हरित ऊर्जा की ओर एक बड़ा कदम उठाते हुए, 2024 जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना" की घोषणा की, जो भारत के ऊर्जा परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखती है. गौरतलब है कि 2024-25 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना का उल्लेख किया था, जिसका लक्ष्य देशभर में 1 करोड़ घरों में सौर ऊर्जा प्रणालियां (सोलर पैनल) स्थापित करना है।
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना न केवल स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देगी, बल्कि आर्थिक वृद्धि, पर्यावरणीय स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।
सरकारा की यह महत्वाकांक्षी योजना देश को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने का एक प्रथम प्रयास है। आंकड़ों के अनुसार, भारत वर्तमान में अपनी तेल जरूरतों का 80% से अधिक आयात करता है, जिससे विदेशी बाजार की उतार-चढ़ाव से ऊर्जा सुरक्षा प्रभावित होती है।
ऐसे में, घरेलू स्तर पर स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देना राष्ट्रहित में ही है। प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत घरों में स्थापित सोलर पैनल न केवल उन्हें बिजली बिलों पर बचत करने में मदद करेंगे, बल्कि राष्ट्रीय ग्रिड में अतिरिक्त बिजली भी दे सकते हैं, जिससे बिजली की कटौती की समस्या कम होगी।
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का लाभार्थी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार होंगे जिनकी वार्षिक आय 1.5 लाख रुपये से कम है। योजना के तहत सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार 40% तक सब्सिडी देगी, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए भी सौर ऊर्जा का लाभ उठाना आसान हो जाएगा।
इसके अलावा, सोलर पैनल निर्माण और स्थापना में स्वरोजगार के अवसर भी पैदा होंगे, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
सौर ऊर्जा अपनाकर, भारत कार्बन उत्सर्जन को कम कर पर्यावरण प्रदूषण को कम करने का भी प्रयास कर रहा है। वर्तमान में, भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश है। यह योजना इस उत्सर्जन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
सौर ऊर्जा एक स्वच्छ और नवीकरणीय स्रोत होने के कारण पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करती है।
"प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना" को सफल बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा। केंद्र सरकार जहां इस योजना के लिए आवश्यक धन मुहैया कराएगी, वहीं राज्य सरकारों को इसकी क्रियान्वयन की जिम्मेदारी लेनी होगी। साथ ही, लोगों को सौर ऊर्जा के लाभों के बारे में जागरूक करना और योजना के बारे में सही जानकारी देना भी जरूरी है।
इसी क्रम में थिंक विथ नीश एक नॉलेज शेरिंग प्लेटफॉर्म Think with Niche a knowledge sharing platform होने की अपनी प्रतिबद्धता को सुनिश्चत करते हुए इस जनोपयोगी और क्रांतिकारी पहल को सफल बनने हेतु योगदान स्वरुप इस ब्लॉगपोस्ट में सूर्योदय योजना से सम्बंधित उपलब्ध महत्वपूर्ण जानकारी अपने पाठकों से साँझा कर रहा है ताकि अधिकतम लोगों तक इसका लाभ पहुंच सके और यह योजना अपने वांछित लक्ष्यों को प्राप्त कर सके।
थिंक विथ नीश का मानना है की, प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम Pradhan Mantri Suryoday Yojana an important step for India है। यह योजना न केवल ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि लोगों के जीवन स्तर को भी सुधारने में मदद करेगी।
भारत में सरकार नई-नई योजनाएँ बनाकर अपने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है। भारत की प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना सतत विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एक करोड़ घरों में सौर पैनल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई यह सरकारी पहल न केवल आर्थिक विकास और स्वरोजगार को बढ़ावा देती है, बल्कि ऊर्जा क्षेत्र को भी आगे बढ़ाती है, खासकर छत पर सौर पैनल निर्माण में।
सौर ऊर्जा को अपनाकर, भारत पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देते हुए, गैर-नवीकरणीय संसाधनो (Non- renewable resources) पर अपनी निर्भरता को सक्रिय रूप से कम कर रहा है। यह ब्लॉग ऊर्जा क्षेत्र में सौर पैनल निर्माण पर प्रधान मंत्री सूर्योदय योजना के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डालेगा।
