आज की तारीख में कई भारतीय कंपनियां एलन मस्क की कंपनी को चुनौती देने के लिए तैयार हैं। भारतीय कंपनियों का दावा है कि वे अमेरिकी कंपनी स्पेसएक्स से आधी कीमत पर सैटेलाइट लॉन्च की उम्मीदें पैदा कर रही हैं।
भारतीय कंपनियां अब स्पेस बिज़नेस में भी लंबी छलांग मारने की तैयारी कर रही हैं। भारत में मौजूद अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के साथ मिलकर कई कंपनियां कुछ ऐसे आविष्कार कर सकती हैं कि सारी दुनिया के मामले में भारत आगे निकल सकता है। स्पेस बिजनेस में इससे पहले कदम रख चुकी अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO को पछाड़ दिया था। स्पेसएक्स ने नया आविष्कार करते हुए सबसे सस्ती सैटेलाइट बनाकर भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो को पीछे तो किया, लेकिन आज की तारीख में कई भारतीय कंपनियां एलन मस्क की कंपनी को चुनौती देने के लिए तैयार हैं। भारतीय कंपनियों का दावा है कि वे अमेरिकी कंपनी स्पेसएक्स से आधी कीमत पर सैटेलाइट लॉन्च की उम्मीदें पैदा कर रही हैं।
दुनिया में सबसे आगे हो जायेगा भारत
स्पेस बिज़नेस में कई भारतीय कंपनियां नई शुरुआत करने वाली हैं। इसरो के साथ मिलकर भारतीय कंपनियां, अमेरिकी कंपनियों और दुनिया की कई अन्य कंपनियों से सस्ते सेटेलाइट लांच करने में सक्षम बन जाएंगी। बताया जाता है कि ऐसी कंपनियां कई अन्य कंपनियों से आधी कीमत में सैटेलाइट लांच करने में सक्षम होंगी। इस लिहाज से भारत दुनिया में सबसे आगे निकल सकता है।
जानकारी के लिए बता दें कि फ्लोटिंग सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के जरिए सैटेलाइट लॉन्च करने का कारोबार शुरू करने वाली द्रोण वायु कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर इस बारे में कहते हैं कि भारतीय कंपनियां सैटेलाइट लॉन्चिंग, ऑर्बिट में पहुंच, डाटा प्रोसेसिंग और ऐसे कई मामलों में अच्छी सुविधाएं कम कीमत में बाजार में ला सकती हैं।
कीमत के लिहाज से समझें
फिलहाल इस कारोबार में अमरीकी कंपनी स्पेसएक्स की पकड़ मजबूत है और वह एक सैटेलाइट लांच करने के लिए करीब 22 हजार डॉलर प्रति किलो कीमत लगाती है। वहीं भारतीय कंपनियां इस काम को 10 हजार डॉलर प्रति किलो में सफल बना सकती हैं। यानी की आधी कीमत में भारतीय कंपनियां सैटेलाइट लांच करने की व्यवस्था कर सकती हैं। अगर इस लिहाज से देखा जाए तो कीमत के मामले में भारतीय कंपनियों का दबदबा बन सकता है।
दुनिया में कितना है कारोबार
अगर पूरी दुनिया में देखा जाए तो स्पेस बिज़नेस से जुड़े विशेषज्ञ बताते हैं कि अभी इस बिज़नेस में करीब 37.5 अरब डॉलर यानी कि 2.8 लाख करोड़ रुपए का कारोबार होता है। विशेषज्ञों की राय मानी जाए तो आने वाले भविष्य में स्पेस बिजनेस का कारोबार काफी तेजी से बढ़ने वाला है।
सरकार करे मदद तो जल्द होगा संभव
अगर इस तरह के बड़े आविष्कार करने हैं तो सरकार को निजी कंपनियों की मदद जरूर करनी होगी और अगर भारत सरकार की मदद स्पेस बिज़नेस से जुड़े कारोबारियों को मिलने लगे, तो भारत को स्पेस बिजनेस पर दबदबा बनने से कोई नहीं रोक सकता।
इसे लेकर विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर भारतीय कंपनियां स्पेस बिज़नेस में कदम रखे और विश्व स्तर पर केवल 10% भी पैर जमा लें, तो यह उपलब्धि भारत के लिए कम नहीं होगी।