पूरी दुनिया में स्टारबक्स अपनी शानदार कॉफी प्रोडक्ट्स के लिए जाना जाता है। यहां पर मिलने वाली कॉफी की आप तुलना नहीं कर सकते हैं क्योंकि स्टारबक्स जैसी कॉफी कहीं भी नहीं मिलती है। यह एक अमेरिकन कॉफी कंपनी है और दुनियाभर में इसके करीब 32000 कॉफी हाउस खोले जा चुके हैं।
स्टारबक्स का मुख्यालय स्टारबक्स सेंटर के नाम से जाना जाता है और यह वाशिंगटन के सिएटल में स्थित है। स्टारबक्स के बारे में ये भी कहा जाता है कि इसने पहले अमेरिका को कॉफी पीना सिखाया और अब धीरे-धीरे पूरी दुनिया को कॉफी पीना सिखा रहा है।
जिस तरह लोगों में स्टारबक्स को लेकर क्रेज है, ये कहना गलत नहीं होगा कि इनका प्राइमरी प्रोडक्ट कॉफी नहीं है। कॉफी तो इनका सेकेंडरी प्रोडक्ट है। असल मायने में ये आपसे उनके द्वारा दी गई सर्विस और वहां के एक्सपीरियंस के लिए चार्ज करते हैं।
आइये आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम सटरबग्स की सफलता की कहानी Starbuck's Success Story से परिचित होते है और जानते है उन कारणों के बारे में उन रणनीतिओं के बारे में जिन्हे अपनाकर स्टारबग्स आज इतना सफल हो सका और पूरे दुनियां में अपनी पहचान को कायम रखे हुए है।
अगर आप कॉफी coffee को बिलकुल भी पसंद नहीं करते हैं, फिर भी आपने स्टारबक्स Starbucks के बारे में ज़रूर सुना होगा और इसके बारे में और जानने की कोशिश की होगी। स्टारबक्स ने खुद को एक कैफे cafe से एक ब्रांड brand में बदला है। आज स्टारबक्स जिन बुलंदियों को छू रहा है, वहां तक पहुंचना कई बड़े उद्यमियों entrepreneurs के लिए किसी सपने जैसे है।
पूरी दुनिया में स्टारबक्स अपनी अच्छी और महंगी कॉफी के लिए प्रसिद्ध है। अब इनके आउटलेट्स outlets में अलग-अलग तरह के स्नैक्स और ड्रिंक्स भी मिलने लगे हैं। किसी को स्टारबक्स की ब्लैक कॉफ़ी बहुत पसंद आती है तो किसी को ड्रिप ब्रियूड कॉफी Brewed coffee और कई लोग तो वहां के कैपेचीनो cappuccino के शौकीन हैं।
जितनी खास ये कंपनी है, उतना ही खास इसका लोगो Starbucks logo भी है। ये कहना गलत नहीं होगा कि इसके लोगो Logo को देखकर ही कई लोगों को कॉफ़ी पीने का मन हो जाता है। स्टारबक्स आज धीरे-धीरे दुनिया के हर शख़्स तक पहुंचना चाहता है।
स्टारबक्स की कहानी क्या है story behind the Starbucks?, कैसे स्टारबक्स इतना सफल है?
पूरी दुनिया में स्टारबक्स अपनी शानदार कॉफी प्रोडक्ट्स के लिए जाना जाता है। यहां पर मिलने वाली कॉफी की आप तुलना नहीं कर सकते हैं क्योंकि स्टारबक्स जैसी कॉफी कहीं भी नहीं मिलती है। यह एक अमेरिकन कॉफी कंपनी है और दुनियाभर में इसके करीब 32000 कॉफी हाउस खोले जा चुके हैं। स्टारबक्स का मुख्यालय स्टारबक्स सेंटर के नाम से जाना जाता है और यह वाशिंगटन के सिएटल में स्थित है।
आज से करीब 50 साल पहले स्टारबक्स की शुरुआत 31 मार्च, 1971 को हुई थी। यह कंपनी पहले कॉफी नहीं बल्कि हाई क्वालिटी कॉफी बींस high quality coffee beans बेचा करती थी और इसकी शुरुआत तीन दोस्तों ने की थी, जो यूनिवर ऑफ सैन फ्रांसिस्को Univer of San Francisco में मिले थे। अल्फ्रेड पीट Alfred Peet से प्रेरित होकर इस कंपनी की शुरुआत की गई थी।
ये कहना गलत नहीं होगा कि स्टारबक्स ने लोगों के कॉफी पीने के तरीके को ही बदल के रख दिया है। घर और ऑफिस से बाहर आप अपनी मनपसंद कॉफी पी सकते हैं और रिलैक्स कर सकते हैं।