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना: 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा Ram temple's life consecration के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने हरित ऊर्जा की ओर पहला कदम बढ़ाया है। अयोध्या से वापस लौटकर PM मोदी जैसे ही अपने आवास दिल्ली पहुंचे उन्होने देशभर के 1 करोड़ घरो को सोलर पैनल देने का वादा किया है।
आइये सबसे पहले जानते हैं की :
भारत को सौर ऊर्जा की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि-
भारत में सौर ऊर्जा के महत्व को समझने के लिए, हमें पहले देश की ऊर्जा स्थिति को समझना होगा। वर्तमान में, भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 80% से अधिक जीवाश्म ईंधन से पूरा करता है। यह न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा के लिए भी खतरा है।
सौर ऊर्जा एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है जो भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
आइए जानते हैं भारत के लिए सौर ऊर्जा इतनी महत्वपूर्ण क्यों है:
जैसा कि ऊपर बताया गया है, भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 80% से अधिक जीवाश्म ईंधन से पूरा करता है। यह देश को ऊर्जा सुरक्षा के लिए कमजोर बनाता है। सौर ऊर्जा स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है जो भारत को ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करने में मदद कर सकता है।
जीवाश्म ईंधन जलने से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है, जो जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण है। सौर ऊर्जा एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है जो पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करता है।
सौर ऊर्जा क्षेत्र में निवेश से रोजगार के अवसर पैदा होंगे और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
भारत में बिजली की कमी एक बड़ी समस्या है। सौर ऊर्जा इस समस्या को कम करने में मदद कर सकती है।
भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसके कारण ऊर्जा की मांग भी बढ़ रही है। सौर ऊर्जा इस बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद कर सकती है।
भारत में सौर ऊर्जा की क्षमता बहुत अधिक है। देश में साल भर धूप रहती है, जिसके कारण सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए आदर्श परिस्थितियां हैं।
सौर ऊर्जा की लागत पिछले कुछ वर्षों में काफी कम हुई है। अब यह अन्य ऊर्जा स्रोतों के मुकाबले में अधिक किफायती है।
8. वैश्विक ऊर्जा मांग में भारत की हिस्सेदारी 2040 में दोगुनी होकर 11% होने का अनुमान है, जिससे पर्यावरणीय लागत में वृद्धि के बिना ऊर्जा सुरक्षा और बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाना अनिवार्य हो गया है।
9. यह ऊर्जा का एक अटूट स्रोत है और भारत में अन्य गैर-अक्षय ऊर्जा के लिए सबसे अच्छा प्रतिस्थापन है।
10. सौर ऊर्जा का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों जैसे हीटिंग, सुखाने, खाना पकाने या बिजली के लिए किया जा सकता है, जो भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।
11. सौर ऊर्जा अक्षय है।
22 जनवरी की शाम को प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा "सूर्यवंशी भगवान श्री राम के आशीर्वाद से विश्व के सभी भक्तगणों को हमेशा ऊर्जा मिलती रहती है।आज अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मेरा यह संकल्प आया कि भारतवासियों के घरो की छतो पर उनका अपना सोलर सिस्टम हो।"
पीएम मोदी ने आगे लिखा, ‘अयोध्या से लौटने के बाद मैंने फैसला लिया है कि हमारी सरकार 1 करोड़ घरों पर सोलर पैनल लगाने के लक्ष्य के साथ ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ शुरू करेंगे । इससे गरीब और मध्यम वर्ग का बिजली बिल तो कम होगा ही, साथ ही भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा।
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के माध्यम से 1लाख निम्न-मध्यम आय वाले लोगों की छतों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जो सूर्य की रोशनी में लोगों के घरों को बिजली की आपूर्ति के लिए चार्ज करेंगे। इसके लगने से बिजली के घटकों में जहां कमी आएगी, वही से लोगों को बिजली के कनेक्शन के लिए भर्ती से लेकर बिल तक की आपूर्ति की जाएगी।
