आज हम सावित्री जिंदल की कहानी The Story of Savitri Jindal साझा कर रहे हैं। 84 वर्षीय सावित्री जिंदल उन गिनी-चुनी भारतीय गृहिणियों में से एक हैं जो सिर्फ घरेलू काम छोड़कर पारिवारिक व्यापार में शामिल हुईं और दुनिया की सबसे धनी महिलाओं richest women in the world में से एक बन गईं।
सावित्री जिंदल इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं कि एक ऐसे क्षेत्र में भी सफलता हासिल की जा सकती है जिसे अक्सर पुरुषों का वर्चस्व माना जाता है। वह जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड की चेयरपर्सन एमेरिटस Chairperson Emeritus of Jindal Steel and Power Limited हैं।
फोर्ब्स के मुताबिक, सावित्री जिंदल और उनके परिवार की संपत्ति इस वक्त 33.6 बिलियन डॉलर है। 2023 में, ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, सावित्री ने देश के बड़े-बड़े कारोबारियों को पीछे छोड़ते हुए बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की। उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने पति ओम प्रकाश जिंदल की मेहनत को दिया है।
आइए नजर डालते हैं सावित्री जिंदल की सफलता की अद्भुत कहानी Amazing success story of Savitri Jindal पर, जो घर की सीमाओं से बाहर निकलकर एक फलते-फूलते व्यापारिक साम्राज्य की कमान संभालने वाली महिला बनीं।
सावित्री जिंदल (Savitri Jindal) भारत की एक जानी-मानी उद्यमी और राजनेता हैं। उनका जन्म 20 मार्च 1940 को हुआ था। सावित्री जिंदल स्टील और पावर समूह, ओपी जिंदल ग्रुप की अध्यक्ष हैं।
वह ओ.पी. जिंदल ग्रुप की पूर्व चेयरपर्सन रह चुकी हैं और वर्तमान में महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज, अग्रोहा की अध्यक्ष हैं।
20 मार्च 1950 को असम के तिनसुकिया में जन्मी सावित्री की शादी 1970 के दशक में ओम प्रकाश जिंदल से हुई थी। उनके चार बेटे और पांच बेटियां थी। ओम प्रकाश जिंदल के आकस्मिक निधन के बाद (2005 में), दृढ़ मूल्यों वाली एक सशक्त शख्सियत सावित्री जिंदल ने उनके बनाए मूल्यों को आगे बढ़ाने का जिम्मा लिया।
उद्यमशीलता के मानवीय दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के बाद समूह का कारोबार चार गुना बढ़ गया और इसने विभिन्न उद्योगों में अग्रणीय स्थिति हासिल कर ली। कई समूह कंपनियों ने चिली और मोजाम्बिक में खदानों का अधिग्रहण कर विदेशों में विस्तार किया।
व्यापार जगत में सफलता के बाद, सावित्री जिंदल अपने पति ओम प्रकाश जिंदल के नक्शे कदमों पर चलने के लिए राजनीति में आईं और हरियाणा के हिसार विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ीं, जहां से उन्होंने दो बार (2005 और 2009) में जीत हासिल की।
हरियाणा विधानसभा में अपने प्रोफाइल में उन्होंने किताबें पढ़ना और खाना बनाना अपने शौक के रूप में बताया है। उन्होंने यह भी कहा है कि वह शुद्ध शाकाहारी हैं।
वह दो बार भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में मंत्री रहीं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 2006 में राजस्व, आपदा प्रबंधन, पुनर्वास और आवास राज्य मंत्री और 2013 में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री का पद संभाला।
हाल ही में मार्च 2024 में 84 वर्षीय सावित्री जिंदल हिसार में एक कार्यक्रम में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुईं।
सावित्री जिंदल भारत की एक जानी-मानी उद्यमी हैं। उनका जन्म 20 मार्च 1950 को असम के तिनसुकिया में हुआ था। वह ओ.पी. जिंदल ग्रुप की पूर्व प्रमुख Former head of O.P. Jindal Group रहीं। उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई नहीं की, लेकिन असम विश्वविद्यालय से डिप्लोमा प्राप्त किया।
