बच्चों को समझाएं समय की कीमत

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14 Nov 2021
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बच्चों को समय की कीमत के बारे में आसानी से नहीं समझाया जा सकता, बच्चे चंचल स्वभाव के और मनमौजी होते हैं। इसलिए यहां हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने वाले हैं। जिनकी मदद से आप बच्चों को समझा पाएंगे की ज़िन्दगी Life में समय की अदाकारी Role of Time कितने कीमती होती है।

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समय कितना कीमती है यह ज़िन्दगी में होने वाली घटनाएं और अनुभव हमें सिखा ही देते हैं। कई बार समय कितना कीमती है, इस बात को समझने में काफी देरी हो जाती है और इंसान को पछतावे के सिवा कुछ हाथ नहीं लगता। बड़े लोग तो अपने अनुभवों के साथ समय की कीमत Value of Time सीख जाते हैं, लेकिन अगर बच्चों को समय की कीमत बचपन से ही सिखाई जाए तो उनका भविष्य Future और भी उज्जवल Brighter हो सकता है। बच्चों को समय की कीमत बताने में उनके माता-पिता Parents, अभिभावक Guardian और साथ ही उनके भाई-बहन Siblings का बड़ा अहम किरदार होता है।

जिन बच्चों को बचपन से समझाया जाता है कि समय कितना बहुमूल्य है। वे आगे चलकर बड़े लक्ष्य Goal जरूर हासिल करते हैं। सही समय पर समय की कीमत को समझ लेना जीवन के लिए एक सबसे कीमती उपहार है। 

बच्चों को समय की कीमत के बारे में आसानी से नहीं समझाया जा सकता, बच्चे चंचल स्वभाव के और मनमौजी होते हैं। इसलिए यहां हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने वाले हैं। जिनकी मदद से आप बच्चों को समझा पाएंगे की ज़िन्दगी Life में समय की अदाकारी Role of Time कितने कीमती होती है। 

रचनात्मक कैलेंडर Calendar बनाने की कोशिश करें

बच्चों को रंग Colours बेहद पसंद होते हैं। अगर आप बच्चों को समय प्रबंधन Time Management सिखाना चाहते हैं, तो उनके साथ मिलकर एक ऐसा कैलेंडर Calendar बनाएं, जो रंग बिरंगा Colourful हो, जिसे देखकर उन्हें प्रेरणा Motivation मिले और वे उसे देख कर उसमें लिखे कार्यों को समय पर करने की कोशिश करें। इस प्रक्रिया में आप उनका साथ निभाएं। जब समय से वे इस कैलेंडर का पालन करेंगे तो धीरे-धीरे, समय का महत्व जरूर समझने लगेंगे। इस तरह के कैलेंडर में बच्चों के दैनिक कार्यो से लेकर पढ़ाई तक आप सब कुछ लिख सकते हैं और पालन कर सकते हैं। 

समय पर होगा काम तो बनेगी बात

बच्चों की हर गतिविधि Activity पर ध्यान दें, सुबह उठने से लेकर रात के सोने तक, आपको यह देखना होगा कि आपका बच्चा किस तरह काम कर रहा है। अगर वक्त के साथ खिलवाड़ हो रहा है, तो वह हर चीज के साथ टालमटोली कर रहा होगा। बच्चों को यह सिखाने की जरूरत है कि समय कितना कीमती है और अगर वे समय पर काम करेंगे तो अपने भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं। समय पर काम निपटाने की आदत से बच्चे अपने स्कूल से लेकर सभी काम सही समय पर करेंगे। जिससे उनके आत्मविश्वास Self-Confidence में भी बढ़ोतरी होगी।

लक्ष्य Goal बनाना सिखाएं

बच्चों में समय प्रबंधन की सीख देने के लिए आपको उनका लक्ष्य Goal निर्धारित करवाना होगा, क्योंकि इंसान का लक्ष्य जब तय होता है तो वह उसे पूरा करने के लिए अपना दिलो दिमाग लगा देता है, लक्ष्य से ही इंसान को समय की असली कीमत Real Value of Time समझ में आती है। जिन बच्चों का लक्ष्य निर्धारित नहीं होता, वे ज़िन्दगी भर पछताते हैं, उन्हें इस बात की सीख बचपन से ही मिल जानी चाहिए कि उन्हें आगे जाकर क्या हासिल करना है। जब बच्चों का लक्ष्य निर्धारित होगा, तो वह व्यर्थ समय बर्बाद करना खुद ही बंद कर देंगे।

कुछ मजेदार गतिविधियां भी कराएं Fun Activities

हमेशा सख्त होकर कुछ भी सिखाना गलत साबित हो सकता है। इसलिए समय प्रबंधन सिखाने के लिए आप मजेदार गतिविधियों Fun Activities का उपयोग कर सकते हैं। जैसे कि खेल-खेल में आप उन्हें इस बात से अवगत कराएं कि समय कितना कीमती है। बच्चों के साथ कोई समय से जुड़ा गेम Time Game खेलें, जिसमें समय सीमा की भूमिका हो, इस तरह से सिखाने में बच्चों की मस्ती भी हो जाएगी और समय की कीमत भी समझ आएगी।

कितने समय में क्या किया इस बात पर ध्यान दें

बच्चे किस काम को कितने समय में कर रहे हैं इस बात पर ध्यान दें और अगर कहीं किसी काम में देरी हो रही है तो उन्हें प्यार से इस बारे में समझाएं कि यह काम इस तरह से और भी जल्दी किया जा सकता है। ध्यान रहें इसमें जल्दबाजी न करें, अगर कोई काम शुरुआत में धीरे हो रहा है तो उसे होने दें, कुछ समय बाद ही अपनी प्रतिक्रिया दें, जल्दबाजी करने पर बच्चों में चिड़चिड़ापन हो सकता है। 

दिनचर्या Daily Routine की जांच करें

जब आप निर्धारित योजना के साथ काम कर रहे हैं, तो बच्चे के साथ बैठकर इस बात का आंकलन करें कि कुछ दिनों में कितनी उन्नति हुई है और समय पर काम हो रहा है या नहीं। अगर वहां कुछ गड़बड़ हो रही है, तो बच्चों को ध्यान से इस बात से अवगत कराएं कि यहां सुधार किया जा सकता है। धीरे-धीरे जब आँकलन बेहतर होने लगे, तो आप समझ सकते हैं कि बच्चे समय प्रबंधन सीखने लगे हैं।

जैसा देखते हैं, वैसा सीखते हैं बच्चे

अगर आप माता-पिता और अभिभावकों के रूप में बच्चों को समय प्रबंधन की कला सिखाना चाहते हैं, तो सबसे पहले खुद अपने आप को समय का पाबंद और प्रबंधन से परिपूर्ण बनाएं। बच्चों में एक आदत बचपन से ही होती है कि वह जैसा देखते हैं, वैसा ही सीखते हैं। अगर घर में रहने वाले सदस्य Family Members ही समय की कीमत नहीं समझेंगे, तो वे बच्चों को किसी भी रूप में समय की कीमत नहीं सीखा पाएंगे। 

उम्मीद करते हैं कि इन उपायों से आप बच्चों की आदतों को बदल पाएंगे और अगर आप खुद भी समय के प्रति सजग नहीं है, तो खुद को बदल कर अपने बच्चों को भी समय के प्रति सजग बनाने की कोशिश करेंगे।

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