नए विचार व्यवसाय के आधार

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15 Oct 2021
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यदि हम ध्यान दें तो ऐसे कई कार्य हैं जो हमारे लिए एक व्यवसाय बन सकते हैं। सिलाई-कढ़ाई से लेकर बेकरी तक, ट्यूशन क्लास से लेकर प्रिंटिंग हाउस तक, एक अनाज की खेती से लेकर अनाज की चक्की तक, मेहंदी लगाने से लेकर घर-घर पार्लर चलाने तक, जूते बनाने से लेकर कपड़े स्त्री करने तक, ऐसे प्रत्येक कार्य व्यवसाय का चेहरा हैं।

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हमारे मन में प्रतिदिन न जाने कितने विचार हमारी आत्मा को प्रभावित करते हैं। हम रोज कुछ न कुछ अर्थपूर्ण विचारों का आंकलन करते हैं तो कुछ अर्थरहित विचारों का, परन्तु हम निरंतर कुछ न कुछ सोचते अवश्य रहते हैं। मनुष्य स्वयं को एक सफल व्यक्ति की शक्ल में समाज के सामने प्रस्तुत रखना चाहता है। वह यह कल्पना करता है कि जब समाज में उसके बारे में चर्चा की जाय तो लोग उसे एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के उदाहरण के रूप में लें। इस कारण व्यक्ति के द्वारा उठाया गया प्रत्येक कदम इस सोच के साथ आगे बढ़ता है कि वह उसे सफलता की ओर ले जाये। हमारी विचारधारा में एक तथ्य यह भी उपस्थित रहता है कि अपना स्वयं व्यवसाय होना सफल मनुष्य की पहचान होती है। एक हद्द तक हम इसे सही भी कह सकते हैं, क्योंकि इस दशा में आप न केवल खुद पैसे कमाते हैं बल्कि औरों को भी पैसे कमाने का मौका देते हैं। इसलिए इसे सफलता की रेखा में गलत नहीं कहा जा सकता है। इस दुनिया में व्यवसाय करने के असीमित साधन हैं, परन्तु हम पहले से ही मौजूद उपकरणों में फंस कर नई अवधारणाओं को जन्म ही नहीं लेने देते। हम व्यवसाय के क्षेत्र में नए विचारों के आगमन को लेकर हमेशा भयभीत रहते हैं।

दुनिया में व्यवसाय के कई आयाम हैं, प्रत्येक क्षेत्र मनुष्य को व्यवसाय में नई शुरुआत करने का अवसर देता है। यदि हम खुद के दिमाग को थोड़ा सक्रिय करें और चारो तरफ अपनी नज़र दौड़ाएं तो हमारे आस-पास मौजूद हर एक वस्तु हमें एक व्यवसायिक विचार देती है। बस यदि हम थोड़ा सा विचार करें तो यह समझ पाने में सफल होंगे कि हम वास्तव में कैसा व्यवसाय करना चाहते हैं। हमारी क्षमता और हमारी रूचि एक नई शुरुआत को निर्धारित करती है तथा यदि हम यह समझ पाएं कि किस कार्य में हम बेहतर हैं तो हमारे पास ज़रूर एक सफल व्यवसाय होगा। 

समय ऐसा है कि आज नई-नई प्रणालियों की खोज निरंतर हो रही है। आज व्यवसाय के रूप में ऐसे-ऐसे विकल्प हमारे इर्द-गिर्द रहते हैं, जिनकी समाज में अच्छी छवि भी रहती है और वह व्यक्ति को अच्छा आय भी देती है। हमारी विचारधारा व्यवसाय के लिए आज भी अधिकतम यही रहती है कि हम अपनी कोई दुकान खोल लें, कहीं ठेके पर काम करा लें, अपना एक छोटा सा अस्पताल खोल लें या फिर अपना कोई ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय कर लें। हम आज भी इस विचारधारा से निकलने के रास्ते पर हैं, परन्तु स्वयं को पूरी तरह से इस सोच से निकाल नहीं पाए हैं। 

यदि हम ध्यान दें तो ऐसे कई कार्य हैं जो हमारे लिए एक व्यवसाय बन सकते हैं। सिलाई-कढ़ाई से लेकर बेकरी तक, ट्यूशन क्लास से लेकर प्रिंटिंग हाउस तक, एक अनाज की खेती से लेकर अनाज की चक्की तक, मेहंदी लगाने से लेकर घर-घर पार्लर चलाने तक, जूते बनाने से लेकर कपड़े स्त्री करने तक, ऐसे प्रत्येक कार्य व्यवसाय का चेहरा हैं। कुछ कार्यों की तरफ तो हमारी सोच ही नहीं पहुँचती और हम कई कार्य तो केवल इस कारण नहीं करते, क्योंकि वह हमारी स्वयं की नज़र में छोटे कार्य प्रतीत होते हैं।

हम खुद को नए विचार से जोड़ेंगे तो हम अपने लिए नई शुरुआत करेंगे जो हमें एक बेहतर भविष्य देगा और उससे हम और लोगों को भी सुनहरा भविष्य दे पाएंगे।

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