बॉडी लैंग्वेज एक ऐसी भाषा है जो हमारे शरीर के भावों, विचारों और भावनाओं को दूसरों के सामने बताती है। यह बोलने से पहले या अक्सर बोले गए शब्दों से भी ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। बॉडी लैंग्वेज Body Language हमारे हाव-भाव को बताने वाली एक तरह की शारीरिक भाषा है।
जाहिर सी बात है कि इसमें शब्द नहीं होते हैं लेकिन इसकी मदद से लोग कुछ कहे बिना भी बहुत कुछ कह जाते हैं।
जिस तरह से लोगों को अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, तेलगु, मराठी और अन्य भाषाओं का ज्ञान होता है और लोग उन्हें पढ़ पाते हैं, ठीक इसी तरह बॉडी लैंग्वेज body language भी एक तरह की भाषा है और इसे पढ़ा जा सकता है।
बॉडी लैंग्वेज एक महत्त्वपूर्ण सामाजिक कौशल important social skills होता है, जो आपको दूसरों के साथ संवाद करते समय सहायता करता है।
यह वाक्य विवरण बयान करता है कि आपकी शरीर भाषा आपकी वाणी से कहीं अधिक होती है। बॉडी लैंग्वेज को समझने से आप लोगों के विचारों, भावनाओं और इच्छाओं को समझने में मदद कर सकते हैं और उन्हें अच्छी तरह से संवाद करने में सक्षम बना सकते हैं।
आपको आश्चर्य हो रहा होगा कि क्या यह मुमकिन है, ऐसा थोड़ी ना होता है लेकिन ये सच है।
याद करने की कोशिश करिए कि कभी किसी व्यक्ति की शरीर की मुद्रा, उसके चेहरे का भाव, उसकी आंखों से उसके मन में चलने वाले विचार के बारे में हम अंदाजा लगा लेते हैं।
यही कारण है कि कई बार हमें ये सुझाव मिलता है कि करियर में आगे बढ़ने के लिए हमें कम्युनिकेशन स्किल्स communication skills और बॉडी लैंग्वेज body language पर खास तौर पर ध्यान देना चाहिए।
बॉडी लैंग्वेज को सुधारने के लिए हमने आपको 5 बेसिक टिप्स basic tips to improve your body language बताई है।
इन टिप्स की मदद से आप अपनी बॉडी लैंग्वेज को आसानी से सुधार पाएंगे।
कई बार हमें ये सुझाव मिलता है कि करियर career में आगे बढ़ने के लिए हमें कम्युनिकेशन स्किल्स communication skills और बॉडी लैंग्वेज body language पर खास तौर पर ध्यान देना चाहिए।
अब कैसे में अगर आपको ये पता ही नहीं है कि बॉडी लैंग्वेज Body Language क्या है तो आप इस पर कैसे ध्यान दे पायेंगे, इसीलिए आज शुरू से शुरू करते हैं और आपको बॉडी लैंग्वेज body language के बारे में और उसे इंप्रूव Powerful ways to improve your body language करने के बारे में बताएंगे।
हम सब लोग तरह-तरह के लोगों से मिलते हैं। किसी को बेबाकी से हर बात कहना पसंद होता है तो कोई इशारों-इशारों में बहुत कुछ कह जाता है।
हम सब के मन में हजार विचार चलते रहते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही विचार हम दूसरों से शेयर कर पाते हैं लेकिन हमारी बॉडी लैंग्वेज body language से कुछ लोग हमारे बारे में बहुत कुछ समझ जाते हैं।
जी हां, ये एक कला है और कुछ लोग इस कला में बेहद निपुण होते हैं। आपके भीतर चलने वाले विचार, आपके इरादे और आपकी सोच का अंदाजा वे बस आपकी बॉडी लैंग्वेज से ही लगा लेते हैं।
आप कह सकते हैं कि किताबों की तरह ये लोग इंसान के मन में क्या चल रहा है, ये पढ़ लेते हैं।
जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि यह एक तरह की भाषा है। बॉडी लैंग्वेज body language हमारे हाव-भाव को बताने वाली एक तरह की शारीरिक भाषा है।
जाहिर सी बात है कि इसमें शब्द नहीं होते हैं लेकिन इसकी मदद से लोग कुछ कहे बिना भी बहुत कुछ कह जाते हैं।