इतना ही नहीं स्टारबक्स के बारे में तो ये भी कहा जाता है कि इसने पहले अमेरिका को कॉफी पीना सिखाया और अब धीरे-धीरे पूरी दुनिया को कॉफी पीना सीखा रहा है। जिस तरह लोगों में स्टारबक्स को लेकर क्रेज है, ये कहना गलत नहीं होगा कि इनका प्राइमरी प्रोडक्ट primary product कॉफी नहीं है।
कॉफी तो इनका सेकेंडरी प्रोडक्ट secondary product है। असल मायने में ये आपसे उनके द्वारा दी गई सर्विस और वहां के एक्सपीरियंस के लिए चार्ज करते हैं।
ग्राहक से ही आपकी कंपनी चलती है इसीलिए इस क्षेत्र में स्टारबक्स Starbucks ने काम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने अपने ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण स्नैक्स और कॉफ़ी उपलब्ध कराई।
फ्रेंडली डेकोर के साथ-साथ अच्छा एटमॉस्फियर भी दिया ताकि लोग यहां अपने दोस्तों से मिल सकें, अपना काम पूरा कर सकें, इसके साथ-साथ उन्होंने वाईफाई की भी सुविधा दी। स्टारबक्स आपके लिए हर तरह की कॉफ़ी तैयार कर सकता है, जिसे आप सोच सकते हैं।
यह स्टारबक्स की मार्केटिंग रणनीति Starbucks marketing strategy का ही जादू है, जिसकी वजह से ग्राहक वहां बार-बार जाना चाहते हैं, भले ही उन्हें इसके लिए ऊंची कीमत देनी पड़े।
स्टारबक्स अपना स्टोर भी ऐसे जगह रखता है जहां काफी लोग आते-जाते हों। अब ऐसे में स्टोर्स को देखकर वहां रुकना और अपनी पसंदीदा कॉफी ऑर्डर करना बेहद सामान्य है।
घर पर खुद से कॉफी बनाना इतना मुश्किल नहीं है और ना ही ज्यादा महंगा है लेकिन फिर भी ग्राहक स्टारबक्स की कॉफी से अपने दिन की शुरुआत करना चाहते हैं क्योंकि क्वालिटी और आराम हम सभी को चाहिए और स्टारबक्स इसी के लिए फेमस हैं।
स्टारबक्स ने कॉफी से अपनी शुरुआत की लेकिन धीरे-धीरे मांग को देखते हुए हेल्थी स्नैक्स, सैंडविचेस और हॉट ब्रेकफास्ट को भी अपने मेनू में शामिल किया। नए ड्रिंक्स और फूड आइटम्स उनके मेनू में शामिल होते रहते हैं। इसके साथ-साथ उन्होंने चाय, कैफ़ीन फ्री ड्रिंक्स, वेगन स्नैक्स एंड कॉफी और ग्लूटेन फ्री ऑप्शंस भी रखे हैं ताकि सबकी डिमांड पूरी हो पाए।
ऐसा नहीं है कि आज के और 50 साल पुराने स्टारबक्स में कुछ बदला नहीं है। स्टारबक्स ने इनोवेशन का पूरा फायदा उठाया और अपना मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया ताकि वह ग्राहकों से जुड़े रह सके।
इतना ही नहीं जब स्टारबक्स के स्टोर्स ऑस्ट्रेलिया के लोकल कैफे को कड़ी टक्कर नहीं दे पाए तो उन्होंने फिर से अपने स्टोर्स को ऐसी जगह खोलना शुरू किया जहां लोगों को आने में आसानी हो।
इसके साथ-साथ उन्होंने एशिया, अफ्रीका, यूरोप और लैटिन अमेरिका के कई क्षेत्रों पर अपने स्टोर्स शुरू किए। वह नई-नई जगहों पर अपने स्टोर्स की शुरुआत तो कर रहे थे लेकिन इस वक्त भी उन्होंने ब्रांड आइडेंटिटी brand identity और क्वालिटी quality का पूरा ध्यान रखा।
बच्चों के लिए कैफ़ीन अच्छी नहीं होती इसीलिए स्टारबक्स ने इस बात का भी ध्यान रखा कि उनके पास हर उम्र के लोगों के लिए कुछ ना कुछ होना चाहिए।
स्टारबक्स के किड फ्रेंडली स्टोर्स Starbucks kid-friendly stores पर आपको कैफ़ीन फ्री ड्रिंक्स और हेल्थी स्नैक्स आसानी से मिल जाएंगे और इसके साथ-साथ आपको और भी ऑप्शन जैसे हर्बल टी और एस्प्रेसो भी मिलेंगे, क्योंकि स्टारबक्स के पास सबके लिए कुछ है।
