किसी के साथ अपने विचारों और भावनाओं का आदान-प्रदान संचार (communication) कहलाता है। बातचीत या संचार के जरिए हम आपस में एक-दूसरे को अच्छी तरह समझ सकते हैं। हालांकि, व्यवसायों में संचार की भूमिका के संबंध में विभिन्न विचारधाराएं हैं। कुछ लोगों का मानना है कि संचार एक व्यवसाय का एक महत्वपूर्ण अंग है, जबकि कुछ लोगों को लगता है कि बिज़नेस ग्रोथ पूरी तरह केवल संचार पर निर्भर नहीं करता है। इस आर्टिकल में हम जानेगे कि संचार किसी भी व्यवसाय के लिए कितना महत्वपूर्ण है। तो पढ़ते रहिये -TWN ,
दो या दो से अधिक पक्षों के बीच व्यवसाय से संबंधित जानकारी का आदान-प्रदान करने के लिए व्यवसायिक संचार (Business communication) को बहुत आवश्यक माना जाता है। हम कह सकते हैं कि किसी व्यवसाय की सफलता व्यावसायिक संचार की प्रभावशीलता (effectiveness) पर निर्भर करती है। इसीलिए संचार को व्यवसाय का मूल आधार भी माना जाता है।
व्यवसायिक संचार मुख्य रूप से दो या दो से अधिक पक्षों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान है। संचार के माध्यम से, संगठन आंतरिक और बाहरी पक्षों के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान आसानी से करते हैं और व्यवसाय में संचार को क्रमशः "आंतरिक संचार" (Internal communication) और "बाहरी संचार" (External communication) के रूप में संदर्भित किया जाता है। इसके अलावा संचार संगठनात्मक गतिविधियों में गतिशीलता भी लाता है और लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।
संचार के माधयम से संगठनात्मक योजनाओं और नीतियों को तैयार करना आसान हो जाता है। यथार्थवादी योजनाओं और नीतियों के लिए पर्याप्त और प्रासंगिक जानकारी (adequate and relevant information) की आवश्यकता होती है।प्रबंधन और प्रभावी व्यावसायिक संचार के माध्यम से विश्वसनीय स्रोतों से आवश्यक जानकारी एकत्र करना भी आसान हो जाता है।
योजनाओं, नीतियों और संगठनात्मक लक्ष्यों (plans, policies and organizational goals) के समय पर कार्यान्वयन (implementation) के लिए, प्रबंधकों को पूरे संगठन में उनका प्रसार करना चाहिए या उसके बारे में जानकारी देनी चाहिए। आंतरिक और बाहरी पार्टियों को योजनाओं और नीतियों का प्रसार करने के लिए, प्रबंधक डिजिटल संचार, तकनीकी संचार, और व्यावसायिक संचार (digital communication, technical communication, business communication ) सहित संचार के विभिन्न रूपों पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
संचार कर्मचारियों की दक्षता बढ़ाने में भी मदद करता है। संचार की मदद से, संगठनात्मक उद्देश्यों, योजनाओं, नीतियों, नियमों, निर्देशों (organizational objectives, plans, policies, rules, directives) और अन्य विषयों के बारे में भी कर्मचारियों को अवगत कराया जा सकता है। इससे उनके ज्ञान का विस्तार होगा और कर्मचारियों की दक्षता में भी सुधार होगा।
प्रभावी संचार सभी स्तरों पर कर्मचारियों को जागरूक और एक्टिव रहने में मदद करता है। संचार के जरिए कंपनी के सारे काम सही समय और सही ढंग से पूरे हो सकते हैं।
विभिन्न संचार चैनलों (Communication medium) के माध्यम से, कंपनी के सभी लोगों के बीच विचार विमर्श हो सकता है। और समस्याओं का हल निकल सकता है। केवल व्यवसाय ही नहीं बल्कि यदि आपको अपनी पर्सनल जिंदगी में भी कोई समस्या है तो वह संचार के माध्यम से हल हो सकती है।
समय पर निर्णय लेने के लिए सही और पूरी जानकारी की आवश्यकता होती है। प्रभावी व्यावसायिक संचार (Effective business communication) के माध्यम से, प्रबंधक विभिन्न माध्यमों या तरीकों से जानकारी एकत्र कर सकते हैं और व्यावसायिक लक्ष्यों (Business goals) को प्राप्त करने के लिए सही निर्णय ले सकते हैं।
अच्छे औद्योगिक संबंध किसी भी व्यवसाय के लिए बहुत आवश्यक हैं। व्यावसायिक सफलता के लिए हमेशा अच्छे और दीर्घकालिक औद्योगिक संबंध बनाने चाहिए। अच्छे औद्योगिक संबंध बनाने और बनाए रखने में संचार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। व्यापार मालिकों, टीम लीडर्स, प्रबंधकों, और व्यापार साझेदारों (Business owners, team leaders, managers, and business partnerships) को व्यापार में अच्छा संचार सुनिश्चित करना चाहिए और संगठन के भीतर भी संचार को विभिन्न तरीकों से बढ़ावा देना चाहिए।
आज के दौर में, व्यवसाय अत्यधिक प्रतिस्पर्धी (competitive) होता जा रहा है। लगभग सभी व्यवसाय अपने उत्पादों या सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रचार करते हैं, यहाँ तक की ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ऑनलाइन संचार या वेब-आधारित संचार जैसे माध्यमों के जरिए नयी व्यावसायिक संचार तकनीकों को भी अपनाते हैं। बेहतर संचार प्रणालियों, संचार शैलियों वाला एक संगठन बेहतर प्रचार के जरिए अच्छा एक सफल व्यवसाय स्थापित करता है।
