वर्ष 2022 में, शारदीय नवरात्रि (Navratri 2022) 26 सितंबर से शुरू हो रही है। नौ दिनों के त्योहार की गतिविधियों जैसे उपवास, जप, पूजा, भंडारा, जागरण, डांडिया (Vaas, Japa, Worship, Bhandara, Jagran, Dandiya) आदि में माता उपासक उत्साहपूर्वक शामिल होते हैं। भारत में देवी की पूजा होती है। देवी माँ कई तरह की भूमिकाएँ निभाती हैं; वह कभी-कभी माता गौरी की आड़ में गणेश जी की देखभाल करती हैं और कभी-कभी अपने अनुयायियों की रक्षा के लिए माँ दुर्गा और माँ काली में बदल जाती हैं। माँ अन्नपूर्णा रसोई में गृहस्थ के रूप में कार्य करती है, जबकि देवी सरस्वती की पूजा ज्ञान और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए की जाती है। भारत में नवरात्रि का उत्सव एक त्योहार के रूप में शुरू होता है। नवरात्रि के पावन पर्व पर जानिए भारत की ऐसी नौ मजबूत महिला खिलाड़ियों के बारे में जो खेल जगत से जुड़ी हैं, जो देश का मान बढ़ा रही हैं।
नवरात्रि Navratri के नौ दिन नवदुर्गा Navadurga की उपासना होती है। ऐसी स्थिति में हर महिला में देवी का यह रूप भी होता है। देश में देवी मां की अनेक रूपों में पूजा की जाती है, कभी वह माता गौरी के रूप में गणेश जी का लालन पालन करती हैं तो कभी अपने भक्तों को बचाने के लिए माता दुर्गा और मां काली का रूप धारण कर लेती हैं। रसोई में गृहस्थ को भरपूर रखने के लिए माता अन्नपूर्णा हैं तो शिक्षा और ज्ञान education and knowledge का प्रसार करने के लिए माता सरस्वती का स्वरूप पूजनीय है। यदि वह परिवार की देखभाल कर सकती है तो वह राष्ट्र और समाज के विकास में भी योगदान दे सकती है। राजनीति और प्रशासन सहित सभी व्यवसायों में महिलाओं की भागीदारी राजनीति से लेकर प्रशासनिक क्षेत्र और रक्षा मंत्रालय (Administrative Regions and Ministry of Defense) से लेकर खेल जगत तक हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी इसका उदाहरण है। वहीं अगर खेल जगत की बात करें तो हम आज ऐसी महिला खिलाड़ियों Women Players की बात करेंगे जिन्हों ने अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए भारत का मान बढ़ाया है।
भारत में सबसे लोकप्रिय खेल क्रिकेट है। महिला क्रिकेट टीम ने अंततः पुरुषों के समान प्रसिद्धि प्राप्त की, लेकिन इसमें कुछ समय लगा। हालाँकि, महिला क्रिकेट ने एक नए स्तर पर प्रवेश किया, जब मिताली राज ने भारतीय महिला क्रिकेट (Indian women's cricket) टीम की कप्तानी संभाली। मिताली राज वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली महिला बल्लेबाज हैं। उन्होंने भारत के लिए 232 मैचों में हिस्सा लिया। 12 टेस्ट में भी खेले अब तक छह विश्व कप में हिस्सा लेने वाली एकमात्र खिलाड़ी मिताली राज हैं। 16 साल में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (International Cricket) में डेब्यू करने वाली मिताली राज दुनिया की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी की लिस्ट में शामिल हो गईं।
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु की उपलब्धियां भी उतनी ही प्रभावशाली हैं। टोक्यो ओलंपिक में पीवी सिंधु का हैरतअंगेज प्रदर्शन देखने को मिला था।सिंधु पहले ही दो ओलंपिक पदक जीत चुकी हैं। साल 2016 में हुए रियो ओलंपिक में पीवी सिंधु ने रजत पदक जीता था। उन्होंने टोक्यो में ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स के उद्घाटन समारोह में सिंधु ने भारतीय झंडा लहराया। लगातार दो ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली महिला एथलीट सिंधु हैं।
निस्संदेह सानिया मिर्जा अब तक की सबसे सफल भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी हैं। सानिया मिर्जा भारत की सर्वश्रेष्ठ टेनिस खिलाड़ी (Best Tennis Player) थीं और महिला एकल में शीर्ष 30 में स्थान पर थीं। हैदराबाद की एक युवती ने टेनिस की दुनिया में प्रवेश किया और अपनी लगन और कड़ी मेहनत से दुनिया भर के टेनिस खिलाड़ियों को दिखाया कि भारत एक दुर्जेय प्रतिद्वंद्वी है। सानिया मिर्जा ने छह ग्रैंड स्लैम खिताब जीते। ऑस्ट्रेलियन ओपन मिक्स्ड डबल्स 2009 में मिर्जा ने जीता था। डब्ल्यूटीए डबल्स रैंकिंग 2015 में सानिया मिर्जा ने जीती थी। सानिया भारत की एकमात्र टेनिस खिलाड़ी हैं जिनके पास यह रिकॉर्ड है। मिर्जा अब तक 42 डब्ल्यूटीए डबल्स चैंपियनशिप (WTA Doubles Championship) जीत चुकी हैं।
