शिक्षा हम सबके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है सीखना या सिखाना और शिक्षा हम किसी भी माध्यम के द्वारा ग्रहण कर सकते है। मनुष्य को बौद्धिक रूप से तैयार करने में शिक्षा का अहम योगदान है।
आज के आधुनिक युग में शिक्षा प्राप्त करने का सबसे सरल तरीका है- ऑनलाइन शिक्षा । आधुनिक समय में यह शिक्षा प्रणाली एक वरदान की तरह है। l
शिक्षा जगत में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल छात्र, शिक्षक और माता-पिता कई तरीकों से कर सकते हैं। खासकर की अगर छात्रों को टेक्नोलॉजी की सुविधा क्लासरूम में मिलेगी तो शैक्षिक वातावरण काफी अच्छा होगा। टेक्नोलॉजी शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
इसके द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है और शिक्षा प्रणाली को एक नई दिशा दी जा सकती है। इसके अलावा, इससे छात्रों को इंटरैक्टिव और रोचक तरीकों से शिक्षा प्रदान की जा सकती है।
अब जब हम शिक्षा जगत में टेक्नोलॉजी की बात कर ही रहे हैं, तो आइए इसके फायदे और नुकसान भी जान लेते हैं। Advantages And Disadvantages Of Technology In Education World.
टेक्नोलॉजी ने हर जगह अपनी एक मजबूत पकड़ बना ली है। आज के युग में छात्रों के लिए जितने अवसर और सुविधाएं, ज्ञान प्राप्त करने के लिए हैं, ये सारी सुविधाएं पहले नहीं हुआ करती थीं। पहले तो बस कॉपी, किताब और कलम हुआ करती थी।
लेकिन अगर आधुनिक युग की बात करें तो आज कंप्यूटर, प्रोजेक्टर, ऑनलाइन-नोट्स और पीडीएफ का जमाना आ गया है। जाहिर सी बात है अगर टेक्नोलॉजी इसी तरह से तरक्की करती रही तो हमें और भी बहुत कुछ नया देखने को मिलेगा।
शिक्षा जगत में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल छात्र, शिक्षक और माता-पिता कई तरीकों से कर सकते हैं। खासकर की अगर छात्रों को टेक्नोलॉजी की सुविधा क्लासरूम में मिलेगी तो शैक्षिक वातावरण educational environment काफी अच्छा होगा। इंटरनेट का ज़माना है और हमने इस कोरोना काल में ही शिक्षा जगत में कई बडे़ बदलाव देखे हैं।
आज बच्चों के पास ऑनलाइन कोचिंग, डाउट क्लासेज Online Coaching, Doubt Classes की सुविधा है। बच्चे को बस एक कंप्यूटर और अच्छे इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता है।
आपको बता दें कि कई बड़ी ऑनलाइन कोचिंग कंपनियों ने बताया है कि कोरोना काल में उनकी कोचिंग से जुड़ने वाले छात्र और छात्राओं की संख्या में अचानक से वृद्धि देखी गई और आज भी बच्चे ऑनलाइन कोचिंग को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं।
अब वह दिन नहीं रहे जब पेरेंट्स को टीचर से अपने बच्चे की परफॉर्मेस को जानने के लिए पीटीएम यानी कि पेरेंट्स टीचर मीटिंग का इंतजार करना पड़ता था। अब तो हर क्लास का अपना एक व्हाट्सएप ग्रुप होता है और ग्रुप में ही होमवर्क से लेकर क्लास परफॉर्मेस class performance तक सारी इन्फॉर्मेशन आ जाती हैं।
भले ही कोई माने या ना माने लेकिन भविष्य में टेक्नोलॉजी की अहमियत importance of technology in future और भी ज्यादा बढ़ेगी इसीलिए छात्रों का टेक्नो फ्रेंडली होना बेहद आवश्यक है। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल छात्रों को भविष्य के लिए भी तैयार करता है।
टेक्नोलॉजी आपको उस तरह सीखाती है, जिस तरह आपको सीखना सबसे ज्यादा पसंद होता है। टेक्नोलॉजी की मदद से कुछ सीखने की प्रक्रिया आसान और मजेदार होती है। आप फ्लो चार्ट्स, डायग्राम्स, मैप्स की मदद से जल्दी सीख जाते हैं।
आपको टेक्नोलॉजी की मदद से एक ही जगह सारी इन्फॉर्मेशन मिल जाती है। अगर आप क्यूरियस हैं तो आप टेक्नोलॉजी की मदद लेकर कम समय में बहुत कुछ सीख सकते हैं।
आज हमें समय-समय पर अपडेट होने की आवश्यकता है और टेक्नोलॉजी हमारा यह काम आसान बनाती है। इसकी मदद से ना सिर्फ स्टूडेंट्स का बल्कि टीचर का भी काम बेहद आसान हो गया है और वह छात्रों तक सटीक और सही जानकारी पहुंचा पा रहे हैं।
टेक्नोलॉजी सीखने का एक क्रिएटिव तरीका है इसीलिए खुद छात्र भी इससे सीखने के लिए तैयार रहते हैं।