इसे लेकर पीएम मोदी ने दिल्ली के लोक कल्याण मार्ग पर अपने आवास पर संबंधित विभाग की वेबसाइट बनाई और कहा कि जिनके घरो में छत है, उन्हें सूर्य की ऊर्जा का लाभ मिलेगा और बिजली का बिल भी कम होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से बिजली के सिद्धांत का उपयोग करके भारत को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।
इसके अलावा, जिन लोगों के घरों में छत पर जगह है, वे भी इसी तरह से इस्तेमाल कर सकते है । साथ ही साथ सोलर रूफटॉप सिस्टम का फ़ायदा यह भी होता है कि इसमें भारी नकद बार-बार खर्च नहीं होता। शुरुआत में थोड़ा-बहुत खर्चा करके जब सोलर पैनल आपकी छत पर लग जायेगा तो बस खर्च की ज्यादा जरूरत नहीं होती । मेंटीनेंस में भी काफी कम खर्चा आता है।
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का प्राथमिक उद्देश्य सौर पैनलों के माध्यम से ग्रामीण और शहरी परिवारों को बिजली का एक विश्वसनीय स्रोत प्रदान करना है। ऊर्जा के गैर-नवीकरणीय स्रोतों पर उनकी निर्भरता को कम करके, प्रधान मंत्री सूर्योदय योजना का उद्देश्य आर्थिक विकास, स्वरोजगार और सौर पैनलों के निर्माण में योगदान देना है। इस पहल से न केवल परिवारों को लाभ होता है बल्कि ऊर्जा क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलता है, रोजगार के अवसर पैदा होते हैं और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलता है।
हालांकि, इसके लिए अभी तक सरकार ने कोई ऑफिशियल वेबसाइट, पोर्टल या किसी प्रक्रिया का अभी तक कोई ऐलान नहीं किया है। जल्द ही इसे लेकर पोर्टल जारी किया जाएगा। लेकिन, इसका आवेदन सरकारी पोर्टल नैशनल पोर्टल फॉर रूफटॉप सोलर (National Portal for Rooftop Solar) पर किया जाएगा। आइए जानें कैसे
1. इस नई स्कीम के तहत अप्लाई करने के लिए आपको सरकार के ऑफिशियल पोर्टल पर जाना होगा और नामांकन करना होगा।
2. रजिस्ट्रेशन करते ही आपका अपना अकाउंट क्रिएट हो जाएगा। उसपर जाकर लॉगिन करना है और जरूरी जानकारी जैसे इलेक्ट्रीसिटी कंज्यूमर नंबर, मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी मांगी जा सकती है, जिसे अपलोड कर आपको सब्मिट कर देना है।
3. इसके बाद आपको सरकार की तरफ से उन रजिस्टर्ड विक्रेता की सूची मिल जाएगी, जो आपके क्षेत्र में उपलब्ध हैं।
4. सूची में विक्रेता को सिलेक्ट करने के बाद आपका आवेदन अप्रूवल के लिए डिस्कॉम (DISCOM) के पास पहुंच जाएगा।
5. जैसे ही DISCOM की तरफ से अप्रूवल मिल जाता है, आप सोलर प्लांट लगवा सकेंगे।
6. जैसे ही सोलर प्लांट इंस्टाल हो जाता है, प्लांट की डिटेल आपको ऑफिशियल वेबसाइट पर सब्मिट करनी है, और नेट मीटर के लिए अप्लाई करना है।
7. अंतिम चरण। आपको पोर्टल के माध्यम से ही बैंक डिटेल विवरण और कैंसेल्ड चेक सबमिट करना होगा। कुछ ही दिनों में सरकार की तरफ से मिलने वाला फायदा आप तक पहुंच जाएगा।
वितरण कंपनियाँ (DISCOM), जो ऊर्जा उत्पादकों को घरों से जोड़ती हैं और वितरण का काम संभालती हैं। दूसरे शब्दों में, DISCOMS (वितरण कंपनियों) के रूप में जानी जाने वाली उपयोगिताएँ वे हैं जो आम तौर पर जनरेटर से ऊर्जा खरीदती हैं और इसे ग्राहकों को बेचती हैं
आवेदन के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?
1. भारत का स्थाई निवासी होना आवश्यक है
2. आवेदन करने वाले व्यक्ति की वार्षिक आय 1.5 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
3. आवेदन करने वाले व्यक्ति के परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी कर्मचारी या आयकरदाता नहीं होना चाहिए।
अगर आप भी प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत सोलर पैनल अपने घर में लगवाना चाह रहे हैं तो नीचे बताए गए कुछ दस्तावेजों की जानकारी आपको मिल सकती है। इसके लिए सरकार की तरफ से पोर्टल जारी होने के बाद पूरी तरह से जानकारी मिल सकती है। प्रधानमंत्री ने बड़ी तेजी से यह फैसला लिया है, उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार जल्द ही पूरी प्रक्रिया को शुरू कर देगी। ऐसे में आप सभी डॉक्यूमेंट्स के साथ तैयार रहें और समय रहते ही इन्हें अप्लाई कर लें।