स्टारबक्स कंपनी को कई बड़े मेकओवर की ज़रूरत पड़ी, तब जाकर आज वह इतनी सफल कंपनी के रूप में दुनिया भर में राज़ करती है। शुरुआत में स्टारबक्स कॉफी नहीं बल्कि चाय और रोस्टेड कॉफी बीन्स बेचा करती थी।
1981 में स्टारबक्स ने शॉप की मार्केटिंग के लिए हॉवर्ड शुल्ज़ को हायर किया। हॉवर्ड शुल्ज़ इस कंपनी को दुनिया भर में मशहूर बनाना चाहते थे लेकिन इसके बावजूद भी उनके आइडियाज को रिजेक्ट किया जाता रहा।
हॉवर्ड शुल्ज़ Howard Schultz ने गॉर्डन बोकर, जेव शिएगल और जैरी बाल्डविन के सामने कंपनी को खरीदने का प्रस्ताव रखा और उन्होंने इन तीन दोस्तों से स्टारबक्स खरीद लिया। हॉवर्ड शुल्ज़ के मन में पहले से ही कई अच्छे आइडियाज थे और क्योंकि अब यह उनकी खुद की कंपनी थी तो उन्होनें अपने आइडियाज को इंप्लीमेंट करना शुरू किया।
उन्होंने कॉफी बीन स्टोर को कॉफी शॉप coffee shop में बदल दिया और ऐसा करते ही स्टारबक्स ने तरक्की करना शुरू किया। 1989 में शुल्ज़ ने सिएटल के बाहर अपना पहला स्टोर खोला और 1996 तक आते-आते अमेरिका में स्टारबक्स के 46 शॉप्स खुल गए। इतना ही नहीं 1990 के दशक के अंत में, कंपनी के पास 140 आउटलेट हो चुके थे।
असफलताओं का दौर
आप सोच रहे होंगे कि हॉवर्ड शुल्ज़ के आने के बाद स्टारबक्स ने सिर्फ सफलता का ही स्वाद चखा है लेकिन ऐसा नहीं है। कंपनी ने असफलताओं का भी दौर देखा है। बात 2008 की है जब स्टारबक्स को अपने 600 स्टोर बंद करने पड़े थे और जब अमेरिका में कॉफी पीने वालों की संख्या में कमी आई थी और तो इसका सीधा असर स्टारबक्स के कारोबार पर पड़ा।
बात इस कदर बिगड़ गई कि स्टारबक्स को 1000 नौकरियों में कटौती करनी पड़ी लेकिन 2009 में कंपनी ने एक बार फिर से खुद को स्थापित किया। आज स्टारबक्स दुनिया की दुनिया की शीर्ष कंपनियों में से एक है और अगर दुनिया भर में नंबर वन कॉफी हाउस चेन Number one coffee house chain in the world की बात करें तो उसमें भी स्टारबक्स का नाम आता है।
ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर 1987 में हॉवर्ड शुल्ज़ इस कंपनी को नहीं खरीदते तो आज शायद हम लोग स्टारबक्स का नाम भी नहीं जानते। वह काफी लंबे समय तक स्टारबक्स के सीईओ रहे और आज स्टारबक्स का नाम पूरी दुनिया शुल्ज़ की वजह से ही जानती है।
स्टारबक्स भारत में टाटा ग्रुप के साथ मिलकर कारोबार करती है और भारत में स्टारबक्स की टाटा ग्रुप के साथ 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। स्टारबक्स का पहला स्टोर मुंबई के Horinman Circle में 2012 में खुला था और आज भारत में स्टारबक्स के 200 से भी अधिक स्टोर हैं।
Starbucks outlets in India | Number of outlets |
महाराष्ट्र | 58 |
कर्नाटक | 27 |
दिल्ली | 26 |
दिल्ली एनसीआर | 14 |
गुजरात | 11 |
तमिलनाडु | 11 |
तेलंगाना | 10 |
पश्चिम बंगाल | 07 |
मध्य प्रदेश | 05 |
उत्तर प्रदेश | 04 |
पंजाब | 04 |
चंडीगढ़ | 04 |
राजस्थान | 02 |
केरल | 02 |
जैसा की आप देख सकते हैं कि स्टारबक्स के सफल होने के कई कारण हैं। इसकी कहानी और स्टारबक्स की सफलता की रणनीति starbucks' success strategy इतनी खास है कि हर व्यक्ति इससे कुछ ना कुछ सीख सकता है।