इस बात में कोई दोराय नहीं है कि टेक्नोलॉजी की मदद से सीखना एक मज़ेदार प्रोसेस है लेकिन यह डिस्ट्रेक्शन को भी बढ़ावा देता है। छात्र जिस फोन या लैपटॉप की मदद से पढ़ाई करते हैं, उसी लैपटॉप पर उन्हें गेम खेलने का भी मन करता है। वह उसी लैपटॉप पर सोशल मीडिया social media का भी इस्तेमाल करना चाहते हैं।
कई लोगों का ये भी मानना है कि टेक्नोलॉजी की मदद से छात्र ज्यादा आलसी भी हो गए हैं और प्रोडक्टिव होने के बजाय, वो काम को टालने लगे हैं।
ज्यादा समय तक लैपटॉप पर वीडियो की मदद से सीखने के कारण छात्रों में मोटापे और खराब पोश्चर की समस्या देखी गई है इसके साथ-साथ छात्रों में खराब आईसाइट poor eyesight in students की समस्या भी बेहद आम हो गई है क्योंकि वह अपना ज्यादातर समय टेक्नोलॉजी के साथ ही बिता रहे हैं।
स्मार्टफोन और लैपटॉप पर लगातार काम करने से बच्चों के पीठ, कंधों और आंखों में दर्द होने लगा है। गैजेट्स के कारण बच्चों के रूटीन में भी काफी बदलाव हुआ है और यही कारण है कि बच्चे अब माता-पिता के साथ समय नहीं बिता रहे हैं। फोन को इस्तेमाल करने से मना करने पर बच्चों में चिड़चिड़ापन देखने को मिल रहा है।
बहुत से माता-पिता पढ़ाई के उसी पारंपरिक तरीके को प्राथमिकता देते हैं इसीलिए वह अपने बच्चों को फोन और लैपटॉप से दूर ही रखना चाहते हैं।
आज अगर आप बच्चों से कहेंगे कि सोशल मीडिया पर किसी अंजान व्यक्ति से बात कर लो तो शायद वे दो मिनट भी नहीं सोचेंगे और उस अंजान व्यक्ति को टेक्स्ट कर देंगे लेकिन वही अगर उन्हें ये कहो कि पड़ोस में जाकर ये काम कर लो या पड़ोस में जाकर किसी से ये बात कह दो तो वो मना कर देंगे।
दरअसल, आज बच्चों को इस वर्चुअल दुनिया virtual world से ही फुर्सत नहीं मिल रही है इसीलिए वे आज लोगों से फेस टू फेस बात करने में असहज महसूस करते हैं।
Also Read: मीडिया साक्षरता क्या है ?
टेक्नोलॉजी शिक्षा के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण है। आधुनिक समय में टेक्नोलॉजी ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत से बदलाव लाए हैं और आने वाले समय में इसका उपयोग और बढ़ जाएगा। निम्नलिखित हैं टेक्नोलॉजी के महत्वपूर्ण दस्तावेज:
ऑनलाइन शिक्षा: टेक्नोलॉजी के साथ, छात्र अपने घर से ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उन्हें यदि वे शिक्षा के लिए अन्य शहर जाने के लिए सामर्थ्य होती है, तो यह उनकी शिक्षा में आसानी पैदा करता है।
ऑनलाइन संसाधन: टेक्नोलॉजी के माध्यम से विभिन्न ऑनलाइन संसाधन उपलब्ध होते हैं, जैसे कि वीडियो, वेबसाइट, और शैक्षिक ऐप्स, जिन्हें छात्र अपने पढ़ाई में सहायकता के लिए उपयोग कर सकते हैं।
वर्चुअल लर्निंग: वर्चुअल लर्निंग छात्रों को उनके अध्ययन के लिए व्यक्तिगत अध्ययन करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है, जिससे वे अपने रूचि और गुणों के हिसाब से अध्ययन कर सकते हैं।
निष्कर्ष
टेक्नोलॉजी का शिक्षा में महत्व अब और भी बढ़ चुका है, और यह छात्रों के लिए अध्ययन को रोचक और प्रासंगिक बनाने में मदद करता है। इसके अलावा, टेक्नोलॉजी छात्रों के विकास के लिए व्यक्तिगत अध्ययन और समर्थन प्रदान करती है, जो शिक्षा के क्षेत्र में एक बेहतर भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
शिक्षा जगत में टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान जानने पर यह साफ पता चलता है कि चाहे वह कोई भी सेक्टर हो, हमें उसमें टेक्नोलॉजी की आवश्यकता है। हर क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नुकसान से ज्यादा फायदा देता है। शिक्षा जगत में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल छात्र, शिक्षक और अभिभावक तीनों के लिए ही अच्छा है।
टेक्नोलॉजी की मदद से छात्र के लिए ज्ञान प्राप्त करना आसान हो जाता है। छात्र खुद से ही कई टॉपिक्स और चैप्टर्स पढ़ सकते हैं और नहीं समझ आने पर डाउट भी क्लियर कर सकते हैं।
आसान भाषा में कहें तो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अपनी जगह बिलकुल सही है लेकिन छात्र, शिक्षक और माता-पिता इसका उपयोग कैसे करते हैं, इससे बड़ा फर्क पड़ता है।