सावित्री जी की कहानी संघर्ष और सफलता से भरी है। 15 साल की उम्र में ही उनका विवाह ओ.पी. जिंदल से हुआ था, जो उस समय एक उभरते उद्यमी थे। ओ.पी. जिंदल से उन्हें तीन बच्चे हुए।
2005 में हुए एक हेलीकॉप्टर हादसे में ओ.पी. जिंदल के निधन के बाद सावित्री जिंदल ने बागडोर संभाली। उनके चार सौतेले बेटे (stepsons) और तीन अपने बेटे थे। वर्तमान में जिंदल समूह को उनके बेटे संभाल रहे हैं।
सावित्री जिंदल ने अपने मजबूत फैसलों से कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। वह आज भी समाजसेवा और महिला सशक्तीकरण के लिए जानी जाती हैं।
सावित्री जिंदल की शादी कम उम्र में ही ओ.पी. जिंदल से हो गई थी। उनके पिता ने उनकी शादी ओ.पी. जिंदल से उस वक्त करवाई थी, जब उनकी पहली पत्नी का निधन हो गया था। उस समय सावित्री मात्र 15 वर्ष की थीं और ओ.पी. उनकी उम्र से 20 साल बड़े थे। ओ.पी. के पहले विवाह से पहले से ही छह बच्चे थे। सावित्री और ओ.पी. के तीन संतान हुए।
वर्तमान में जिंदल समूह को उनके चार बेटे - प्रथ्वीराज जिंदल Prathviraj Jindal, रतन जिंदल Ratan Jindal, सज्जन जिंदल Sajjan Jindal और नवीन जिंदल Naveen Jindal मिलकर चला रहे हैं। 2005 में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में ओ.पी. जिंदल के निधन के बाद उनके बेटों में कंपनी का स्वामित्व बराबर बांटा गया था।
इन्हीं भाइयों के नेतृत्व में कंपनी ने तरक्की की है। उन्होंने कंपनी की बिजली शाखा जेएसडब्ल्यू एनर्जी को देश के शेयर बाजार में लिस्ट करवाया और विदेशों में भी कारोबार बढ़ाया। उनके बेटे सज्जन जिंदल मुंबई में रहते हैं और कंपनी की सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति जेएसडब्ल्यू स्टील का संचालन देखते हैं। वहीं उनके छोटे बेटे नवीन जिंदल दिल्ली में रहते हैं और जिंदल स्टील एंड पावर का प्रबंधन करते हैं।
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सावित्री जिंदल का करियर कारोबार और राजनीति दोनों क्षेत्रों में फैला हुआ है।
सावित्री जिंदल ने राजनीति में भी कदम रखा। उनके पति ओम प्रकाश जिंदल के निधन के बाद, सन् 2005 में वे हरियाणा के हिसार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतीं। यह सीट पहले उनके पति के पास थी। उन्होंने 2009 में दोबारा चुनाव जीता और 29 अक्टूबर 2013 को हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री बनीं।
मंत्री रहते हुए उन्होंने कई विभागों को संभाला। वह राजस्व और आपदा प्रबंधन, समेकन, पुनर्वास, आवास राज्य मंत्री रहीं। साथ ही शहरी स्थानीय निकाय और आवास राज्य मंत्री भी रहीं।
उनके नेतृत्व में कंपनी का राजस्व चार गुना बढ़ गया। गौरतलब है कि हरियाणा से ताल्लुक रखने वालीं सावित्री जिंदल विधायक भी रहीं और 2010 तक बिजली मंत्री भी रहीं।
वह हरियाणा विधानसभा में हिसार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए राजस्व और आपदा प्रबंधन, समेकन, पुनर्वास और आवास राज्य मंत्री, साथ ही शहरी स्थानीय निकाय और आवास राज्य मंत्री रहीं। जश्व ग्रुप (JSW Group) में उनके नेतृत्व ने कंपनी के विस्तार और विविधीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पुरुष प्रधान व्यापार जगत में उन्होंने एक सफल उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बनाई।
हाल ही में पूर्व सांसद नवीन जिंदल के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने के कुछ दिनों बाद, मार्च 2024 में उनकी मां सावित्री जिंदल गुरुवार को हिसार में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की उपस्थिति में भाजपा पार्टी में शामिल हो गईं।
24 मार्च को, नवीन जिंदल ने कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा ने उन्हें कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा, जिसका उन्होंने दो बार प्रतिनिधित्व किया है। नवीन के स्विच के बाद, यह माना जाता था कि उनकी मां सावित्री जिंदल, देश की सबसे अमीर महिला, भी वही राजनीतिक रास्ता अपनाएंगी।
