इन बिज़नेस विमेंस की ऊंची उड़ान बनी प्रेरणास्रोत

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30 Mar 2022
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आज महिलाओं के पास भी असाधारण व्यावसायिक क्षमताएं हैं और वे कुछ भी कर सकती हैं। इन बिज़नेस विमेंस  का संघर्ष पूरी दुनिया की महिलाओं और यूथ के लिए एक प्रेरणा है। इनके हौसलों को देखकर लाखों महिलाओं ने अपने जीवन को एक नयी दिशा देकर अपने जीवन को आगे बढ़ाया है। इस आर्टिकल के माध्यम से आप उन महिलाओं के बारे में जान पाएंगे जिन्होंने उद्यमिता Entrepreneurship के क्षेत्र में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है और आज ये सब सफल बिज़नेसपर्सन हैं। आज ये सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी नाम कमा रही हैं।

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आज महिलायें हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। आज बहुत महिलायें ऐसी हैं जो आज के समय में किसी नाम की मोहताज नहीं हैं। महिलायें वर्तमान में सबसे बड़े और प्रतिष्ठित भारतीय उद्यमियों में से एक हैं। ये महिलायें दृढ़निश्चयी और साहसी हैं। अपने दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से उन्होंने सफलता हासिल की है। उन्होंने कई परेशानियों का सामना भी किया है और उन परेशानियों को वो एक सबक के तौर पर लेती हैं। उनका जीवन आज की लड़कियों/यूथ के लिए किसी प्रेरणास्रोत Source of inspiration से कम नहीं है। इन महिलाओं ने ये साबित कर दिखाया है कि वो भी हर काम कर सकती हैं तभी वह आज बिज़नेस की दुनिया का जाना पहचाना नाम हैं। आज कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं जिसमें वो नहीं जा सकती हैं। इन महिलाओं का मानना है कि ज़िंदगी में बस आगे बढ़ते रहो, कभी हार मत मानो तो रास्ते खुद ब खुद बन जायेंगे। चलिए जानते हैं आज ऐसी ही अद्वितीय प्रतिभा की धनी इन बिज़नेसविमेन businesswomen के बारे में कि कैसे बनी इनकी ऊंची उड़ान सबके लिए प्रेरणास्रोत। 

दिव्या गोकुलनाथ, BYJU'S बाय जूस 

बिजनेसवुमन दिव्या गोकुलनाथ divya gokulnath जिन्होंने अपने पति बायजू रविंद्रन के साथ मिल कर साल 2011 में ऑनलाइन लर्निंग प्लैटफॉर्म Byju’s की शुरुआत की थी। आज पढ़ाई के बढ़ते प्रेशर को देखकर ही इन्होने इसकी शुरुआत की थी, जिससे बच्चों को पढ़ाई में मदद मिल सके और आज इस ऑनलाइन लर्निंग प्लैटफॉर्म Byju’s का फायदा कई बच्चे उठा रहे हैं । दिव्या गोकुलनाथ "बायजूस-द लर्निंग ऐप" (byju's) की सह-संस्थापक हैं। दिव्या ने सिर्फ 35 साल की उम्र में ही फोर्ब्स की सूची में सबसे यंग अरबपतियों Youngest Billionaires की लिस्ट में अपनी जगह बनाई है। यह वाकई काबिलेतारीफ है। दिव्या का मानना है कि जब किसी कार्य के लिए आप पूरे जुनून के साथ जुट जाते हैं तो वही आपकी जिंदगी बन जाता है। बस फिर आप आगे बढ़ते जाते हैं और कभी हार नहीं मानते हैं। कोरोना महामारी में भी Byju’s के कारण ही बच्चे अपनी पढ़ाई को जारी रख पाये। इस ऑनलाइन लर्निंग का भविष्य में क्या असर होगा ये दिव्या भलीभांति समझ गयी थी और आज टीचिंग दिव्या का जुनून और जिंदगी दोनों है।