जिस तरह से लोगों को अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, तेलगु, मराठी और अन्य भाषाओं का ज्ञान होता है और लोग उन्हें पढ़ पाते हैं, ठीक इसी तरह बॉडी लैंग्वेज body language भी एक तरह की भाषा है और इसे पढ़ा जा सकता है।
आपको आश्चर्य हो रहा होगा कि क्या यह मुमकिन है, ऐसा थोड़ी ना होता है लेकिन ये सच है।
याद करने की कोशिश करिए कि कभी किसी व्यक्ति की शरीर की मुद्रा, उसके चेहरे का भाव, उसकी आंखों से उसके मन में चलने वाले विचार के बारे में हम अंदाजा लगा लेते हैं।
यही कारण है कि कई बार हमें ये सुझाव मिलता है कि करियर में आगे बढ़ने के लिए हमें कम्युनिकेशन स्किल्स communication skills और बॉडी लैंग्वेज body language पर खास तौर पर ध्यान देना चाहिए।
जब आप गाल पर हाथ रखते हैं और शांत से रहते हैं तो इससे सामने वाला ये अंदाजा लगता है कि आप कुछ सोच रहे हैं।
जब आप बात करते करते बार-बार अपनी नाक और गाल को छूते हैं तो सामने वाले को लगता है कि शायद आप झूठ बोल रहे हैं या आप कॉन्फिडेंट confident नहीं है।
ठीक इसी तरह बात करते समय बार-बार ऊपर की ओर देखना भी अच्छा नहीं माना जाता है।
जब आप आई कॉन्टैक्ट eye contact करके बात करते हैं तो आपका कॉन्फिडेंस confidence दिखता है।
जब आपको किसी स्टेज पर कुछ बोलने के लिए कहा जाता है और जब आपका हाथ कांपता है तो उसे स्टेज फीयर कहते हैं।
आप समझ गए होंगे कि ये जितनी भी एक्टिविटीज है, इनमें आपने कुछ बोला नहीं लेकिन फिर भी सामने वाले को आपकी स्थिति समझ में आ गई, यही है बॉडी लैंग्वेज।
"Body language and tone of voice- not words- are our most powerful assessment tools." - Christopher Voss
यह एक कला है और इस कला का सीधा कनेक्शन आपकी सफलता और असफलता से होता है।
अगर आप इस कला में निपुण हैं तो ये आपकी सफलता का कारण बनेगी और अगर आप इस कला में निपुण नहीं हैं तो ये आपकी असफलता का कारण बनेगी। हम सबका ये जानना बेहद ज़रूरी है कि अपनी बॉडी लैंग्वेज body language को इंप्रूव करके हम कैसे भीड़ में अलग दिख सकते हैं और सबको प्रभावित कर सकते हैं।
बॉडी लैंग्वेज को सुधारने के लिए हमने आपको 5 बेसिक टिप्स basic tips to improve your body language बताई है।
इन टिप्स की मदद से आप अपनी बॉडी लैंग्वेज को आसानी से सुधार पाएंगे।
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अंगों का उपयोग: यह बॉडी लैंग्वेज का सबसे महत्त्वपूर्ण प्रकार है।
इसमें हमारे शरीर के अंगों का उपयोग होता है जैसे कि हाथों को कसकर पकड़ना, गले की गहराई तक साँस लेना, सीधे खड़े रहना आदि।
आंखों की भावनाएं: आंखें बड़ी ही महत्त्वपूर्ण अंग हैं।
आंखों के भाव बताते हैं कि हमें दूसरों के प्रति कैसी भावनाएं हैं।
यही कारण है कि लोगों को आंखों से बात करने की सलाह दी जाती है।
चेहरे के भाव: चेहरे के भाव भी एक महत्वपूर्ण बॉडी लैंग्वेज हैं।
इसमें हमारे चेहरे के भाव हमारी मुख भावनाओं को बताते हैं।
चेहरे के भावों के आधार पर हम दूसरों के मनोभाव को समझ सकते हैं।
हाथ के इशारे: हाथ के इशारे भी बॉडी लैंग्वेज का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा होते हैं।
हम अपने हाथों की मदद से बहुत सी चीजों को बता सकते हैं।
जैसे कि हम किसी को आदेश देते हुए अपने हाथ का इशारा करते हैं।
बैठने और खड़े होने का तरीका: बैठते हुए और खड़े होते हुए हम अपनी बॉडी लैंग्वेज से काफी कुछ बता सकते हैं।
जैसे कि हमारे सामने बैठने की पोजीशन से हम अपनी स्थिति, स्थान, और आराम देने की क्षमता के बारे में बता सकते हैं।
इसी तरह, खड़े होते हुए हम अपनी बॉडी लैंग्वेज के जरिए अपनी ताकत, आत्मविश्वास, और आरामदायक खड़े होने की क्षमता के बारे में बता सकते हैं।