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सावित्री जिंदल की कुशल व्यावसायिक बुद्धि का अंदाजा उनकी लगातार बढ़ती संपत्ति से लगाया जा सकता है। 2023 में, उनकी संपत्ति में 9.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 80,000 करोड़ रुपये) की वृद्धि हुई, जो मुकेश अंबानी की वृद्धि को भी पार कर गई और उन्हें भारत की पांचवीं सबसे धनी व्यक्ति बना दिया। फोर्ब्स का अनुमान है कि वर्तमान में उनकी कुल संपत्ति 33.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो उन्हें दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक बनाती है।
उनके दिवंगत पति द्वारा स्थापित जिंदल समूह इस्पात, बिजली, बुनियादी ढांचा और सीमेंट सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम करता है। जश्व स्टील, जिंदल स्टील एंड पावर और जश्व एनर्जी जैसी प्रमुख कंपनियां इसी समूह के अंतर्गत आती हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होना सावित्री जिंदल के शानदार करियर का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जो दृढ़ता, नेतृत्व और सामाजिक उत्थान के लिए समर्पण से जुड़ा हुआ है।
व्यापार और राजनीति के क्षेत्रों में निरंतर आगे बढ़ते हुए, उनका सफर महत्वाकांक्षी उद्यमियों और नेताओं के लिए प्रेरणा का स्तर है। यह विपरीत परिस्थितियों में दृढ़ संकल्प और लचीलेपन की जीत का प्रतीक है।
2013 में, उन्हें हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।
2014 में, वे हरियाणा विधानसभा की सदस्य रहीं।
एशिया वन मैगजीन ने उन्हें 2021 में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मान दिया।
वह भारत की दसवीं सबसे अमीर व्यक्ति और एशिया की सबसे अमीर महिला हैं।
राजनीति और व्यापार के अलावा, सादगी से रहने वाली यह महिला सामाजिक सरोकारों पर ध्यान देती हैं। उन्होंने अपने पति की गरीबों, किसानों और मजदूरों के जीवन स्तर को सुधारने की इच्छा को पूरा करने और युवाओं और महिलाओं के लिए आवाज उठाने के लिए समाज सेवा के क्षेत्र में प्रवेश किया। उनका कहना है कि वह आखिरी सांस तक समाज की सेवा करने के लिए दृढ़ हैं।
भारत की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल की संपत्ति में 2023 में काफी इजाफा हुआ है। इस साल उनकी दौलत में 9.6 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है, जिससे वह मुकेश अंबानी और गौतम अडानी जैसे दिग्गज उद्योगपतियों को भी पीछे छोड़ देती हैं। फोर्ब्स के अनुसार, 2024 में सावित्री जिंदल की कुल संपत्ति Net worth: $33.5 Billion करोड़ रुपये आंकी गई है। जिंदल 2023 में 12वीं सबसे अमीर महिला थीं; शेयर की बढ़ती कीमतों ने उसकी किस्मत चमका दी।
जिंदल समूह एक ऐसा बड़ा व्यापार घराना है जिसे अपनी साधारण शुरुआत पर गर्व है। इस समूह की नींव स्वर्गीय ओम प्रकाश जिंदल ने रखी थी। उनका जन्म 7 अगस्त 1930 को हरियाणा के नलवा गांव में एक किसान परिवार में हुआ था।
वह मात्र 22 साल की उम्र में ही व्यापार की दुनिया में कदम रख दिया। उन्होंने हिसार में एक छोटी सी बाल्टी बनाने वाली यूनिट शुरू की। इसके बाद उन्होंने 1964 में पाइप बनाने वाली कंपनी जिंदल इंडिया लिमिटेड की स्थापना की।
पांच साल बाद, जिंदल समूह के संस्थापक ने कलकत्ता (अब कोलकाता) में अपनी पहली बड़ी फैक्ट्री लगाई और इस तरह समूह का शानदार इतिहास शुरू हुआ।
जिंदल सॉ लिमिटेड jindal saw limited
जेएसडब्ल्यू स्टील JSW Steel
जिंदल स्टेनलेस स्टील लिमिटेड Jindal Stainless Steel Limited
जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड Jindal Steel & Power Limited.