व्यवसाय में प्रभावी संचार या बातचीत के जरिए लेनदेन या अन्य किसी विषय पर सूचनाओं को सुचारू रूप से किसी भी कर्मचारी या अन्य व्यक्ति तक पहुंचाया जा सकता है। परिणामस्वरूप, किसी भी विवाद और असहमति को आसानी से सुलझाया जा सकता है।
यदि किसी संगठन के भीतर सूचना का स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रवाह है, तो यह प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच आपसी समझ लाएगा और कर्मचारी मनोबल को बढ़ावा देगा। प्रभावी संचार कर्मचारियों के बीच सकारात्मक माहौल प्रदान करता है।
किसी भी कंपनी या व्यवसाय में एक क्रमबद्ध ढंग से काम होता है, अपवर्ड यानी ऊपर की ओर किये जाने वाले संचार का मतलब है कि किसी कर्मचारी की बात पहले मैनेजर तक पहुंचेगी और फिर प्रबंधक तक यही क्रम फॉलो करके व्यवसाय में उपवार्ड संचार होता है।
जब कोई मैसेज किसी सुपीरियर या प्रबंधक से सबोर्डिनेट्स या कर्मचारियों तक पहुँचता है तब भी एक क्रम फॉलो किया जाता है। इस क्रम को डाउनवर्ड संचार कहते हैं। क्योंकि इसमें पहले प्रबंधक से मैनेजर तक मैसेज पहुँचता है और फिर मैनेजर से एम्प्लाइज तक। इससे कंपनी में संचार का प्रवाह निरंतरता से बना रहता है।
लेटरल संचार का मतलब कार्यालय में सहकर्मियों के बीच बात करना, संदेश देना और ईमेल करना है। यह क्रॉस-डिपार्टमेंट संचार या केवल आंतरिक विभाग व्यवहार भी हो सकता है। काम के दौरान सहकर्मियों को हमेशा सम्मानजनक और पेशेवर लहजे में संवाद करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, इसी के मद्देनजर व्यवसायों में लेटरल संचार किया जाता है।
बाहरी संचार मतलब कंपनी के अंदर नहीं बल्कि बाहर के ग्राहकों, विक्रेताओं या भागीदारों के साथ व्यवहार बनाना है। इसमें नियामक एजेंसियां या शहर के दूसरे कार्यालय भी शामिल हो सकते हैं। ग्राहक को आकर्षित करने के लिए बिक्री प्रस्तुतियों या विपणन पत्रों को रचनात्मक होना चाहिए, लेकिन साथ ही तथ्यात्मक भी होना चाहिए।
(7C’s of Effective Communication)
संचार पूर्ण होना चाहिए। संचार में सभी तथ्यों को शामिल करना चाहिए। यदि आप किसी को संदेश भेज रहे हैं तो आपको रिसीवर को ध्यान में रखना चाहिए और उसी के अनुसार संदेश देना चाहिए।
एक पूर्ण संचार में निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं:
संक्षिप्तता का अर्थ है कम शब्दों में ज्यादा बात कहना, यानी संचार के अन्य पहलुओं को छोड़े बिना कम से कम संभव शब्दों में अपनी बात को व्यक्त करना। प्रभावी संचार के लिए संक्षिप्तता एक आवश्यकता है।
संक्षिप्त संचार में निम्नलिखित विशेषताएं हैं:
प्रभावी संचार के लिए हमेशा अपने दर्शकों को ध्यान में रखना चाहिए, यानी दर्शकों के दृष्टिकोण, पृष्ठभूमि, मानसिकता, शिक्षा स्तर आदि के बारे में पता होना बहुत आवश्यक है। अपने दर्शकों की आवश्यकताओं, भावनाओं के साथ-साथ समस्याओं की परिकल्पना करने का प्रयास करें। सुनिश्चित करें कि दर्शकों का स्वाभिमान बना रहे और उनकी भावनाओं को ठेस न पहुंचे। अपने संदेश को पूरा करते हुए दर्शकों की जरूरतों के अनुरूप संदेश में अपने शब्दों को संशोधित करें।
विचारशील संचार की विशेषताएं इस प्रकार हैं:
स्पष्टता का अर्थ है कि एक संदेश में बहुत अधिक बताने की बजाय, छोटी सी बात को अधिक स्पष्टता से बताना। जिससे सुनने या पढ़ने वाले को अपना संदेश एक ही बार में समझ आ जाए और कोई बाधा उतपन्न न हो।
संचार में स्पष्टता की निम्नलिखित विशेषताएं हैं:
ठोस संचार का अर्थ अस्पष्ट और सामान्य के बजाय विशेष और स्पष्ट संचार करना है। ठोस संचार में आपका आत्मविश्वास दिखाई पड़ता है।
कंक्रीट संदेश में निम्नलिखित विशेषताएं हैं:
संदेश में शिष्टाचार का तात्पर्य है कि संदेश में आपकी अभिव्यक्ति को दिखाना चाहिए और साथ ही प्राप्तकर्ता का सम्मान करना चाहिए। संदेश भेजने वाले को विनम्र, विवेकपूर्ण, चिंतनशील और उत्साही होना चाहिए।
विनम्र संदेश में निम्नलिखित विशेषताएं हैं:
संचार में शुद्धता का तात्पर्य है कि संचार में कोई व्याकरण संबंधी त्रुटियाँ नहीं हैं।
सही संचार में निम्नलिखित विशेषताएं हैं:
संचार के इन 7c के बारे में जागरूकता आपको एक प्रभावी संचारक बनाती है।
इस आर्टिकल में आपको व्यवसायिक संचार से जुड़ी कई बातों की जानकारी मिली, उम्मीद है आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। व्यवसाय से संबंधित अन्य जानकारी के लिए पढ़ते रहिए -TWN
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