अर्जिता सेठी, Indiarath and Equally इंडियारथ एंड इक्वली 

इंसान में यदि कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो कई संघर्षों के बाद भी वो सफलता हासिल कर ही लेता है। मेरठ में जन्मीं, अर्जिता सेठी Arjita Sethi ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में, अपने पति अंशुल धवन के साथ मिलकर, एक EdTech एडटेक स्टार्टअप ‘Equally’ की शुरुआत की है। अर्जिता सेठी Equally इक्वली नामक प्लैटफॉर्म की सीईओ CEO और फाउंडर हैं। इसके अंतर्गत शिक्षा के लिए ‘ऑगमेंटेड रियलिटी’ Augmented Reality (AR) का उपयोग किया जाता है। ऑगमेंटेड रियलिटी एक ऐसी तकनीक है, जिसके द्वारा आपके आसपास के वातावरण से मिलता-जुलता कंप्‍यूटर जनित वातावरण तैयार किया जाता है। इसके साथ ही उन्होंने ‘न्यू फाउंडर स्कूल’ और ‘इंडियारथ’ नामक दो और सफल उद्यम शुरू किए हैं। अरजिता ने ‘स्टार्टअप इंडिया एडवाइजरी’ की सह-स्थापना भी की है। अर्जिता की उपलब्धियां यहीं खत्म नहीं होती हैं वह ‘सैन फ्रांसिस्को स्टेट यूनिवर्सिटी’ में लेक्चरर भी हैं, जिसमें वह ऑन्ट्रप्रनर्शिप, क्रिएटिविटी ऐंड इनोवेशन और बिज़नेस एथिक्स Entrepreneurship, Creativity & Innovation and Business Ethics पढ़ाती हैं। अर्जिता ‘Global Learning XPrize’ की सेमी-फ़ाइनलिस्ट रह चुकी हैं। आज, ‘Equally’ दुनिया भर के 12 देशों में मौजूद है और 20 हजार से ज़्यादा यूजर इनके उत्पाद का इस्तेमाल कर रहे हैं। 

सुची मुखर्जी, लाइमरोड Limeroad

सुचि मुखर्जी Suchi mukherjee एक भारतीय महिला उद्यमी हैं, जो आनलाईन शापिंग पोर्टल Limeroad.com लाइमरोड की सीईओ ( Chief Executive Officer ) हैं। सुचि मुखर्जी ने आनलाईन शापिंग पोर्टल की स्थापना 2012 में की थी। सुचि ने अपने जज्बे और जुनून से इस प्लैटफॉर्म को इतना काबिल बनाया है कि लोग इसे काफी पसंद करते हैं। उन्होंने कई बड़ी कपंनियों में भी काम किया लेकिन सुची को अपना बिज़नेस करने का मन था इसलिए उनके मन में लाइमरोड का आइडिया आया। वह एक ऐसा बिजनेस करना चाहती थी, जो हमारे अनुसार किसी भी लोकेशन पर किसी भी समय डिलीवर कर सके। लाइमरोड एक सोशल-कॉमर्स प्लेटफॉर्म social-commerce platform है जो आज की महिला ऑडियंस को सुविधा प्रदान करता है। इसमें पहले शुरुआत मे महिलाओं के फैैैशन और लाईफ स्टाइल से संबंधित कपड़े, जूूूते, ब्यूटी प्रोडक्ट्स थे पर बाद मे इसमे पुरुषों , बच्चों , होम डेकोर किचन आदि सामान भी बेचना शुरू कर दिया। उन्होंने कई अवार्ड्स अपने नाम किये हैं जैसे वर्ष 2015 मे इन्फोकॉम द्वारा वुमन आफ द ईयर – डिजिटल बिजनेस, वर्ष 2016 मे NDTV यूनीकोर्न वुमन आंत्रप्रेन्योर आफ द ईयर अवार्ड। इसके अलावा सुचि मुखर्जी को 2010 World Women’s Forum वर्ल्ड वीमेन फोरम में “राइजिंग टैलेंट – ग्लोबल लीडर्स अंडर 40 ” मे शामिल किया जा चुका है।

मालिनी अग्रवाल, Miss Malini

मालिनी अग्रवाल के करियर की बात करें तो मालिनी ने चैनल वी इंडिया के डिजिटल कंटेंट के प्रमुख बनने से पहले प्रोग्रामिंग डायरेक्टर का काम किया। मालिनी अग्रवाल MissMalini.com की फाउंडर हैं। मालिनी अग्रवाल आज हम सभी के लिए एक प्रेरणा की स्रोत हैं। मालिनी ने अपने रेडियो करियर की शुरुआत मुंबई में विन 94.6 के साथ रेडियो जॉकी के रूप में की। मालिनी अग्रवाल ने 2008 में अपनी वेबसाइट MissMalini.com के साथ भारतीय जीवन शैली ब्लॉगिंग के रूप में स्थापित किया गया था। यह भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय फैशन रुझानों में नवीनतम के साथ-साथ यात्रा, भोजन और नाइटलाइफ़ जैसी जीवन शैली सामग्री को भी कवर करता है। इंडियन एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से अपने इसी लगाव के कारण मालिनी ने इस वेबसाइट की शुरुआत करने का फैसला किया। इस वेबसाइट की सफलता का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि हर महीने लगभग 4 करोड़ लोग इस वेबसाइट के कंटेंट को पढ़ते हैं। मालिनी भारत की पहली और सबसे प्रसिद्ध डिजिटल इन्फ्लुएंसर हैं। 2018 में महिलाओं के बीच सकारात्मकता, सहानुभूति और दयालुता फैलाने के लिए मालिनी अग्रवाल ने Malini Girl Tribe की शुरुआत की। तब 100 महिलाओं से शुरू हुई ये कम्युनिटी आज एक असाधारण समुदाय में प्रवेश कर चुकी है और आज 55 हजार से अधिक महिलाओं को मजबूत बनाने  का प्रयास करती है। इसके बाद मालिनी ने साल 2020 में ऑनलाइन हैरेस्मेंट के खिलाफ IgnoreNoMoreOnline कैम्पेन भी चलाया था। वो इस कैम्पेन के माध्यम से लगातार हो रहे ऑनलाइन सेक्शुअल हैरेसमेंट, बुलिंग और ट्रोलिंग को खत्म करना चाहती थीं। मालिनी इस कैम्पेन से लोगों तक ये बात पहुंचाना चाहती थीं कि किसी को ट्रोल करके कोई भी बच नहीं सकता है। उनका मकसद इसका शिकार हो रहे लोगों को ये बताना था कि इसके खिलाफ क्या नियम, कायदे और कानून हैं। इसके द्वारा लोगों को शिक्षित करके ट्रोल्स को सजा दिलाना  और महिला और पुरुषों दोनों को ऑनलाइन ट्रोल से बचाना था। 