सावित्री जिंदल की संपत्ति के कई स्रोत हैं:
जेएसडब्ल्यू ग्रुप JSW Group: सबसे बड़ा स्रोत ओपी जिंदल ग्रुप है, जिसकी अध्यक्ष वह हैं। यह ग्रुप इस्पात, ऊर्जा, सीमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम करता है। भारत में इस्पात की मांग बढ़ने और सही निवेशों की वजह से इस ग्रुप ने काफी तरक्की की है।
सूचीबद्ध कंपनियां Listed companies: जेएसडब्ल्यू ग्रुप के अंतर्गत कई सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियां हैं, जो सावित्री जिंदल की संपत्ति बढ़ाने में मदद करती हैं। इनमें से प्रमुख हैं - जेएसडब्ल्यू स्टील, जिंदल स्टील एंड पावर, जेएसडब्ल्यू एनर्जी, जेएसडब्ल्यू सॉ और जेएसडब्ल्यू होल्डिंग्स। इन कंपनियों का प्रदर्शन सीधे उनकी कुल संपत्ति को प्रभावित करता है।
गैर-सूचीबद्ध संपत्ति Unlisted property: सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों के अलावा, जेएसडब्ल्यू ग्रुप के पास गैर-सूचीबद्ध संपत्ति भी है, जैसे - बंदरगाहों, जहाज निर्माण और मरम्मत सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करने वाला जेएसडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर और जेएसडब्ल्यू सीमेंट। ये संपत्तियां भी सावित्री जिंदल की संपत्ति बढ़ाने में योगदान देती हैं, हालांकि इनका मूल्य शायद उतना सार्वजनिक रूप से उपलब्ध न हो।
सावित्री जिंदल की रियल एस्टेट संपत्ति Savitri Jindal's real estate assets: जैसा कि विभिन्न स्रोतों से पता चलता है, सावित्री जिंदल की रियल एस्टेट संपत्ति में रायगढ़ और महाराष्ट्र में 49.42 लाख रुपये मूल्य की कृषि भूमि, हिसार के शहरी क्षेत्र में 74 लाख रुपये मूल्य का आवासीय घर, और हिसार के ओ.पी. जिंदल मार्ग पर 24.71 करोड़ रुपये मूल्य का एक बड़ा आवास शामिल है। इसके अलावा, जिंदल परिवार के पास दिल्ली के लुटियंस बंगला जोन में 150 करोड़ रुपये मूल्य का एक घर भी है।
JSW फाउंडेशन भारत के प्रमुख व्यापारिक घरानों में से एक, JSW समूह की सामाजिक विकास शाखा है। 1989 में स्थापित (पूर्व में जिंदल एजुकेशन एंड मेडिकल ट्रस्ट और जिंदल साउथ-वेस्ट फाउंडेशन), यह 11 राज्यों और 15 जिलों में जेएसडब्ल्यू के संयंत्र स्थानों के आसपास रहने वाले ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने पर केंद्रित है।
जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन के कार्य के प्रमुख क्षेत्र:
शिक्षा: ग्रामीण क्षेत्रों में वंचित बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच में सुधार करना।
स्वास्थ्य एवं पोषण: स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना, स्वच्छता को बढ़ावा देना और सरकारी कल्याण योजनाओं तक पहुँच सुनिश्चित करना।
कौशल विकास और आजीविका: बेहतर रोजगार के अवसरों के लिए ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को व्यावसायिक कौशल से लैस करना।
