क्या है भारत के आर्थिक विकास में MSMEs की भूमिका और MSME मंत्रालय की विभिन्न योजनाएँ?

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19 Jul 2024
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भारतीय अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ाने वाली प्रमुख ताकतों में से एक हैं।

उद्यम पोर्टल के अनुसार, MSME दो करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देते हैं, जो उन्हें अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी के रूप में स्थापित करता है।

MSME विनिर्माण, सेवाओं और कृषि क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। वे भारत के कुल निर्यात का लगभग 50% हिस्सा भी योगदान करते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आय के अवसर प्रदान करके और उन्हें गरीबी से बाहर निकलने में मदद करके समावेशी विकास को बढ़ावा देने में MSME महत्वपूर्ण भूमिका MSME role in promoting inclusive growth निभाते हैं।

सरकारी समर्थन और सुधारवादी पहलों तथा तकनीकी नवाचारों की सहायता से MSME क्षेत्र तेजी से बढ़ा है, जो भारत के कुल निर्यात का लगभग 46% हिस्सा है।

2024 में, भारत में 6.32 करोड़ से अधिक पंजीकृत MSME हैं, जो देश के कुल उद्यमों का 99.67% हिस्सा हैं। वे देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 30% योगदान करते हैं और 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं।

सरकार MSMEs के विकास को बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर रही है, जिनमें RAMP योजना, प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP), और उद्यम पोर्टल शामिल हैं।

यह लेख MSMEs की भूमिका, भारत में उनकी वर्तमान स्थिति, और सरकार द्वारा उनके विकास को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा करेगा।

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भारत के आर्थिक विकास में MSMEs की भूमिका और MSME मंत्रालय की विभिन्न योजनाएँ?  Role of MSMEs in India's economic development and schemes of MSME Ministry?

MSME भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे रोजगार सृजन, आर्थिक विकास, निर्यात और समावेशी विकास में योगदान करते हैं। सरकार MSME के विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, और उनका मानना ​​है कि वे भारत को एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

भारत में MSME को बढ़ावा देने वाली सरकारी पहलें कौन सी हैं? What are the government initiatives to promote MSME in India?

MSME को समर्थन और बढ़ावा देने के लिए, MSME मंत्रालय ने विभिन्न योजनाएँ शुरू की हैं और उन्हें लागू किया है, जो MSME को क्रेडिट सहायता, नए उद्यम विकास, औपचारिकता, तकनीकी सहायता, बुनियादी ढांचा विकास, कौशल विकास और प्रशिक्षण, और बाजार सहायता प्रदान करती हैं। इन पहलों में शामिल हैं:

1. उद्यम पंजीकरण पोर्टल Udyam Registration Portal:

भारत सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए उद्यम पंजीकरण पोर्टल लॉन्च किया है, जो उन्हें आसानी से पंजीकरण करने और विभिन्न सरकारी योजनाओं और लाभों का लाभ उठाने में सक्षम बनाता है। यह पोर्टल MSMEs के लिए व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने और उन्हें औपचारिक अर्थव्यवस्था में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उद्यम पंजीकरण पोर्टल की विशेषताएं Features of Udyam Registration Portal:

  • सरल और आसान पंजीकरण: उद्यम पंजीकरण पोर्टल उपयोगकर्ता के अनुकूल है और MSME को कुछ सरल चरणों में पंजीकरण करने की अनुमति देता है।

  • कोई पंजीकरण शुल्क नहीं: MSME के लिए उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर पंजीकरण पूरी तरह से मुफ्त है।

  • स्व-घोषणा आधारित: MSME को अपनी जानकारी स्वयं घोषित करने की आवश्यकता होती है, जिससे पंजीकरण प्रक्रिया तेज और आसान हो जाती है।

  • डिजिटल प्रमाणपत्र: पंजीकरण के सफल समापन पर, MSME को एक डिजिटल प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है जिसे वे विभिन्न सरकारी योजनाओं और लाभों का लाभ उठाने के लिए उपयोग कर सकते हैं।

