Virtual Meeting के बारे में सीखें

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16 Dec 2021
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आज हम आपको वर्चुअल मीटिंग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं। जिसको जानकर आप वर्चुअल मीटिंग के बारे में बेहतर तरीके से समझ पाएंगे।

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इस बदलते दौर में हम सभी हर दिन वर्चुअल मीटिंग्स Virtual Meetings का हिस्सा बनने लगे हैं। कभी-कभी हम जितना चाहते हैं उससे कहीं ज्यादा वर्चुअल मीटिंग्स में शामिल होना आम होता जा रहा है। वर्चुअल मीटिंग्स को अक्सर हमारे शेड्यूल के एक हफ्ते पहले ही तय कर दिया जाता है या मीटिंग्स के शुरू होने से एक घंटे पहले हमारे कैलेंडर पर तय समय की जानकारी मिल जाती है। आंकड़ों के मुताबिक COVID-19 के दौरान लोगों ने वर्चुअल मीटिंग्स में 5.5 बिलियन मिनट से ज्यादा समय बिताया है।

कुछ लोगों के लिए वर्चुअल मीटिंग कोई नई बात नहीं है। चाहे आप वर्षों से वर्चुअल मीटिंग का उपयोग कर रहे हों या आप शुरुआत कर रहे हों, आज हम आपको वर्चुअल मीटिंग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं। जिसको जानकर आप वर्चुअल मीटिंग के बारे में बेहतर तरीके से समझ पाएंगे।

क्या होती है वर्चुअल मीटिंग?

एक वर्चुअल मीटिंग तब होती है जब अलग-अलग जगहों पर लोग एक लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रौद्योगिकी Technology का उपयोग करके एक ही समय में साथ जुड़ते हैं, वर्चुअल मीटिंग की योजना बनाना कुछ हद तक आसान होता है और इसमें वर्चुअल इवेंट Virtual Event जितना समय नहीं लगता।

वर्चुअल मीटिंग कब की जाती हैं?

जब कर्मचारी अलग-अलग जगहों से काम कर रहे हों 

जब किसी कंपनी या व्यवसाय में Remote Workers कर्मचारी अलग-अलग जगहों  से काम करते हैं, इस अवस्था में वर्चुअल मीटिंग का आयोजन किया जाता है, ताकि सभी एक साथ एकत्रित होकर रूबरू हो सकें और काम को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिन विषयों पर चर्चा करने की जरूरत है, वह सभी के साथ मिलकर एक ही जगह पर हो सके।

ग्राहकों और अन्य बाहरी लोगों के साथ संपर्क के लिए

वर्चुअल मीटिंग का आयोजन ग्राहकों के साथ अच्छे संपर्क बनाने और उन्हें कंपनी या संस्था के नए प्रोडक्ट्स और सेवा के बारे में जानकारी देने के लिए भी किया जाता है। इसके साथ ही वर्चुअल मीटिंग्स का उपयोग अन्य बाहरी लोगों से बातचीत करने और अच्छे संपर्क बनाने के लिए भी किया जाता है। 

यात्रा से जुड़े और अन्य खर्च बचाने के लिए

पहले के दौर में जब मीटिंग का आयोजन किया जाता था तो सभी लोग कई जगहों से एक साथ इकट्ठे होकर मीटिंग में शामिल हुआ करते थे, लेकिन अब समय बदल रहा है, समय की मांग के हिसाब से अब ऑनलाइन मीटिंग होने लगी है। जिसका फायदा खर्चे को लेकर भी होता है, जहां पहले यात्रा से जुड़े कई खर्चे होते थे, अब वह खर्चे होने बंद हो गए हैं, साथ ही सामान्य मीटिंग्स में अन्य खर्चे भी हुआ करते थे, वर्चुअल मीटिंग की मदद से उन खर्चो पर भी लगाम लग गई है, इसीलिए भी वर्चुअल मीटिंग का आयोजन बढ़ रहा है।

सही वर्चुअल मीटिंग प्लेटफॉर्म चुनना जरूरी

वर्चुअल मीटिंग को सफल बनाने के लिए बाज़ार में कई अलग-अलग विकल्प हैं। पीएमआई PMI का कहना है कि सही प्लेटफॉर्म चुनना सफलता की राह है। बदलते दौर में वर्चुअल मीटिंग्स करने के लिए कई साधन उपलब्ध है, आजकल कंप्यूटर, लैपटॉप, टेब के अलावा मोबाइल से भी वर्चुअल मीटिंग्स करना संभव हो गया है।

आजकल प्रमुखता से जूम Zoom, गूगल मीट Google Meet, स्काइप Skype आदि प्लेटफार्म का इस्तेमाल काफी हो रहा है।

यह सभी प्लेटफार्म कंप्यूटर, लैपटॉप, टैब, मोबाइल आदि पर वर्चुअल मीटिंग का बेहतरीन अनुभव देते हैं।

्चुअल मीटिंग के लाभ

जैसा कि महामारी ने हमें सिखाया है, कार्यबल न केवल दूर से कार्य कर सकता है, बल्कि उत्कृष्टता भी प्राप्त कर सकता है और वर्चुअल मीटिंग ने दूर सें कार्य करने को संभव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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