उनका पूरा परिवार रहता था। लेह पैलेस अपने समय की सबसे ऊँची इमारतों में से एक है, जिसमें नौ मंजिलें हैं। यह लदाख में घूमने के लिए अच्छी जगहों में से एक है।
चंगथांग को भारत का तिब्बत कहा जाता है। इस गाँव का बच्चा-बच्चा बौद्ध धर्म (Buddhism) को मानता है। ये गाँव चीनी बाॅर्डर के बेहद नजदीक है। चंगथांग का कुछ हिस्सा भारत में है और कुछ चीन की सीमा में है। बंजर होने की वजह से आपको यहाँ दूर-दूर तक पेड़-पौधे नहीं मिलेंगे। रूमट्से की तरह यहाँ भी आपको हरियाली देखने को नहीं मिलेंगी। 15,400 फीट ऊँचाई पर स्थित ये जगह लद्दाख की बाकी जगहों की तुलना में कुछ ज्यादा ठंडी है। इस वजह से यहाँ गर्मियों में भी गर्म कपड़ों की जरूरत पड़ती है।
चंगथांग में आपको चंगपा बंजारे यानी चांगपा नोमैड्स (Changpa Nomads) देखने को मिल जाएँगे। ये लोग अपने पर्यावरण का बेहद ध्यान रखते हैं। यहाँ चंगथांग वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी (Wildlife Sanctuary) भी है। जिसमें भेड़िए, स्नो लैपर्ड, बारहसिंघा (Wolf, Snow Leopard, Reindeer) जैसे जानवर देखने को मिल जाएँगे। लद्दाख की सबसे फेमस पैंगोंग झील (Famous Pangong Lake) चंगथांग में ही है। यदि आप चंगथांग आ चुके हैं। तो आपको पता होगा, कि थ्री ईडियट्स (three idiots) की क्लाइमेक्स सीन इसी जगह शूट हुआ है। उस मूवी के बाद ये जगह बहुत ज्यादा फेमस हो गई है।
लेह से करीब 40 किलोमीटर दूर पर बसा हमिस के लद्दाख की खारू तहसील में आता है। माना जाता है प्रभु ईशु मसीह (Lord Jesus Christ) ने अपनी जिंदगी के कुछ साल यहाँ गुजारे थे। शायद इसलिए यहाँ ईसाई धर्म को भी काफी माना जाता है। यहाँ पर एक फेमस मोनेस्ट्री भी है, नमज्ञाल मोनेस्ट्री (Namgyal Monastery)। ये मोनास्ट्री देखने में बहुत सुंदर है। बस यही नहीं हमिस में भारत का दूसरा सबसे बड़ा नेशनल पार्क भी है। 1981 में बना हमिस नेशनल पार्क नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व (National Park Nanda Devi Biosphere Reserve) के बाद दूसरा सबसे बड़ा नेशनल पार्क है।
लेह शहर के प्रमुख पर्यटन और दर्शनीय स्थल में हेमिस मठ का नाम भी शामिल है, जो 11 वीं शताब्दी से पहले है और इसको 1672 में फिर से स्थापित किया गया था। यह एक तिब्बती मठ है। जो सबसे धनी है, और लद्दाख में सबसे बड़ा है। हेमिस मठ लेह शहर से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो हर 12 साल में खुलता है। हेमिस मठ हर साल भगवान पद्मसंभव के सम्मान में आयोजित वार्षिक उत्सव की मेजबानी करता है। यह दुनिया में होने वाले आकर्षक उत्सवों में से एक है। आपको बता दें कि हेमिस लुप्तप्राय प्रजाति “शो तेंदुआ” का भी घर है, जो यहां स्थित हेमिस नेशनल पार्क (Hemis National Park) में पाया जाता है।