  • सरकारी योजनाओं तक पहुंच: उद्यम प्रमाणपत्र MSME को विभिन्न सरकारी योजनाओं और लाभों तक पहुंच प्रदान करता है, जैसे कि ऋण, सब्सिडी, कर छूट, और बाजार पहुंच सहायता।

उद्यम पंजीकरण पोर्टल के लाभ Benefits of Udyam Registration Portal:

  • समय की बचत: MSME पारंपरिक तरीकों का उपयोग करने के बजाय ऑनलाइन पंजीकरण करके समय बचा सकते हैं।

  • पारदर्शिता: पंजीकरण प्रक्रिया पारदर्शी है और MSME को सभी आवश्यक जानकारी आसानी से उपलब्ध है।

  • सुविधा: MSME घर बैठे ही पंजीकरण कर सकते हैं, जिससे यह प्रक्रिया अधिक सुविधाजनक हो जाती है।

  • अनुपालन में सुधार: उद्यम पंजीकरण MSME को सरकारी नियमों और विनियमों का अनुपालन करने में मदद करता है।

  • व्यापार का विस्तार: उद्यम प्रमाणपत्र MSME को नए बाजारों तक पहुंचने और अपने व्यवसाय का विस्तार करने में मदद करता है।

उद्यम पंजीकरण पोर्टल का उपयोग कैसे करें How to use Udyam Registration Portal:

  1. उद्यम पंजीकरण पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट https://udyamregistration.gov.in/ पर जाएं।

  2. "नया पंजीकरण" बटन पर क्लिक करें।

  3. आवश्यक जानकारी दर्ज करें और स्व-घोषणा पत्र जमा करें।

  4. पंजीकरण शुल्क का भुगतान करें (यदि लागू हो)।

  5. अपना डिजिटल प्रमाणपत्र डाउनलोड करें।

उद्यम पंजीकरण पोर्टल MSME के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो उन्हें आसानी से पंजीकरण करने और विभिन्न सरकारी योजनाओं और लाभों का लाभ उठाने में सक्षम बनाता है। यह पोर्टल MSMEs को औपचारिक अर्थव्यवस्था में शामिल होने और भारत के विकास में योगदान करने में मदद करता है।

अतिरिक्त जानकारी:

  • उद्यम पंजीकरण पोर्टल के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप आधिकारिक वेबसाइट https://udyamregistration.gov.in/ पर जा सकते हैं।

  • आप उद्यम पंजीकरण पोर्टल हेल्पलाइन 1800-208-3736 पर भी कॉल कर सकते हैं।

Also Read: क्या हैं भारतीय अर्थव्यवस्था की विशेषताएं ? Fundamental Features of Indian Economy in Hindi

2. सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी फंड ट्रस्ट (CGTMSE) Credit Guarantee Fund Trust for Micro and Small Enterprises :

भारत सरकार और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) Small Industries Development Bank of India (SIDBI) के तहत संचालित CGTMSE, MSME को जमानत राशि या तीसरे पक्ष की गारंटी के झंझटों के बिना बैंक ऋण प्राप्त करने में मदद करने के लिए ऋण गारंटी प्रदान करता है। MSME CGTMSE के तहत कई ऋण श्रेणियों के लिए अधिकतम 85% गारंटी कवरेज के साथ 5 करोड़ रुपये तक के संपार्श्विक-मुक्त ऋण प्राप्त कर सकते हैं।

इस योजना ने अपने अस्तित्व के पहले 22 वर्षों में 67 लाख से अधिक लाभार्थियों को कवर किया है और MSE क्षेत्र में छह प्रमुख क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव डाला है, जैसे प्रौद्योगिकी उन्नयन, कौशल विकास, बाजार विकास, योजना की स्थिरता, आर्थिक प्रभाव और सामाजिक प्रभाव। जनवरी-नवंबर 2023 के दौरान, 12.50 लाख गारंटी स्वीकृत की गईं, जिनकी राशि 1.46 लाख करोड़ रुपये थी।

3. प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) Prime Minister Employment Generation Programme (PMEGP):

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) भारत सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बेरोजगार युवाओं और कारीगरों के लिए स्व-रोजगार के अवसर पैदा करना है। यह योजना सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) की स्थापना और विकास को वित्तीय सहायता प्रदान करके करती है।