पर्यावरण और स्थिरता: टिकाऊ प्रथाओं, अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना।
खेल और कला एवं संस्कृति: खेल भागीदारी को प्रोत्साहित करना और भारत की समृद्ध विरासत को संरक्षित करना।
जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स एक प्रमुख भारतीय समूह जेएसडब्ल्यू ग्रुप की खेल शाखा है। 2012 में स्थापित, JSW स्पोर्ट्स भारतीय खेलों में एक अग्रणी नाम बन गया है, जिसका लक्ष्य है:
भारतीय खेलों की क्षमता को अधिकतम करें: जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स विभिन्न विषयों में एथलीटों और टीमों में सक्रिय रूप से निवेश करता है और उनका समर्थन करता है।
खेल संस्कृति विकसित करें: वे भारत में एक मजबूत खेल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का प्रयास करते हैं, जो अगली पीढ़ी के एथलीटों और प्रशंसकों को प्रेरित करता है।
ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू), 2009 में स्थापित, भारत के हरियाणा के सोनीपत में स्थित एक प्रतिष्ठित डीम्ड यूनिवर्सिटी संस्थान है। अपनी उत्कृष्टता के लिए मान्यता प्राप्त, जेजीयू निम्नलिखित विशेषताओं के साथ एक प्रतिष्ठित शैक्षिक अनुभव प्रदान करता है:
शीर्ष रैंकिंग: जेजीयू को लगातार भारत के अग्रणी विश्वविद्यालयों में स्थान दिया गया है। 2023 तक, QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के अनुसार इसे भारत में नंबर 1 निजी विश्वविद्यालय का खिताब प्राप्त है।
अंतःविषय दृष्टिकोण: जेजीयू एक अंतःविषय पाठ्यक्रम की पेशकश करके पारंपरिक सीमाओं से अलग हो जाता है। यह दृष्टिकोण छात्रों को एक सर्वांगीण दृष्टिकोण से सुसज्जित करता है और उन्हें एक गतिशील दुनिया के लिए तैयार करता है।
विविध कार्यक्रम: जेजीयू कानून, उदार कला और मानविकी, व्यवसाय, विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय मामलों सहित विभिन्न क्षेत्रों में स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है।
प्रसिद्ध संकाय: जेजीयू एक प्रतिष्ठित संकाय का दावा करता है, जिसमें कई प्रोफेसर अपने क्षेत्रों में विशेषज्ञ हैं और कुछ कार्यक्रम 1: 9 संकाय-छात्र अनुपात की विशेषता रखते हैं, जो अधिक इंटरैक्टिव सीखने के माहौल को बढ़ावा देते हैं।
वैश्विक एक्सपोजर: जेजीयू अंतरराष्ट्रीय सहयोग और विनिमय कार्यक्रमों को प्राथमिकता देता है, जिससे छात्रों को वैश्विक परिप्रेक्ष्य और विदेश में अध्ययन करने के अवसर मिलते हैं।
विश्वविद्यालय सक्रिय रूप से अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देता है, छात्रों के बीच आलोचनात्मक सोच और समस्या-समाधान की संस्कृति को बढ़ावा देता है।
अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा: जेजीयू पुस्तकालयों, प्रयोगशालाओं और खेल परिसरों जैसी उत्कृष्ट सुविधाओं के साथ एक आधुनिक और अच्छी तरह से सुसज्जित परिसर प्रदान करता है।