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उसी दिन प्रधानमंत्री की तरफ से लिया गया यह फैसला कम और मध्यम आय वाले लोगों के लिए है। यानी इस योजना के अंतर्गत लोअर-मिडिल इनकम क्लास के लोगों के घरो में सोलर एनर्जी से बिजली की आपूर्ति की जाती है।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy) की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, दिसंबर 2023 तक भारत की सोलर एनर्जी क्षमता करीब 73.31 गीगावॉट तक पहुंच गई है। इस बीच, दिसंबर 2023 तक रूफटॉप (छत पर लगा पैनल) सोलर क्षमता लगभग 11.08 गीगावॉट है।
केंद्र के पास वर्तमान में जो नेशनल रूफटॉप योजना है यह सोलर रूफटॉप प्रोजेक्ट की कुल लागत का 40 फीसदी वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
Also Read: हरित क्रांति क्या है? भारत में हरित क्रांति का प्रभाव
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना में सौर पैनल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वे सौर ऊर्जा उत्पादन के प्राथमिक स्रोत के रूप में काम करते हैं। प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का सौर पैनल निर्माण पर जोर नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने और पर्यावरणीय स्थिरता प्राप्त करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है। सौर ऊर्जा एक स्वच्छ और प्रचुर संसाधन है जिसका उपयोग भारत की बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है। सौर पैनलों का निर्माण करके, भारत न केवल अपने कार्बन पदचिह्न को कम करता है बल्कि अपने नागरिकों के लिए एक विश्वसनीय और टिकाऊ ऊर्जा स्रोत भी सुनिश्चित करता है।
सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) एक सरकारी व्यवसाय है, जिसका गठन राष्ट्रीय सौर मिशन (NSM) के कार्यो में सहायता के लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय बनाया गया है। यह पहला केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (PSU) है जो पूरी तरह से सौर ऊर्जा के लिए समर्पित है। संपूर्ण नवीकरणीय ऊर्जा डोमेन को शामिल करने के लिए फर्म के दायरे का विस्तार किया गया है, और कंपनी को भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा निगम (आरईसीआई) कहा जाएगा। SECI ने विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों के लिए टर्नकी सौर परियोजना विकास में भी प्रवेश किया है।
सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए सौर प्रणालियों की आवश्यकता होती है। सोलर सिस्टम स्थापित करने के लिए कीमतों और खर्चों के अनुरूप सोलर पैनल सब्सिडी भी आवश्यक है। इन वित्तीय मामापदंड को पूरा करने के लिए, सरकार आपके खर्चों को नियंत्रित करने और सस्ते में छत पर सौर प्रणाली लगाने में मदद करने के लिए विभिन्न सौर पैनल सब्सिडी प्रदान करती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने सोलर रूफटॉप पावर प्लांट नाम से एक प्रोजेक्ट लॉन्च किया है। यह अभियान मुख्य रूप से ऊर्जा को संरक्षित करने और अन्य ईंधन की मांग को कम करने के लिए व्यक्तियों को सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
सौर प्रणाली स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय निवेश की आवश्यकता होती है। ऐसे मामलों में, सौर सब्सिडी वित्तीय सहायता देती है और आपको बोझ से राहत देती है।
सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि सौर प्रणाली द्वारा उत्पन्न बिजली के किलोवाट के आधार पर भिन्न होती है। उदाहरण के लिए, 3kW तक के लिए सोलर पैनल सब्सिडी कुल लागत का 40% है, जबकि 4kW से 10kW के लिए यह 20% है। आप अपनी जरूरतों के आधार पर सब्सिडी का चयन करें।
अपनी छत पर सौर प्रणाली बनाने के लिए सब्सिडी का उपयोग करें। आप रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन प्राप्त कर सकते हैं। आपके वार्षिक बिजली बिल पर उत्पन्न कुल सौर ऊर्जा पर 1 प्रति यूनिट।
आवासीय उपभोक्ताओं के बीच सौर ऊर्जा अपनाने को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम में, भारत सरकार ने जनवरी 2024 तक केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) सब्सिडी में 23% की वृद्धि की घोषणा की है। एमएनआरई (केंद्रीय सब्सिडी योजना) के तहत सौर सब्सिडी कैशबैक को बढ़ाकर: 1-3 किलोवाट क्षमता के बीच आवासीय सौर छत प्रणालियों के लिए 18,000 रुपये प्रति किलोवाट (पिछले 14,588 रुपये/किलोवाट से) कर दिया गया है।