PMEGP के तहत ऋण और सब्सिडी Loans and Subsidies under PMEGP::

  • विनिर्माण क्षेत्र Manufacturing Sector:

    • अधिकतम ऋण राशि: ₹25 लाख

    • सब्सिडी: 15% से 25% (उद्यमी के प्रकार और स्थान के आधार पर)

  • सेवा क्षेत्र Service area:

    • अधिकतम ऋण राशि: ₹10 लाख

    • सब्सिडी: 10% से 20% (उद्यमी के प्रकार और स्थान के आधार पर)

PMEGP के लाभ Benefits of PMEGP :

  • रोजगार सृजन: PMEGP नए रोजगारों के सृजन में महत्वपूर्ण योगदान देता है, जिससे बेरोजगारी कम होती है और गरीबी उन्मूलन में मदद मिलती है।

  • आय के अवसर: PMEGP युवाओं और कारीगरों को स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करके उनकी आय में वृद्धि करने में मदद करता है।

  • आर्थिक विकास: PMEGP देश के आर्थिक विकास में योगदान देता है, MSMEs के माध्यम से उत्पादन और सेवाओं को बढ़ावा देता है।

  • समावेशी विकास: PMEGP ग्रामीण क्षेत्रों और पिछड़े वर्गों के लोगों को सशक्त बनाने में मदद करता है, जिससे समावेशी विकास को बढ़ावा मिलता है।

PMEGP के लिए पात्रता Eligibility for PMEGP:

  • आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।

  • आवेदक की आयु 18 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

  • आवेदक को कम से कम 10वीं पास होना चाहिए।

  • आवेदक का परिवार की वार्षिक आय ₹1 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।

  • आवेदक को पहले से ही किसी भी चल रहे व्यवसाय में स्वामित्व नहीं होना चाहिए।

PMEGP के लिए आवेदन कैसे करें How to apply for PMEGP:

  • आवेदक PMEGP पोर्टल https://www.kviconline.gov.in/pmegpeportal/pmegphome/index.jsp के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

  • आवेदक को आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन पत्र जमा करना होगा।

  • आवेदन का मूल्यांकन संबंधित बैंक द्वारा किया जाएगा।

  • यदि आवेदन स्वीकृत हो जाता है, तो बैंक आवेदक को ऋण और सब्सिडी प्रदान करेगा।

PMEGP भारत में MSME के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। यह योजना बेरोजगार युवाओं और कारीगरों को स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करके रोजगार सृजन और उद्यमिता को बढ़ावा देती है।

अतिरिक्त जानकारी:

प्रौद्योगिकी उन्नयन, MSME के लिए प्राप्य वित्त पोषण, और कौशल विकास: Technology upgradation, receivables funding, and skill development for MSMEs:

  • प्रौद्योगिकी उन्नयन: MSME अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने और वैश्विक बाजारों में प्रवेश करने के लिए प्रौद्योगिकी का तेजी से उपयोग कर रहे हैं। सरकार विभिन्न योजनाओं और पहलों के माध्यम से प्रौद्योगिकी उन्नयन को प्रोत्साहित कर रही है, जैसे कि:

    • नवोदय योजना Navodaya Scheme: यह योजना MSME को नई तकनीकों को अपनाने और अपने उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

    • प्रधानमंत्री उद्योग प्रोत्साहन योजना (PM-RISP) Prime Minister's Industrial Promotion Scheme (PM-RISP): यह योजना MSME को अनुसंधान और विकास गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

  • MSME के लिए प्राप्य वित्त पोषण Receivables Financing for MSMEs: MSME के लिए ऋण तक पहुंच एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। सरकार विभिन्न योजनाओं और पहलों के माध्यम से MSME के लिए ऋण तक पहुंच को आसान बनाने के लिए काम कर रही है, जैसे कि:

  • कौशल विकास Skill Development: MSME को प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता होती है। सरकार विभिन्न योजनाओं और पहलों के माध्यम से MSME के लिए कौशल विकास को बढ़ावा दे रही है, जैसे कि:

एमएसएमई के लिए आरएएमपी योजना RAMP Scheme for MSMEs

MSME प्रदर्शन को बढ़ाना और गति देना (RAMP) योजना जुलाई 2022 में MSME मंत्रालय द्वारा विश्व बैंक के सहयोग से शुरू की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य MSME को वैश्विक बाजारों तक पहुंच प्रदान करना और ऋण प्राप्ति में आसानी लाना है।

आरएएमपी योजना के मुख्य लक्ष्य Main objectives of RAMP Scheme:

  • केंद्र-राज्य सहयोग को मजबूत करना: MSME को बढ़ावा देने और विकसित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय और सहयोग को मजबूत करना।

  • प्रौद्योगिकी उन्नयन: MSME को अपनी उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने में मदद करने के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन को प्रोत्साहित करना।

  • वित्तीय पहुंच में सुधार: MSME को ऋण प्राप्त करने में आसानी लाने के लिए वित्तीय पहुंच में सुधार करना।

  • बाजार तक पहुंच में सुधार: MSME को घरेलू और वैश्विक बाजारों तक पहुंच प्रदान करना।

  • कौशल विकास: MSME कर्मचारियों के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देना।

  • डिजिटलीकरण: MSME को अपनी प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने और अपनी दक्षता में सुधार करने में मदद करना।

  • हरित MSME को बढ़ावा देना: पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाने वाले MSME को प्रोत्साहित करना।

  • महिला उद्यमिता को बढ़ावा देना: महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने और उन्हें व्यवसाय शुरू करने और चलाने में मदद करने के लिए पहल करना।

आरएएमपी योजना के तहत प्रमुख पहल Major Initiatives under RAMP Scheme:

राष्ट्रीय MSME परिषद (National MSME Council):

  • यह एक शीर्ष निकाय है जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के मंत्री, उद्योग जगत के प्रतिनिधि शामिल हैं।
  • इसका उद्देश्य MSME के विकास और प्रोत्साहन के लिए रणनीति तैयार करना है।
  • परिषद नीतिगत दिशानिर्देश तैयार करती है, योजनाओं का मूल्यांकन करती है और MSME क्षेत्र के विकास के लिए रणनीतिक दिशा प्रदान करती है।

केंद्र-राज्य MSME संवर्धन योजना (Centre-State MSME Promotion Scheme):

  • यह योजना केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित की जाती है।

  • यह योजना MSME को विभिन्न पहलों जैसे वित्तीय सहायता, बाजार पहुंच, कौशल विकास और तकनीकी उन्नयन में सहायता करती है।
  • योजना के तहत, MSME को सब्सिडी, अनुदान, ऋण और अन्य वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
  • उन्हें विदेशी प्रदर्शनियों और व्यापार मेलों में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है।

MSME प्रौद्योगिकी उन्नयन केंद्र (MSME Technology Upgradation Centre):

  • ये केंद्र MSME को नवीनतम तकनीकों को अपनाने और अपनी उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने में मदद करने के लिए स्थापित किए गए हैं।

  • केंद्र MSME को प्रशिक्षण, परामर्श और प्रौद्योगिकी उन्नयन सेवाएं प्रदान करते हैं।
  • वे MSME को नई तकनीकों को अपनाने और अपनी उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

MSME ऋण सुविधा योजना (MSME Loan Facilitation Scheme):

  • यह योजना MSME को ऋण प्राप्त करने में आसानी लाने के लिए बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के साथ भागीदारी करती है।

  • योजना के तहत, MSME को रियायती ब्याज दरों पर ऋण प्राप्त होता है।
  • उन्हें ऋण प्राप्त करने में आसानी होती है और कम कागजी कार्रवाई की आवश्यकता होती है।

MSME निर्यात प्रोत्साहन योजना (MSME Export Promotion Scheme):

  • यह योजना MSME को घरेलू और वैश्विक बाजारों में अपने उत्पादों और सेवाओं का निर्यात करने में मदद करती है।

  • योजना के तहत, MSME को निर्यात सब्सिडी, अनुदान और बाजार विकास सहायता प्रदान की जाती है।
  • उन्हें विदेशी प्रदर्शनियों और व्यापार मेलों में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है।