यकीनन भारतीय खेलों के इतिहास में ऐसा कोई नहीं है जिसने धारणाओं को प्रभावित किया हो और राख से उठकर क्रिकेट के प्रति जुनूनी देश का सबसे प्रसिद्ध चेहरा बन गया हो। मणिपुरी किंवदंती मैरी कोमो उनके जीवन पर पहले से ही एक फिल्म है। लेकिन ओलंपिक कांस्य पदक विजेता (Olympic bronze medalist) सिर्फ एक फिल्म से कहीं ज्यादा है।
मैरी कॉम मैंगेट के समर्पण और दृढ़ता ने उन्हें छह बार महिला विश्व चैंपियनशिप (Women's World Championship) जीतने में मदद की। 2012 के ओलंपिक खेलों में, उन्होंने अपने बेजोड़ मुक्केबाजी करियर की शुरुआत करते हुए कांस्य पदक जीता। उन्होंने विचाराधीन वर्ष 2014 में एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता। मैरी कॉम को पद्म श्री पुरस्कार और अर्जुन पुरस्कार मिल चुका है।
अंजू बॉबी जॉर्ज वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली इकलौती भारतीय खिलाड़ी हैं। केरल में 19 अप्रैल 1977 को अंजू बॉबी जॉर्ज का जन्म हुआ था। बचपन से ही उनके माता पिता ने अंजू को खेल के लिए प्रोत्साहित किया। परिवार का साथ मिला तो उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक जीते। विश्व चैंपियनशिप में लंबी कूद स्पर्धा में पदक जीतने वाली भारत की एकमात्र एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज हैं। केरल में, अंजू बॉबी जॉर्ज ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय (National & International) पदक जीते। 2003 में पेरिस में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में, अंजू बॉबी ने लंबी कूद में भारत के लिए प्रतिस्पर्धा की और अपने देश के लिए कांस्य पदक जीता। वह अपनी उपलब्धि से भारत के लिए पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट (Indian athlete) बनीं।
सैया नेहवाल का नाम उनकी कई उपलब्धियों के कारण भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ियों की सूची में सबसे ऊपर है। 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक के साथ, साइना नेहवाल ओलंपिक सम्मान लेने वाली भारत की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी बन गईं। साइना ने लंबे समय तक पूरे विश्व में शीर्ष खिलाड़ी होने का गौरव हासिल किया। 2004 से बैडमिंटन खेल रही साइना 2009 तक शीर्ष 10 खिलाड़ियों की सूची में पहुंच गई थी। साइना ने 2015 की विश्व रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया था। यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला साइना हैं। दूसरी ओर, साइना नेहवाल ने तीन बार ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
साइना नेहवाल और पीवी सिंधु के अलावा एक और बैडमिंटन खिलाड़ी का देश में जाना-पहचाना नाम है। तसनीम मीर ने बैडमिंटन में दुनिया में शीर्ष स्थान हासिल किया है। इस महिला बैडमिंटन खिलाड़ी (Female Badminton Player) को अंडर 19 सिंगल्स में विश्व की पहली खिलाड़ी होने का गौरव प्राप्त हुआ। तसनीम मीर से पहले भारत की कोई भी महिला खिलाड़ी विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर नहीं पहुंची थी। गुजरात की 16 साल की तसनीम मीर बैडमिंटन अंडर-19 में विश्व रैंकिंग में नंबर एक है।
भारतीय महिला मुक्केबाज (Indian Female Boxer) जमुना बोरो की सफलता की कहानी आर्थिक दिक्कतों, मुक्केबाजी में करियर बनाने को लेकर लोगों के ताने सुनने से शुरू हुई। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। 54 किलोग्राम वर्ग में भारत की नम्बर वन मुक्केबाज बनकर जमुना बोरो ने सबकी बोलती बंद कर दी। जमुना अब दुनिया के शीर्ष 5 एथलीटों में शामिल है। साथ ही महिला 54 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने वाली जमुना बोरो ने देश की टॉप बॉक्सर होने का गौरव हासिल किया है। वर्ल्ड यूथ बॉक्सिंग चैंपियनशिप (World Youth Boxing Championship) में जमुना ने कांस्य पदक जीता। 54 किग्रा वर्ग में अंतर्राष्ट्रीय बॉक्सिंग चैंपियनशिप (International Boxing Championship) के रजत पदक विजेता।
रेसिंग के खेल को अपना पेशा चुनने वाली असम की एथलीट हिमा दास ने महज 20 साल की उम्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। एक महीने में हिमा की पांच स्वर्ण पदक जीते के भारत को सम्मान दिलाया। पांच स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट हिमा दास हैं, जिन्हें भारत की फ्लाइंग फेयरी (Flying Fairy) भी कहा जाता है। IAAF वर्ल्ड अंडर 20 चैंपियनशिप में 51.46 सेकेंड में उन्होंने यह कारनामा किया।