सरकार ने सौर सब्सिडी की तारीख को 31 मार्च, 2026 तक बढ़ा दिया है। इस योजना के तहत, जो घर मालिक इस समय सीमा से पहले अपनी छतों पर सौर पैनल स्थापित करते हैं, वे वित्तीय प्रोत्साहन के लिए पात्र हैं। यह पहल सौर ऊर्जा को बढ़ाने के उद्देश्य से एक व्यापक रणनीति का एक महत्वपूर्ण कारण है।
बाज़ार के अग्रणी खिलाड़ी इस पहल में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। निर्माता देश भर में सौर पैनलों को अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस पहल में इन निर्माताओं के योगदान को उजागर करना, उनकी विशेषज्ञता और स्थायी ऊर्जा समाधानों के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करना आवश्यक है।
भारत में सौर ऊर्जा क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है और सोलर पैनल की मांग लगातार बढ़ रही है। 2024 में, भारत में कई सोलर पैनल निर्माता हैं जो उच्च गुणवत्ता वाले पैनल का उत्पादन करते हैं।
यहां भारत के टॉप 10 सोलर पैनल निर्माताओं की सूची दी गई है (2024):
टाटा पावर सोलर भारत में सबसे बड़ा सोलर पैनल निर्माता है। यह कंपनी 1989 से सोलर पैनल का उत्पादन कर रही है और 4.6 GW से अधिक सोलर पैनल स्थापित कर चुकी है।
अडानी ग्रीन एनर्जी भारत में दूसरा सबसे बड़ा सोलर पैनल निर्माता है। यह कंपनी 2015 से सोलर पैनल का उत्पादन कर रही है और 3.5 GW से अधिक सोलर पैनल स्थापित कर चुकी है।
वेरी सोलर भारत में तीसरा सबसे बड़ा सोलर पैनल निर्माता है। यह कंपनी 2007 से सोलर पैनल का उत्पादन कर रही है और 3 GW से अधिक सोलर पैनल स्थापित कर चुकी है।
वाॅरी एनर्जी भारत में चौथा सबसे बड़ा सोलर पैनल निर्माता है। यह कंपनी 1989 से सोलर पैनल का उत्पादन कर रही है और 2.5 GW से अधिक सोलर पैनल स्थापित कर चुकी है।
लूम सोलर भारत में पांचवां सबसे बड़ा सोलर पैनल निर्माता है। यह कंपनी 2012 से सोलर पैनल का उत्पादन कर रही है और 2 GW से अधिक सोलर पैनल स्थापित कर चुकी है।
विक्रम सोलर भारत में छठा सबसे बड़ा सोलर पैनल निर्माता है। यह कंपनी 2006 से सोलर पैनल का उत्पादन कर रही है और 1.5 GW से अधिक सोलर पैनल स्थापित कर चुकी है।
जिंदल सोलर भारत में सातवां सबसे बड़ा सोलर पैनल निर्माता है। यह कंपनी 2010 से सोलर पैनल का उत्पादन कर रही है और 1 GW से अधिक सोलर पैनल स्थापित कर चुकी है।
स्थापना: 2011 मुख्यालय: सूरत, गुजरात संस्थापक एवं एमडी: ईश्वर ढोलकिया
Goldi Solar भारत के सबसे तेजी से बढ़ते सोलर पैनल निर्माताओं में से एक है। कंपनी उच्च गुणवत्ता वाले सोलर पैनल का उत्पादन करती है जो कि प्रतिस्पर्धी मूल्य पर उपलब्ध हैं। Goldi Solar उत्कृष्ट ग्राहक सेवा भी प्रदान करती है।
Goldi Solar को भारत के टॉप 10 सोलर पैनल निर्माताओं की सूची में शामिल किया जा सकता है।
रिन्युसिस इंडिया भारत में नौवां सबसे बड़ा सोलर पैनल निर्माता है। यह कंपनी 2008 से सोलर पैनल का उत्पादन कर रही है और 0.5 GW से अधिक सोलर पैनल स्थापित कर चुकी है।
पतंजलि रिन्यूएबल भारत में दसवां सबसे बड़ा सोलर पैनल निर्माता है। यह कंपनी 2017 से सोलर पैनल का उत्पादन कर रही है और 0.5 GW से अधिक सोलर पैनल स्थापित कर चुकी है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह सूची केवल अनुमानित है और सोलर पैनल निर्माताओं की रैंकिंग समय के साथ बदल सकती है।
निष्कर्ष Conclusion
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना भारतीय घरों और ऊर्जा उद्योगों के लिए एक गेम-चेंजर है। प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का एक करोड़ घरों में सौर पैनल उपलब्ध कराने का लक्ष्य न केवल स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देता है बल्कि बिजली बिल भी कम करता है। सौर ऊर्जा इस पहल में महत्वपूर्ण है, जो घर मालिकों के लिए कई लाभ प्रदान करती है और छत पर सौर पैनलों के निर्माण में एमएसएमई के लिए अवसर पैदा करती है।
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना योजनाओं और सब्सिडी के माध्यम से सरकारी समर्थन के साथ, सौर पैनल विनिर्माण क्षेत्र में प्रवेश करना अब और अधिक सुलभ हो गया है। सॉल्यूशनबग्गी भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्रांति में योगदान करते हुए, सौर पैनल विनिर्माण व्यवसाय शुरू करने के इच्छुक लोगों के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और सेवाएं प्रदान कर सकता है।