MSME कौशल विकास योजना (MSME Skill Development Scheme):

  • यह योजना MSME कर्मचारियों के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देती है।

  • योजना के तहत, MSME को कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
  • उन्हें कौशल विकास कार्यक्रमों में अपने कर्मचारियों को नामांकित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

MSME डिजिटलीकरण योजना (MSME Digitization Scheme):

  • यह योजना MSME को अपनी प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने और अपनी दक्षता में सुधार करने में मदद करती है।

  • योजना के तहत, MSME को डिजिटल उपकरणों और सॉफ्टवेयर को अपनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
  • उन्हें डिजिटल मार्केटिंग और ई-कॉमर्स जैसी डिजिटल तकनीकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

हरित MSME योजना (Green MSME Scheme):

हरित MSME योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है जो उन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को प्रोत्साहित करती है जो पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाते हैं। इसका उद्देश्य स्थायी विकास को बढ़ावा देना और प्रदूषण को कम करना है।

योजना के लाभ:

  • वित्तीय सहायता: MSME को ऊर्जा दक्षता और प्रदूषण नियंत्रण उपायों को अपनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
  • हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाना: योजना MSME को सौर ऊर्जा, जल संरक्षण और अपशिष्ट प्रबंधन जैसी हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
  • पर्यावरणीय अनुपालन: योजना MSME को पर्यावरणीय नियमों और कानूनों का पालन करने में मदद करती है।
  • बाजार पहुंच: योजना प्रमाणित हरित MSME को सरकारी खरीद और अन्य बाजारों में बेहतर पहुंच प्रदान करती है।
  • कर लाभ: योजना के तहत कुछ कर लाभ भी उपलब्ध हैं।

अतिरिक्त जानकारी:

यहां कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है जो उपयोगी हो सकती है:

  • योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप आधिकारिक वेबसाइट https://msme.gov.in/ पर जा सकते हैं।
  • आप योजना के नोडल अधिकारी से भी संपर्क कर सकते हैं।
  • कई गैर-सरकारी संगठन (NGOs) भी हैं जो MSME को हरित प्रथाओं को अपनाने में मदद करती हैं।

यहाँ यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्यों के लिए है। समय-समय पर विभिन्न योजनाओं में बदलाव होते रहते हैं अतः  योजनाओं के बारे में नवीनतम जानकारी के लिए,आपको हमेशा आधिकारिक स्रोतों का संदर्भ लेना चाहिए।

भारत के विकास में MSMEs की भूमिका Role of MSMEs in the Development of India:

भारतीय अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे देश के विकास और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं, रोजगार सृजन, आर्थिक विकास, निर्यात और समावेशी विकास में योगदान करते हैं।

MSMEs की रोजगार सृजन में भूमिका Role of MSMEs in employment generation:

MSMEs भारत में रोजगार का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत हैं, जो 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। यह देश के कुल गैर-कृषि रोजगार का लगभग 45% हिस्सा है। MSMEs विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करते हैं, जिसमें विनिर्माण, सेवाएं, कृषि और खुदरा शामिल हैं। वे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करते हैं, जो देश के समग्र विकास में योगदान करते हैं।

MSMEs की  आर्थिक विकास में भूमिका Role of MSMEs in economic development:

MSMEs भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं, 2023-24 में ₹21.96 लाख करोड़ का योगदान करते हैं। यह देश के GDP का लगभग 30% है। MSMEs विनिर्माण, सेवाओं और कृषि क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। वे देश के औद्योगिक उत्पादन का लगभग 45% हिस्सा हैं। MSMEs घरेलू सामानों और सेवाओं का उत्पादन करते हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करता है। वे आयात पर निर्भरता कम करते हैं और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हैं।

MSMEs की निर्यात में भूमिका Role of MSMEs in exports:

MSMEs भारत के कुल निर्यात का लगभग 50% हिस्सा हैं, 2023-24 में ₹10.98 लाख करोड़ का निर्यात करते हैं। वे विभिन्न प्रकार के उत्पादों और सेवाओं का निर्यात करते हैं, जिसमें हस्तशिल्प, वस्त्र, इंजीनियरिंग सामान, रसायन और कृषि उत्पाद शामिल हैं। MSMEs विदेशी मुद्रा अर्जित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो देश के विकास के लिए आवश्यक है। वे भारत को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाते हैं और देश की ब्रांड छवि को मजबूत करते हैं।

MSMEs की समावेशी विकास में भूमिका Role of MSMEs in inclusive growth:

MSMEs ग्रामीण क्षेत्रों और पिछड़े वर्गों में रोजगार और उद्यमिता के अवसर पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आय के अवसर प्रदान करते हैं और उन्हें गरीबी से बाहर निकलने में मदद करते हैं। MSMEs महिलाओं, अल्पसंख्यकों और विकलांगों को भी रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं। वे समाज के सभी वर्गों के लिए समावेशी विकास को बढ़ावा देते हैं।

अतिरिक्त बिंदु:

  • MSMEs भारत में महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

  • MSMEs ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान करते हैं।

  • MSMEs पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाकर और स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करके स्थायी विकास को बढ़ावा देते हैं।

भारत में MSMEs की वर्तमान स्थिति Current Status of MSMEs in India:

भारतीय अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे देश के विकास और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, रोजगार सृजन, आर्थिक विकास, निर्यात और समावेशी विकास में योगदान करते हैं।

भारत में MSMEs की संख्या और वर्गीकरण Number and classification of MSMEs in India :

2024 में, भारत में 6.32 करोड़ से अधिक पंजीकृत MSMEs हैं, जो देश के कुल उद्यमों का 99.67% हिस्सा हैं। इनमें से 6.26 करोड़ सूक्ष्म श्रेणी में आते हैं, 0.05 करोड़ लघु श्रेणी में, और 0.01 करोड़ मध्यम श्रेणी में आते हैं।

MSMEs का आर्थिक योगदान Economic Contribution of MSMEs:

MSMEs द्वारा उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य 2023-24 में ₹21.96 लाख करोड़ होने का अनुमान है। यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 30% हिस्सा है। MSMEs भारत में औद्योगिक उत्पादन का लगभग 45% हिस्सा हैं। वे देश के कुल निर्यात का लगभग 50% हिस्सा भी योगदान करते हैं।

MSMEs का क्षेत्रीय वितरण Sectoral distribution of MSMEs:

MSMEs पूरे भारत में फैले हुए हैं, शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मौजूद हैं। 2023-24 में, भारत के कुल MSMEs में से 74% ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित थे, जबकि 26% शहरी क्षेत्रों में थे।

MSMEs का रोजगार सृजन में योगदान Contribution of MSMEs in employment generation:

MSMEs भारत में रोजगार का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत हैं, जो 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। यह देश के कुल गैर-कृषि रोजगार का लगभग 45% हिस्सा है। MSMEs विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करते हैं, जिसमें विनिर्माण, सेवाएं, कृषि और खुदरा शामिल हैं।

MSMEs को भारत में चुनौतियां Challenges faced by MSMEs in India:

MSMEs को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें शामिल हैं:

  • वित्त तक पहुंच: MSMEs को ऋण और अन्य वित्तीय सहायता प्राप्त करने में कठिनाई होती है।

  • बाजार तक पहुंच: MSMEs को अपने उत्पादों और सेवाओं के लिए बाजार तक पहुंचने में कठिनाई होती है।

  • कौशल की कमी: MSMEs में कुशल कर्मचारियों की कमी होती है।

  • बुनियादी ढांचे की कमी: MSMEs को पर्याप्त बुनियादी ढांचे की सुविधाओं तक पहुंच नहीं है।

निष्कर्ष Conclusion:

MSMEs भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं। वे देश के GDP, औद्योगिक उत्पादन और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। सरकार MSME के विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलों और सुधारों को लागू कर रही है। इन पहलों में प्रौद्योगिकी उन्नयन, MSME के लिए प्राप्य वित्त पोषण और कौशल विकास को बढ़ावा देना शामिल है।

MSME के सशक्तिकरण से भारत एक मजबूत और समावेशी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर होगा।

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