सोनाक्षी नथानी, Bikayi

2019 में सोनाक्षी नथानी द्वारा स्थापित, स्टार्टअप Bikayi बिकायी छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों (SMBs) को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आगे बढ़ने में सक्षम बनाता है। सोनाक्षी नथानी Sonakshi Nathani को-फाउंडर हैं इ-कॉमर्स स्टार्ट-अप Bikayi की। यह प्लेटफ़ॉर्म व्यवसायों को डिजिटल स्टोरफ़्रंट, पेशेवर सुविधाएँ और उन्हें बढ़ने में मदद करने के लिए उपकरण प्रदान करता है। सोनाक्षी नथानी का कहना है कि "हमारी दृष्टि हर छोटे व्यवसाय को उभरते ऑनलाइन बाजार में जीतने के लिए उन्हें किफायती उपकरण प्रदान करके सशक्त बनाना है। सोनाक्षी ने छोटे-छोटे दुकानदारों, मर्चेंट्स और व्यवसायियों को व्हॉट्सैप के माध्यम से जोड़ना का फैसला किया और इन्होंने लोगों के लिए ऑनलाइन स्टोर सेटअप करना आसान बना दिया। इस कंपनी के वर्तमान में प्लेटफॉर्म पर 4 मिलियन+ से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स हैं और Bikayi बिकायी उन्हें पूरे भारत में अपने प्रोडक्ट बेचने में मदद कर रही है। सोनाक्षी उन छोटे व्यवसायों की आकांक्षाओं को पूरा करने के मिशन पर हैं जो हमारी अर्थव्यवस्था को संचालित करते हैं और बढ़ाते हैं।

ऋचा कार, Zivame

Richa Kar ऋचा कार की कहानी आज सभी लोगों के लिए प्रेरणास्रोत है। ऋचा कार ज़िवामे Zivame की सीईओ व फाउंडर हैं। ऋचा कार ने लोगों की परवाह न करते हुए, एक नयी कहानी लिख दी और इसके बलबूते 700 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी। यदि आप दिल से कोई भी कार्य करते हैं तो सफलता न मिले ये मुमकिन नहीं है। हम आज भी उस समाज में रहते हैं जहां महिलाओं के अंडर गारमेंट्स पर बात करना भी शर्म की बात मानी जाती है। लोग Lingerie Products के online portal पर होने के बारे में, सोच भी नहीं सकते थे और कोई लड़की उसे बेचे तो लोग शर्मिंदगी महसूस करते हैं लेकिन ऋचा ने इन सब बातों की परवाह नहीं की और आज वह Zivame ज़िवामे जैसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म online platform खड़ा कर दिया। जिसमें आज महिलायें बेझिझक होकर अपने पसंद की लॉन्ज़री खरीद सकती हैं, इसमें लाखों ऑप्शन्स के साथ महिलायें अपने स्टाइल को सूट करने वाली और वो भी दुकानदार का सामना किए बिना खरीद पा रही हैं। इसका क्रेडिट जाता है ऋचा कार को। इस वेबसाइट पर महिलाओं के लिए लॉन्ज़री के बहुत सारे ऑप्शन्स मिलेंगे और साथ ही सही लॉन्ज़री चुनने की गाइडेंस भी मिल जायेगी। वास्तव में ऋचा कार की सोच काबिले तारीफ है। ज़िवामे में ऑनलाइन प्रोडक्ट एक्सपर्ट भी हैं। आप उनसे अपने सवाल पूछ सकती हैं। वह अपने ग्राहकों को अच्छी सर्विस देने में भी विश्वास करती हैं क्योंकि उन्हें पता है कि इससे ग्राहकों का ज़िवामे पर भरोसा बना रहेगा। उनकी वेबसाइट पर हर महीने 2.5 मिलियन unique विज़िटर्स आते हैं और हर 1 मिनट में वेबसाइट पर उनके अंडर गारमेंट्स बिक जाते है। उनकी ई-कॉमर्स कंपनी ज़िवामे आज सबकी पसंद बनी हुई है। 

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