चलने के तरीके: चलते हुए भी हम बॉडी लैंग्वेज का उपयोग करते हैं।
जैसे कि हम अपनी चाल से अपने संभोग की स्थिति, स्थान, आत्मविश्वास और समझ के बारे में बता सकते हैं।
शब्दों के साथ बॉडी लैंग्वेज: हमारे शब्दों के साथ भी हम बॉडी लैंग्वेज का उपयोग करते हैं।
यह आमतौर पर हमारे भावों को जताने के लिए होता है।
जैसे कि अगर हम किसी से झगड़ा कर रहे होते हैं, तो हमारी बॉडी लैंग्वेज व्यक्ति को बताएगी कि हम उससे नाराज हैं ।
जब आप किसी से आई कॉन्टेक्ट eye contact बना कर बात करते हैं तो सामने वाले को लगता है कि आप उनकी बातों में रुचि ले रहे हैं, उन्हें ध्यान से सुन रहे हैं वहीं अगर आप किसी से बात करते वक्त आई कॉन्टेक्ट नहीं बनाते हैं और बार-बार ऊपर देखते हैं, नीचे देखते हैं या अपनी घड़ी को बार-बार देखते हैं तो सामने वाले को लगता है कि आप उनकी बातों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और उनकी बातों में रुचि नहीं ले रहे हैं।
कई लोगों को आई कॉन्टेक्ट eye contact बना कर बात करने में समस्या होती है लेकिन सच तो यही है कि आँखों के जरिए इस बात की जानकारी मिलती है कि आप कितने कॉन्फिडेंट confident हैं।
सामने वाले को ये दिखाने की कोशिश करें कि आप उनकी बातों में कितनी रुचि ले रहे हैं और बहुत ही ध्यान से उनकी बातों को सुनने के बात अपनी बात रख रहे हैं।
ध्यान रखें कि जब भी आप किसी से मिल रहे हों, तो अपने चेहरे पर एक विनम्र भाव अवश्य रखें।
किसी भी व्यक्ति से मिलने पर उनसे हाथ मिलाएं और उनसे पूछे कि वे कैसे हैं और इतना करने के बाद ही अपनी बात को आगे बढ़ाएं। अपनी बात को एक अच्छी शुरुआत देने का ये एक अच्छा तरीका है।
जब भी किसी से बात करें तो एक उचित दूरी बना कर ही बात करें। इस बात का ध्यान दें कि आपको सामने वाले व्यक्ति के ना ही ज्यादा करीब होकर बात करना है और ना ही ज्यादा दूर।
एक उचित दूरी बना कर अपनी बात को आराम से रखें। ऐसा ना हो कि किसी व्यक्ति के इतने पास या इतनी दूर खड़े हों कि उसे असहजता होने लगे।
इंटरव्यू, मीटिंग या किसी से बता करने के दौरान अपने हाथों को बार-बार रब ना करें और ना ही अपने पैरों को हिलाएं।
अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो ये दर्शाता है कि आप कितने नर्वस हैं और अपनी बातों को स्पष्टता से प्रकट नहीं कर पा रहे हैं।
एक और बात का विशेष ध्यान दें कि किसी से बात करते वक्त हथेली को बांधने की बजाय खुली रखें।
एक हसता मुस्कुराता हुआ चेहरा सभी को पसंद आता है, इसीलिए जब भी किसी से मिलें तो चेहरे पर हल्की सी मुस्कान के साथ मिलें।
इसके साथ-साथ इस बात का भी ध्यान रखें कि स्ट्रेसड फेस ना बनाएं और सकारात्मक रहें।
जब आप किसी से अपने चेहरे पर एक स्माइल के साथ मिलते हैं तो सामने वाला बड़ी ही आसानी से अपनी बात आपके सामने रख देता है वहीं अगर आप स्ट्रेस्ड फेस बनाकर मिलते हैं तो वह अपनी बात को आपके सामने रखने से हिचकिचाता है।
इन बातों का भी विशेष ध्यान दें-
निष्कर्ष
अगर आप इन सभी बातों का ध्यान रखेंगे तो सामने वाला व्यक्ति आपसे और बात करना चाहेगा क्योंकि बॉडी लैंग्वेज का प्रभाव हमारी निजी ज़िंदगी और कामकाजी ज़िंदगी दोनों पर ही बराबर पड़ता है।
अच्छा तो यही रहेगा कि आप खुद को परखने की कोशिश करें कि उपर्युक्त बताए गए पॉइंट्स में ऐसी क्या गलती है जो आप करते हैं और कोशिश करें कि आप बाद में जब भी किसी से बात करें तो ये गलतियां ना करें।
यदि आप अंग्रेजी में बॉडी लैंग्वेज के बारे में पढ़ना चाहते हैं, तो कृपया नीचे दी गई ब्लॉग पोस्ट देखें:
FACTS ABOUT BEHAVIORAL PSYCHOLOGY